निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने अपनी आय सीमा 10 प्रतिशत तक निर्धारित की
सरकारी हिस्सेदारी की सीमा भी 10 प्रतिशत तय की, बाकी रकम विभिन्न स्रोतों से जुटाई जाएगी
CHANDIGARH: राज्य में स्टार्ट-अप्प प्रणाली को उत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने बुधवार को पंजाब इनोवेशन (नवीनतम) मिशन और पंजाब इनोवेशन फंड की स्थापना का रास्ता साफ कर दिया है।
पंजाब नवीनतम मिशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 150 करोड़ रुपए का एक पंजाब नवीनतम फंड स्थापित करने का प्रस्ताव है जिससे पंजाब में मूलभूत पड़ाव के स्टार्ट-अप्पस में निवेश किया जा सके। इस फंड में सरकारी हिस्सेदारी की अधिकतम सीमा कुल रकम के 10 प्रतिशत भाव 15 करोड़ रुपए तक निश्चित गई है। इस फंड की संभाल एक अस्सेट मैनेजमेंट कंपनी के द्वारा की जायेगी जिसमें वैश्विक स्तर के निवेशक शामिल होंगे।
इस मिशन और फंड के पहले चेयरपरसन क्लिक्स कैपिटल के चेयरमैन और जैनपैकट के संस्थापक प्रमोद भसीण हैं।भसीण ने वर्चुअल ढंग के साथ हुई कैबिनेट मीटिंग के दौरान जानकारी दी कि वह बाकी की 135 करोड़ रुपए की रकम पंजाबी व्यापारियों और निवेशकों के अलावा विदेशों में बसते लोगों और सरकारी और निजी वित्तीय संस्थाओं से जुटाएंगे।
सरकारी प्रवक्ता ने कैबिनेट मीटिंग के बाद में बताया कि पंजाब इनोवेशन मिशन राज्य में निवेशकों, उद्योग जगत, सरकारी, अकादमिक हलकों और स्टार्ट-अप्पस के साथ हिस्सेदारी और इसके अलावा विभिन्न इनक्यूबेटरों और ऐकसैलरेटरों के दरमियान सांझेदारी यकीनी बना कर, तकनीक, नीति और पूँजी की मदद से उद्यम समर्थकी एक अलग माहौल सृजन करने में अहम भूमिका निभाएगा।
पंजाब इनोवेशन मिशन के दो अहम स्तंभ पौलीनेटर (विदेशों में बसते भाईचारे तक पहुँच, चुनौतियां/हैकाथौन, इनक्यूबेटर ट्रेनिंग जिसमें सभी सबंधित पक्ष और इनक्यूबेटर एक दूसरे के साथ जुड़ेंगे) और ऐकसैलरेटर (स्टार्ट-अप्पस सम्बन्धी नेतृत्व और इनको गतिशील बनाना) होंगे।
हालाँकि, यह मिशन किसी एक क्षेत्र की तरफ समूचा ध्यान नहीं देगा परन्तु इसकी तरफ से ऐग्रीटैक, फूड प्रोसेसिंग, हैल्थकेयर, फार्मा, बायोतकनालोजी, लाईफ सायंसिज, आई.टी./आई.टी.ई.एस., गेमिंग और खेल, कला और मनोरंजन की तरफ खास ध्यान केंद्रित किया जायेगा।
सरकार की तरफ से पहले तीन वर्षों के लिए 10 करोड़ रुपए का चालू खर्चा मुहैया करवा के पंजाब इनोवेशन मिशन और पंजाब इनोवेशन फंड का कामकाज चलाने में मदद की जायेगी। इस मिशन की स्थापना मोहाली में मंडी बोर्ड के कालकट भवन में से जायेगी, जहाँ दो मंजिलें (तकरीबन 12,000 स्कुएयर फीट) कम से -कम 15 वर्षों के लिए लंबे समय के पट्टे पर मुहैया करवाई जाएंगी जिनमें सभी आम सुविधाओं और सांझी जगह भी शामिल होंगी।
पहले तीन वर्षों के लिए यह जगह मुफ्त मुहैया करवाई जायेगी। मिशन की गतिविधियों को उद्योग और वाणिज्य विभाग, इनवैस्ट पंजाब और पंजाब स्टेट कौंसिल फॉर साईंस एंड तकनोलोजी की तरफ से मदद दी जायेगी।पंजाब इनोवेशन फंड में निजी व्यक्तियों की हिस्सेदारी को उत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने अपनी आमदनी की सीमा 10 प्रतिशत तक तय/निधार्रित करने का फैसला किया है।
