CHANDIGARH: पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस हाईकमान द्वारा आगामी पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन हेतु स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमैन अजय माकन को बनाए जाने पर निंदा की है।
यहां जारी एक बयान में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि माकन दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों के मुख्य आरोपियों में से एक ललित माकन के भतीजे हैं। इस जिम्मेदारी के लिए कांग्रेस द्वारा माकन को चुनने से बड़ा गलत फैसला कुछ और नहीं हो सकता था। ऐसे में एक तरफ जहां केंद्र सरकार एक अन्य गुनाहगार सज्जन कुमार को सजा देने की ओर बढ़ रही है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस माकनों को पुरस्कार दे रही है और वह भी पंजाब के लिए, जो पंजाबियों के जख्मों पर नमक छिड़कने के समान है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को माकन जैसे व्यक्ति का नाम आगे बढ़ाने से बचना चाहिए था, जो उनके चाचा के सिख विरोधी दंगों में शामिल होने के चलते पंजाब में बगावत का कारण बन सकता है, जब बेकसूर लोगों को जिंदा तक जला दिया गया था। इसके अलावा, माकन स्क्रीनिंग कमेटी की प्रमुख बनने के लिए लायक व्यक्ति भी नहीं है, जिसमें श्रीमती अंबिका सोनी और सुनील जाखड़ जैसे वरिष्ठ नेताओं को उनके अधीन रखा गया है।
उन्होंने कहा कि माकन ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी की लगातार दो बड़ी हारों में अहम भूमिका निभाई थी। जिस व्यक्ति ने दिल्ली में कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया कर दिया है, अब उसे पंजाब की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऐसे में कोई भी राज्य में पार्टी के भविष्य का अंदाजा लगा सकता है।
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि दिल्ली में 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए कोई भी सीट सुनिश्चित ना करने वाले व्यक्ति को अब पंजाब में भेजा गया है, ताकि यहां भी उसी प्राप्ति को हासिल किया जा सके। इससे स्पष्ट होता है कि पार्टी ने चुनाव से पहले अपनी हार को स्वीकार कर लिया है, जिसने एक ऐसे व्यक्ति को नियुक्त किया है, जो 2014 और 2019 में लोकसभा व विधानसभा के चुनाव हार चुका है और विधानसभा में अपनी जमानत भी नहीं बचा सका।