पंजाब विधानसभा ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि दी
CHANDIGARH: 15वीं पंजाब विधानसभा के 13वें (विशेष) सत्र के पहले दिन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में सदन ने सोमवार को उन सभी किसानों को श्रद्धाँजलि भेंट की जो कि केंद्र सरकार के काले कृषि कानूनों के खि़लाफ़ रोष-मुज़ाहरा करते हुए अपनी जान गवा बैठे हैं। सदन द्वारा स्वतंत्रता संग्रामियों, राजनैतिक और अन्य मशहूर हस्तियों और सैनिकों को भी श्रद्धाँजलि भेंट की गई। समूह सदस्यों ने दिवंगत आत्माओं के सम्मान में दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धाँजलि दी।
इस मौके पर लांस नायक करनैल सिंह, पंजाबी भाषा के प्रसिद्ध विज्ञान एवं साहित्य-लेखक कुलदीप सिंह धीर, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के पूर्व उप कुलपति जोगिन्दर सिंह पुआर और मशहूर संगीतकार और प्रसिद्ध गायिका जसपिन्दर नरूला के पिता केसर सिंह नरूला को श्रद्धाँजलि भेंट की गई, जिनका हाल ही में देहांत हो गया था।
लांस नायक करनैल सिंह 30 सितम्बर को जम्मू-कश्मीर कृष्णा घाटी क्षेत्र में दहशतगर्दों के खि़लाफ़ एक ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए थे। सदन द्वारा स्वतंत्रता संग्रामियों महिन्दर सिंह, सरदार सिंह, राए सिंह पतंगा, महिन्दर सिंह और हेम राज मित्तल को श्रद्धाँजलि भेंट की गई और स्वतंत्रता की लड़ाई में इनके द्वारा दिए गए योगदान को याद किया गया। वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की विनती पर स्पीकर द्वारा शौर्य चक्र विजेता बलविन्दर सिंह संधू का नाम भी श्रद्धांजलियों में शामिल करने को मंज़ूरी दी गई।
सदन के सदस्यों द्वारा खन्ना से विधायक गुरकीरत सिंह कोटली के माता जी दविन्दर कौर, पठानकोट से विधायक अमित विज के पिता अनिल विज, गढ़शंकर से विधायक जय किशन रोड़ी के पिता चौधरी चैन सिंह और विधायक सरबजीत कौर मानूके पिता गुरबंत सिंह को भी श्रद्धाँजलि भेंट की गई, जिनका देहांत हाल ही में हुआ था।
स्पीकर राणा कंवरपाल सिंह ने यह प्रस्ताव पेश किया कि उन सभी सदस्यों को श्रद्धाँजलि भेंट की जाए जिनका पिछले सत्र से लेकर अब तक के समय के दौरान निधन हो चुका है। मशहूर शख्सियतों को श्रद्धाँजलि भेंट करने के बाद स्पीकर ने दिवंगत आत्माओं के परिवारों को सदन द्वारा शौक संदेश भेजने सम्बन्धी एक प्रस्ताव पेश किया, जिसको जुबानी वोट के द्वारा पास किया गया।