पंजाब मंत्रिमंडल ने औद्योगिक और व्यापारिक विकास नीति-2022 को दी हरी झंडी

17 अक्तूबर-2022 से अमल में आएगी यह नीति, पांच सालों के लिए रहेगी लागू

CHANDIGARH, 3 FEB: संतुलित आर्थिक विकास, नौकरियों के मौके पैदा करने और राज्य के सर्वपक्षीय विकास के लिए उद्योग और व्यापार के लिए उपयुक्त माहौल सृजित करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने आज नयी औद्योगिक और व्यापारिक विकास नीति-2022 को हरी झंडी दे दी है जो 17 अक्तूबर, 2022 से अमल में आयेगी।

मुख्यमंत्री दफ़्तर के प्रवक्ता ने बताया कि नयी नीति 17 अक्तूबर, 2022 से अमल में आयेगी और पाँच सालों के लिए लागू रहेगी, जिससे राज्य में औद्योगिक विकास को बड़ा बढ़ावा मिलेगा और नौजवान के लिए रोज़गार के नये मौके भी पैदा होंगे। इस नीति के अंतर्गत प्रमुख क्षेत्रों जैसे कि बुनियादी ढांचा, ऊर्जा, सूक्ष्म, दर्मियाने और छोटे उद्योग (एम. एस. एम. ई.), बड़े उद्योग, इनोवेशन, स्टार्ट-अप और उद्यम, हुनर विकास, कारोबार को आसान बनाने, वित्तीय और ग़ैर-वित्तीय छूटों, एक्सपोर्ट प्रोमोशन, लॉजिस्टिकस, उद्यमियों के साथ संबंध और शिकायतों के निपटारे को आधार बनाया गया। इस नीति के अंतर्गत राज्य अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों की सामान्य और क्षेत्र आधारित विशेष ज़रूरतों को कवर करने वाले 15 औद्योगिक पार्क और राज्य भर में 20 ग्रामीण कलस्टर विकसित करेगा।

इस नीति के अंतर्गत पंजाब देश के बुनियादी ढांचे और अन्य मापदण्डों की अनुमति देकर निवेश को आकर्षित करने के लिए देश आधारित एकीकृत इंडस्टरियल टाउनशिप स्थापित करने की भी इजाज़त देगा। उन्होंने आगे बताया कि पंजाब लघु उद्योग और निर्यात निगम (पी. एस. आई. ई. सी) को मज़बूत किया जायेगा और सभी अस्टेट मैनेजमेंट सेवाओं के लिए समयबद्ध ढंग से ऑनलाइन सिस्टम विकसित किया जायेगा। बिजली ड्यूटी छूट की रियायत देने के लिए बिजली विभाग द्वारा नोटिफिकेशन इनवैस्ट पंजाब बिज़नस फस्ट पोर्टल के द्वारा ऑनलाइन और समयबद्ध जारी करना यकीनी बनाया जायेगा।

एम. एस. एम. ई. सैक्टर को बढ़ावा देने के लिए नयी नीति के अंतर्गत राज्य एक सांझा सुविधा और प्रौद्यौगिकी केंद्र स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए उद्योग और व्यापार विभाग के समर्पित विंग के तौर पर ‘एम. एस. एम. ई. पंजाब’ की स्थापना करेगा। एम. एस. एम. ई. के लिये राज्य विश्व बैंक की सहायता प्राप्त भारत सरकार की स्कीम ‘एम. एस. एम. ई. की कारगुज़ारी को उत्साहित और तेज करने (आर. ए. एम. पी.) को भी लागू करेगा। इसी तरह राज्य महिलाओं/अनुसूचित जातियों/ अन्य उद्यमों पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए ‘पंजाब इनोवेशन मिशन’ के द्वारा राज्य में नवीनतम और स्टारट-अप को उत्साहित करने के लिए स्टार्ट-अप पंजाब को भी मज़बूत करेगा।

इस नीति के अंतर्गत लिंग/दिव्यांग उद्यमी/ ग्रामीण पृष्टभूमि वाले स्टार्ट-अप/महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप और दूसरे स्टार्ट-अप को तजुर्बे और टर्न ओवर के संदर्भ में सार्वजनिक खरीद में छूट दी जायेगी। ‘पंजाब हुनर विकास मिशन’ अलग-अलग गतिविधियों के लिए विशेष हुनर विकास केन्द्रों की स्थापना करेगा और ऐसे रोज़गारदाताओं के साथ सांझेदारी में हुनर प्रशिक्षण सहूलतें पैदा करने के लिए अलग-अलग उद्योग क्षेत्रों में बड़े रोज़गारदाताओं के साथ काम करेगा। नयी नीति अनुसार ‘इनवैस्ट पंजाब बिज़नस फस्ट पोर्टल’ को ‘नेशनल सिंगल विंडो पोर्टल’ के साथ जोड़ा जायेगा और इसमें एन. एच. ए. आई., लोक निर्माण विभाग, आर. डी. ए., सिंचाई विभाग और जंगलात की सेवाएं भी शामिल की जाएंगी।

