पंजाब कैबिनेट ने नए सरकारी कॉलेजों में 160 असिस्टेंट प्रोफैसरों और 17 लाइब्रेरियनों के पद भरने को मंजूरी दी

9 फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों और इनमें 117 पदों का सृजन करने को भी दी स्वीकृति

CHANDIGARH: राज्य की विभिन्न तहसीलों में स्थापित किये 18 नये सरकारी कॉलेजों को सुचारू ढंग से चलाने के लिए पंजाब मंत्रीमंडल द्वारा आज इन कॉलेजों में 160 असिस्टेंट प्रोफैसरों और 17 लाइब्रेरियनों के पद भरने की मंजूरी दी गई।

इस भर्ती को पंजाब लोक सेवा आयोग के घेरे में से निकालते हुए विभागीय चयन कमेटी के द्वारा भरने का फ़ैसला किया गया। यह फ़ैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में हुई आज पंजाब कैबिनेट की मीटिंग में किया गया।

मंत्रीमंडल ने विभागीय चयन कमेटी के गठन को भी मंज़ूरी दे दी जिसके चेयरपर्सन यू.जी.सी. के पूर्व चेयरमैन प्रो. वेद प्रकाश होंगे जबकि गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर के वाइस चांसलर, डी.पी.आई. (कॉलेज), सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के प्रमुख सचिव का नुमायंदा (जुआइंट डायरेक्टर के रैंक से कम न हो) और तीन विषय माहिर (कमेटी द्वारा प्रोफ़ैसर के रैंक से कम न चुना जाये) इसके मैंबर होंगे। कमेटी के लिए चयन प्रक्रिया दौरान यू.जी.सी. के दिशा निर्देशों का सख्ती के साथ पालना करना ज़रूरी होगा।

यह फ़ैसला राज्य में अधिक से अधिक नौजवानों को उच्च शिक्षा हासिल करने के योग्य बनाएगा। इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के मुताबिक साल 2035 तक 50 प्रतिशत कुल दाखि़ला अनुपात (जी.ई.आर.) का लक्ष्य पूरा करने के लिए सहायक होगा।

9 फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों के लिए 117 पदों का सृजन करने को मंज़ूरी:

शारीरिक शोषण से बच्चों की सुरक्षा (पोक्सो) एक्ट और बलात्कार मामलों में लम्बित मामलों को घटाने की दिशा में कैबिनेट ने 9 फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों और इनमें 117 पदों का सृजन करने को मंज़ूरी दे दी।

यह 9 फास्ट ट्रैक विशेष अदालतें अमृतसर, बठिंडा, फाजिल्का, गुरदासपुर, होशियारपुर, मानसा, मोगा, पटियाला और एस.ए.एस. नगर में स्थापित की जाएंगी। इन अदालतों के लिए सृजन करने की 117 पदों में 9 अतिरिक्त जि़ला और सैशन जज और जजमैंट राईटर (सीनियर ग्रेड), रीडर ग्रेड-1, स्टेनोग्राफर ग्रेड-2, ट्रांसलेटर, अहलमद, कॉपी क्लर्क और अशर के 9-9 पद और 18 सेवक शामिल हैं। बाकी 27 पदों में डिप्टी जि़ला अटर्नी, जूनियर स्केल स्टैनोग्राफर और सेवक के 9-9 पद शामिल हैं।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकारों को ऐसे जिलों में फास्ट ट्रैक विशेष अदालतें स्थापित करने के निर्देश दिए गए थे जिनमें पोक्सो और बलात्कार मामलों के 100 से अधिक केस लम्बित पड़े हैं।

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