सरकारी योगदान की इस 10 प्रतिशत सीमा से ज़्यादा की कमाई पंजाब इनोवेशन फंड में वापस चली जायेगी और जिसका इस्तेमाल फंड के चालू खर्चों की पूर्ति के लिए किया जायेगा।राज्य सरकार की तरफ से निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए फंड की मियाद बीतने के मौके पर पंजाब इनोवेशन फंड में निवेश करने वाले पहले पाँच निवेशकों के द्वारा निवेशित प्रमुख रकम के 20 प्रतिशत हिस्से गारंटी देने का फैसला किया है।
इस गारंटी की अधिकतम कुल सीमा प्रति निवेशक 2 करोड़ रुपए निश्चित गई है और यह सरकार के लिए अधिक से अधिक संभावित 10 करोड़ रुपए की देनदारी में जुड़ेगी। सरकार के द्वारा यह कदम इस पक्ष को मद्देनजर रखते हुए उठाया गया है कि इनोवेशन फंड द्वारा स्टार्ट-अप्पस में ऐसे निवेश खास तौर पर मूलभूत पड़ावों के दौरान बाजार की उथल-पुथल का शिकार हो सकते हैं।
जिक्रयोग्य है कि ‘पंजाब इनोवेशन मिशन और पंजाब इनोवेशन फंड’ भारतीय योजना आयोग के पूर्व डिप्टी चेयरपरसन मोंटेक सिंह आहलूवालीया की अध्यक्षता के अंतर्गत गठित किये गए माहिरों के समूह की अहम सिफारिशों में से एक था। इस समूह का गठन कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा पंजाब के लिए कोविड के बाद की मध्यम और दीर्घकालीन आर्थिक योजनाबंदी बनाने के लिए किया गया था।
इसका मकसद पंजाब की अर्थव्यवस्था में एक मजबूत स्टार्ट-अप्प प्रणाली के द्वारा नयी जान डालना है और मौजूदा समय में सरकार द्वारा किये जा रहे यत्नों के अलावा निजी क्षेत्र की तरफ से जा रही पेशकदमियां इसका अहम हिस्सा हैं। इस मिशन और फंड के पहले चेयरपरसन प्रमोद भसीण मौजूदा समय के दौरान वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र की एक अहम संस्था क्लिक्स कैपिटल के चेयरमैन हैं जिसकी तरफ से भारत भर में डिजिटल और वित्तीय सेवाएं मुहैया करवाई जाती हैं।
वह भारत के महत्वपूर्ण आर्थिक खोज संस्थाओं में से एक आई.सी.आर.आई.ई.आर. के चेयरमैन भी हैं और इसके अलावा वह आशा इम्पैक्ट नाम की एक कंपनी के सह-संस्थापक भी हैं।प्रमोद भसीण ने साल 1997 में जैनपैकट की स्थापना की जो कि न्यूयार्क स्टाक एक्सचेन्ज में सूचीबद्ध है।
वह साल 2011 तक इस कंपनी के प्रधान और सी.ई.ओ. रहे और व्यापारिक प्रक्रिया प्रबंधन उद्योग के में उनका प्रसिद्ध नाम है। उन्होंने जी.ई. कैपिटल की भारत और एशिया में नेतृत्व किया और अमरीका, यू.के. और एशिया में वह इसी कंपनी के साथ 25 वर्षों तक जुड़े रहे। उन्होंने भारत भर में हुनर उद्योग स्थापित किये हैं और मौजूदा समय के दौरान वह डी.एल.एफ. लिमटिड के अलावा गैर -सरकारी संस्थायों जैसे कि हेल्प एज इंडिया, विश्वास और विलेजवेज के साथ जुड़े हुए हैं और एक निजी ईक्विटी फर्म ‘केदारा ’ के सलाहकार हैं।
वह नैसकौम और टी.आई.ई. -ऐन.सी.आर. के चेयरमैन भी रह चुके हैं और उनको आई.टी. मैन ऑफ द यियर के तौर पर भी सन्मान किया जा चुका है।प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब इनोवेशन मिशन और पंजाब इनोवेशन फंड की स्थापना से एक सभ्य स्टार्ट-अप्प प्रणाली पक्ष से नया युग आरंभ होगा जिसमें निजी क्षेत्र की तरफ से राज्य सरकार की पूरा मदद के साथ नेतृत्व किया जायेगा।