यह नीति आधुनिकीकरण/विभिन्नता के साथ या बिना विस्तार के लिए नयी इकाईयों और मौजूदा इकाईयों के लिए वित्तीय रियायतें भी निर्धारित करती है। इस नीति में यह व्यवस्था की गई है कि परिवर्तनशील बिजली दरों को पाँच सालों के लिए 5.50 रुपए प्रति के. वी. ए. एच. के लिये स्थिर किया जायेगा और कम से कम 50 एकड़ के क्षेत्र में विकसित किये गए प्रवानित औद्योगिक पार्क/ मनोरंजन पार्क/एडवेंचर पार्कों में निर्माण यूनिटों/ आई. टी./आई. टी. इज़ इकाईयों के लिए लागू होगा। यह नीति अधिक-बढ़े/बढ़े प्रोजेक्टों, एंकर यूनिट, बड़ी इकाईयों, एम. एस. एम. इज़ और बीमार बड़ी इकाईयों/ एम. एस. एम. इज़ के पुर्नवास के लिए आकर्षित वित्तीय रियायतों, सरहदी ज़ोन में इकाईयों के लिए विशेष रियायतों, स्टार्ट-अप/ इंकूबेटरों और निर्माण और सेवा के हरेक क्षेत्र में सरहदी जोन में पहली दो इकाईयों के लिए आकर्षक वित्तीय रियायतें प्रोत्साहन भी प्रदान करती हैं।

इस नीति के अनुसार इलेक्ट्रिक व्हीकल समेत आटो/आटो कम्पोनेंट्स का निर्माण, फिटनेस साजो-सामान समेत खेल का सामान, पावर टूलज़ और मशीन टूलज़ समेत हैड टूल, कृषि मशीनरी और उपकरण, कागज़ आधारित पैकेजिंग यूनिट, शरैडिंग इकाईयों समेत सर्कुलर आर्थिक गतिविधि, आधारित प्रबंधन इकाईयों और ‘एक ज़िला, एक उत्पाद’ को उच्च वित्तीय रियायत के उद्देश्य के लिए विशेष सैक्टर की श्रेणी में शामिल किया गया है। वित्तीय रियायत में स्टैंप ड्यूटी से 100 प्रतिशत छूट, विशेष सैक्टर और एंकर इकाईयों में इकाईयों को सी. एल. यू./ई. डी. सी. पर 100 प्रतिशत छूट और 7 साल से 15 साल तक बिजली ड्यूटी से 100 प्रतिशत छूट शामिल है।

इस नीति के 7 से 15 सालों के समय में एफ. सी. आई. के 200 प्रतिशत तक राज्य के हिस्से का जी. एस. टी. की अदायगी के रूप में निवेश सब्सिडी को वर्णित किया गया है। एम. एस. एम. इज़ को तकनीक, वित्त, मार्किटिंग, वातावरण की पालना, ई-कामर्स और निर्यात इकाईयों के लिए राजस्व भाड़ा सब्सिडी और ज़मीनी पानी के खर्चों से छूट के क्षेत्र में वित्तीय रियायत भी प्रदान की जा रही है। खोज और विकास गतिविधियां प्रदान करने में लगे नये सूक्ष्म और छोटे उद्योगों, निर्यात इकाईयों और सेवा उद्यमों को भी 50 लाख रुपए तक के स्थिर पूँजी निवेश पर 50 प्रतिशत पूँजी सब्सिडी प्रदान की जायेगी। नीति के अनुसार एंकर यूनिट को 5 सालों की मियाद के लिए प्रति कर्मचारी 36000/- रुपए प्रति साल और महिला अनुसूचित जाति/बीसी/ओबीसी कर्मचारियों के लिए 48000/-रुपए प्रति साल तक रोज़गार सृजन सब्सिडी प्रदान की गई है।

