76 से 100 प्रतिशत फसल के नुकसान के लिए प्रति एकड़ मुआवजा 12 हजार रुपए से बढ़ाकर 15 हजार रुपए किया
CHANDIGARH, 31 MARCH: प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान से राहत देने के लिए किसान हितैषी फ़ैसले में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब कैबिनेट ने शुक्रवार को फ़सल के हुए नुकसान का मुआवज़ा 25 प्रतिशत बढ़ाने की मंज़ूरी दे दी, जिससे अन्नदाता को बड़ी राहत मिलेगी। इस सम्बन्धी फ़ैसला आज पंजाब सिविल सचिवालय-1 में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में हुई भारी बारिश, ओलावृष्टि और तेज़ हवाओं के कारण हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने फ़सल के 76 से 100 प्रतिशत तक हुए नुकसान के लिए मुआवज़ा 12 हज़ार से बढ़ाकर 15 हज़ार रुपए प्रति एकड़ करने का फ़ैसला लिया है। यह कदम प्रभावित किसानों को बड़ी राहत देगा क्योंकि वह सरकार से उचित वित्तीय राहत लेने के योग्य होंगे। यह राहत राशि पहली मार्च, 2023 से लागू मानी जाएगी।
रजिस्ट्री पर लगने वाली स्टैंप ड्यूटी पर फीस में 2.25 प्रतिशत छूट की समय-सीमा 30 अप्रैल तक बढ़ाई
सार्वजनकि हितों के मद्देनजऱ मंत्री मंडल ने सम्पत्ति/ज़मीन की रजिस्ट्री करवाने वालों के लिए स्टैंप ड्यूटी और फीस में 2.25 प्रतिशत छूट की समय-सीमा 30 अप्रैल, 2023 तक बढ़ाने की सहमति दे दी है। इस समय के दौरान रजिस्ट्री करवाने वालों को अब एडीशनल स्टैंप ड्यूटी से एक प्रतिशत, पी.आई.डी.बी. फीस से एक प्रतिशत और विशेष फीस से 0.25 प्रतिशत छूट होगी।
कृषि विभाग में 2574 किसान मित्र और 108 फील्ड सुपरवाइजऱ की सेवाएं अस्थायी तौर पर लेने की सहमति
कैबिनेट ने कृषि विभाग में 2574 किसान मित्रों और 108 फील्ड सुपरवाईजऱों की सेवाएँ अस्थायी तौर पर लेने की भी मंजूरी दे दी। यह किसान मित्र और फील्ड सुपरवाइजऱ किसानों को गेहूँ और धान के फ़सलीय चक्र में से निकलकर कम पानी लेने वाली कपास और बासमती जैसी फसलों की कृषि के लिए प्रेरित करेंगे। इस कदम से जहाँ एक ओर फ़सलीय विविधता को बढ़ावा देकर भूजल बचाने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर युवाओं के लिए रोजग़ार का अवसर मुहैया होगा।
पंजाब कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट-2023 के गठन को मंजूरी
मंत्री मंडल ने राज्य में नहरों और सेम नालों के नियंत्रण और प्रबंधन के लिए पंजाब कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट-2023 को मंजूरी दे दी है। इस एक्ट का मुख्य उद्देश्य किसानों और ज़मीन मालिकों के लिए सिंचाई के मंतव्य के लिए, रख-रखाव, मरम्मत और नहरों, ड्रेनेज और प्राकृतिक जल मार्गों की समय पर सफ़ाई के लिए नहरी पानी को बिना किसी रुकावट के सुनिश्चित बनाना है। इसके अलावा पानी का प्रयोग करने वालों और पानी की अनावश्यक बर्बादी के विरुद्ध ओर नियमित पाबंदियों की शिकायतों के निपटारे के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी विधि तैयार करना है।
मौजूदा समय में राज्य में सिंचाई, नेविगेशन और सेम नालों से सम्बन्धित गतिविधियों को नॉर्थ इंडिया कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट-1873 के अंतर्गत नियंत्रित किया जाता है, जिसको ब्रिटिश हुकूमत के दौरान भारत सरकार द्वारा लागू किया गया था। समय के बीतने और राज्य के पुनर्गठन के साथ उक्त एक्ट में शामिल उपबंधों की संख्या ख़त्म हो गई है। पंजाब ने उपरोक्त गतिविधियों के प्रबंधन और नियंत्रण के लिए कोई अलग कानून नहीं बनाया था।
पंजाब बाल मज़दूरी (रोकथाम और रैगूलेशन) संशोधन नियम-2023 के गठन को मंज़ूरी
बाल और किशोर मज़दूरी की कुप्रथा को ख़त्म करने के लिए मंत्री मंडल ने बाल मज़दूरी (रोकथाम और रैगूलेशन) संशोधन एक्ट-2016 के द्वारा बाल मज़दूरी (रोकथाम और रैगूलेशन) एक्ट-1986 में संशोधन से बाल मज़दूरी (रोकथाम और रैगूलेशन) नियम-2023 के गठन को मंज़ूरी दे दी है।
रक्षा सेवा कल्याण, रोजग़ार सृजन और जल संसाधन विभागों के नए सेवा नियमों को मंजूरी
एक अन्य अहम फ़ैसले में मंत्री मंडल ने रक्षा सेवा कल्याण विभाग के पुनर्गठन के बाद ग्रुप-ए सेवा नियम तैयार करने की मंज़ूरी दे दी है। यह नियम नोटिफिकेशन के अमल में आने के बाद लागू होंगे। इसी तरह मंत्री मंडल ने रोजग़ार सृजन, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण विभाग के ग्रुप-ए, बी और सी के लिए विभागीय नियमों को मंज़ूरी दे दी है। मंत्री मंडल ने जल संसाधन विभाग के अलग-अलग पदों के सेवा नियमों को मंजूरी दे दी है। विभाग में मुख्य कार्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों में यह नियम ग्रुप-ए, बी और सी सेवाओं के इंजनियरिंग, वैज्ञानिकों, तकनीकी, मिनिस्टरियल के साथ-साथ नॉन-टैक्निकल स्टाफ से सम्बन्धित हैं।
जेलों में बंद कैदियों की अग्रिम रिहाई के लिए केस भेजने के लिए हरी झंडी
मंत्री मंडल ने राज्य की जेलों में उम्र कैद भुगत रहे आठ कैदियों की अग्रिम रिहाई के लिए केस भेजने के लिए हरी झंडी दे दी है। भारत सरकार की धारा 163 के अंतर्गत मंत्री मंडल की मंज़ूरी के बाद यह विशेष माफी/अग्रिम रिहाई के मामले भारतीय संविधान की धारा 161 के अधीन राज्यपाल को भेजे जाएंगे। मंत्री मंडल ने भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाए जा रहे ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के दूसरे पड़ाव में जेलों में बंद कैदियों की विशेष माफी के केस भेजने की मंजूरी दे दी।