पंजाब की धरती को रसायनों से बचाने के लिए पंजाब सरकार का बड़ा प्रयास: चेतन सिंह जौड़ामाजरा
CHANDIGARH, 3 FEB: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार की तरफ से किसानों की भलाई को मुख्य रखते हुए बाग़बानी की नवीनतम तकनीकों को किसानों के खेतों तक पहुँचा कर फ़सलीय विभिन्नता लाना और बाग़बानी फसलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुकाबले के योग्य बनाना के लिए चेतन सिंह जौड़ामाजरा, स्वतंत्रता सेनानी, सैनिक सेवा और कल्याण और फूड प्रोसेसिंग मंत्री, पंजाब की तरफ से आज सिटरस अस्टेट, होशियारपुर में बाग़बानी विभाग के अधीन बायोफर्टीलाइजर लेबोरेटरी का उदघाटन किया गया।
जौड़ामाजरा ने कहा कि पंजाब की तरफ से राज्य में जमींदारों के रसायनिक खादों के प्रति खर्चों को घटाने और धरती को इन रसायनों से दूषित होने से बचाने के लिए राष्ट्रीय कृषि विज्ञान योजना के अंतर्गत 2.50 करोड़ रुपए की लागत से इस लैबारटरी को तैयार किया गया है। मंत्री ने बताया कि इस लैबारटरी में भारत सरकार की संस्था आईसीएआर-आइएआरआइ के साथ एम. ओ. यू के द्वारा 10 तरह की जैविक खादें ( जैसे कि एजोटोबैक्टर कैरियर आधारित, पीएसबी कैरियर आधारित, एजोटोबैक्टर लिक्विड फारमूलेशन, पीएसबी लिक्विड फारमूलेशन, पोटेशियम घुलनशील बैक्टीरिया, (केएसबी) लिक्विड फारमूलेशन, जिंक घुलनशील बैक्टीरिया (जेडएसबी) लिक्विड फारमूलेशन, एनपीके , एम फंगी, आइएआरआइ कम्पोस्ट इनोकुलेंट, ट्राइकोडर्मा विर्डी ) तैयार की जाएंगी, जो कि किसान भाईचारे को माँग अनुसार वाजिब रेटों और ज़िला स्तर पर उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसके इलावा इन जैविक खादों के प्रयोग सम्बन्धी जमींदारों को अपेक्षित तकनीकी जानकारी भी बागवानी विभाग की तरफ से जागरूकता कैंप लगा कर मुहैया करवाई जायेगी।
जौड़ामाजरा की तरफ से बताया गया कि भारत सरकार के अदारे आईसीएआर-आइएआरआइ की तरफ से प्राप्त जानकारी अनुसार इस अत्याधुनिक लैबारटरी से तैयार जैविक खादों के प्रयोग से रसायनिक खादों का प्रयोग 15-20 प्रतिशत घटाया जा सकता है, जिससे जमींदार की आय में सीधे तौर पर विस्तार होगा। मंत्री जी ने यह स्पष्ट किया कि पंजाब राज्य भारत का पहला ऐसा राज्य बना है, जिसकी तरफ से राज्य के मिट्टी, पानी और हवा को दूषित होने से बचाने और जमींदारों की आय बढ़ाने के लिए इस अत्याधुनिक बायोफर्टीलाईज़र लैबारटरी की स्थापना की है।
जौड़ामाजरा ने समूचे किसान भाईचारे से अपील की कि इस लैबारटरी में तैयार की जाने वाली जैविक खादों को अपने खेतों में प्रयोग में लाया जाये जिससे वातावरण को दूषित होने से बचाया जा सके। इस मौके पर ब्रह्म शंकर जिम्पा, राजस्व, पुर्नवास और आपदा प्रबंधन मंत्री पंजाब ने बागवानी विभाग के इस उद्यम की सराहना की और किसानों के लिए एक लाभदायक कदम बताया।