यह नीति क्षेत्र विशेष रियायत प्रदान करती है जैसे कि फूड प्रोसेसिंग उद्योग को 10 सालों की मियाद में 100 प्रतिशत मार्केट फीस/ आरडीएफ की 100 प्रतिशत छूट, आई. टी./ आई. टी. इज़ को 2.5 करोड़ रुपए तक के यूनिट के लिए एफ. सी. आई. के 50 प्रतिशत पूँजी सब्सिडी, भारत सरकार की ए-टी. यू. बी. स्कीम के अधीन कवर किये गए ऐसे यूनिटों को अतिरिक्त सहायता के तौर पर कपड़ों और मेकअप और तकनीकी टेक्स्टाईल को पाँच सालों के लिए 10 लाख रुपए पर 5 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी शामिल है।

इसी तरह एम. ई. आई. टी. वाई. की एस. पी. ई. सी. एस. स्कीम के अधीन समर्थित पहली 10 ई. एस. डी. एम. यूनिटों को प्रति यूनिट 10 करोड़ रुपए तक 50 प्रतिशत टॉप अप 10 सब्सिडी शामिल है। मौजूदा बायलरों को धान की पराली पर आधारित बायलरों से बदलने के लिए बायलर की 75 प्रतिशत लागत तक राज्य के हिस्से के जी. एस. टी. से रिआयत और धान की स्टोरेज की खरीद के लिए स्टैंप ड्यूटी की छूट प्रदान की गई है। यह रियायत पहले 50 इकाईयों के लिए उपलब्ध होगी।
इस नीति के अंतर्गत निजी औद्योगिक पार्कों के विकास को उत्साहित किया जायेगा और कम से कम 25 एकड़ (आई. टी. के लिये 10 एकड़) के अंदर स्थापित किये गए औद्योगिक पार्क को औद्योगिक और ई. डब्ल्यू. एस. रिहायशी हिस्से पर सी. एल. यू./ ई. डी. सी. की 100 प्रतिशत छूट दी जायेगी। एस. पी. वी. द्वारा स्थापित निजी औद्योगिक पार्क को 25 प्रतिशत या अधिक से अधिक 25 करोड़ रुपए की पूँजी सब्सिडी की अतिरिक्त रियायत प्रदान की जायेगी। आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग (एच. यू. डी.) द्वारा बिल्डिंग उप-नियमों में ढील दी जायेगी, मोहाली के सैक्टर 102 में लॉजिस्टिक पार्क विकसित किया जायेगा और औद्योगिक जोन में बाहरी विकास खर्चों का 50 प्रतिशत औद्योगिक बुनियादी ढांचे के सुधार पर ख़र्च किया जायेगा।

वित्तीय रियायत के बारे प्रक्रिया की ’इनवैस्ट पंजाब बिज़नस फस्ट पोर्टल’ के द्वारा कार्यवाही की जायेगी और 25 करोड़ रुपए तक के स्थिर पूँजी निवेश वाले मामलों को ज़िला स्तर पर मंज़ूरी दी जायेगी और 25 करोड़ रुपए से अधिक के मामलों की कार्यवाही राज्य स्तर पर की जायेगी और यह रियायतें ऑनलाइन आधारित राज्य स्तरीय सीनियारता अनुसार दी जाएंगी। वित्तीय रियायतों के मामलों की मंजूरी के लिए गठित ज़िला स्तरीय और राज्य स्तरीय कमेटी में उद्योग की नुमायंदगी होगी।

इस नीति के अनुसार, 10 सितम्बर, 2022 तक उद्योग और व्यापार विकास नीति-2017 के अंतर्गत सांझे आवेदन फार्म दायर की गई इकाईयाँ जी. डी. पी.-2017 के अंतर्गत रियायतों प्राप्त कर सकतीं हैं, बशर्ते वह सांझे आवेदन फार्म फाइल करने से पाँच सालों के अंदर व्यापारिक उत्पादन प्राप्त कर लें जिन इकाईयों ने 10 सितम्बर, 2022 से 16 अक्तूबर, 2022 के बीच सांझा आवेदन फार्म दायर किया है, वे उद्योग और व्यापार विकास नीति-2017 का चयन कर सकते हैं बशर्ते वह कुछ शर्तें पूरी करें। जिन्होंने उद्योग और व्यापार विकास नीति-2017 के अंतर्गत सांझा आवेदन फार्म दायर किया है और 16 अक्तूबर, 2022 तक उत्पादन में नहीं हैं, इस नीति की सूचना से 90 दिनों के अंदर एक ऑनलाइन विकल्प जमा करके (बी. डी. पी.-2022) चयन कर सकते हैं

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