एक दिन के भीतर ही 106 कोरोना मरीजों की मौत, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा-मरीजों द्वारा गंभीर लक्षण सामने आने के बाद ही स्वास्थ्य संस्थाओं को रिपोर्ट किए जाने के कारण कोविड से हुई 67 प्रतिशत मौतें
कोविड-19 की टेस्टिंग/इलाज संबंधी अफवाहें फैलाने वाले समाज विरोधी तत्वों के खिलाफ डीजीपी को कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा
CHANDIGARH: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक दिन पहले आशंका जताई कि राज्य में इस माह के अंत तक कोरोना वायरस के कारण 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हो सकती है। इसके अलावा इस दौरान पंजाब में करीब सवा लाख लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके होंगे। मुख्यमंत्री की यह आशंका बुधवार को पंजाब में हुई 106 कोरोना मरीजों की मौत को देखते हुए सच साबित होने की तरफ बढ़ती दिख रही है। क्योंकि सितम्बर की शुरुआत के साथ ही कोरोना मरीजों की मौत का यह आंकड़ा अब तक का सबसे बड़ा रिकार्ड बन गया है। पूरे कोरोनाकाल में पंजाब के भीतर एक दिन की अवधि में अब तक इतनी मौतें नहीं हुई थीं। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने लोगों से अपील की है कि वह बिना किसी देरी के अपना कोविड टैस्ट करवाएं। सिद्धू ने कोविड टेस्टिंग और इलाज संबंधी गलत जानकारी फैलाने वाले समाज विरोधी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए भी डीजीपी से कहा।
आशंका सच साबित हुई तो…
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सितम्बर माह के दौरान कोरोना से पंजाब में 2000 से ज्यादा मौतों की आशंका मेडिकल विशेषज्ञों द्वारा कोरोना को लेकर जारी किए अनुमानों के आधार पर जताई। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में मौतों का जो आंकड़ा मुख्यमंत्री ने सामने रखा, वह एक सितंबर तक राज्य में डेढ़ हजार मरीजों की मौत के अलावा बताया है। यानी आशंका सच साबित हुई तो सितंबर समाप्त होने तक राज्य में 3000 से ज्यादा लोग कोरोना के कारण मारे जा चुके होंगे।
जांच में देरी स्थिति को कर रही गंभीर
बुधवार को पंजाब में एक दिन के भीतर कोरोना वायरस के कारण 106 मौतें रिपोर्ट हुई हैं। इस संबंधी स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बढ़ी हुई मृत्युदर का मुख्य कारण मरीजों द्वारा टेस्टिंग और इलाज के लिए देरी से कोविड सुरक्षा केन्द्रों में पहुंच करना है। लगभग 67 प्रतिशत मौतों का मुख्य कारण स्वास्थ्य संस्थाओं में मरीजों द्वारा गंभीर लक्षण पैदा होने के बाद पहुँचना है। उन्होंने कहा कि देरी से पहुंचने के कारण मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती है जो मौत का मुख्य कारण बनता है। उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा सैंपलिंग और टेस्टिंग का विरोध करने के कारण कोविड के गंभीर लक्षण वाले व्यक्ति, जो अन्य सह-रोग से भी पीडि़त हैं, स्वास्थ्य संस्थाओं को रिपोर्ट नहीं करते जब तक यह बीमारी गंभीर रूप धारण नहीं कर लेती। यही देरी शूगर, हाईपरटैंशन, दिल और गुर्दे की बीमारी वाले सह-रोगों वाले मरीजों की मौत का कारण बन रही है।
50 प्रतिशत से अधिक मौतें शूगर वाले मरीजों की
उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड के कारण 50 प्रतिशत से अधिक मौतें शूगर वाले मरीजों की हो रही हैं। मंत्री ने कहा कि असामाजिक तत्वों द्वारा टेस्टिंग और कोविड मरीजों को एकांतवास में रखने संबंधी झूठी खबरें फैलाने के साथ-साथ गलत प्रचार भी किया जा रहा है जिस कारण मरीज अस्पतालों और स्वास्थ्य संभाल संस्थाओं को रिपोर्ट करने में देरी कर रहे हैं और यही नकारात्मक प्रचार हैल्थ वर्करों के खिलाफ भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये असामाजिक लोग, स्वास्थ्य विभाग की टीमों को सैंपलिंग और स्क्रीनिंग कैंप लगाने से रोक रहे हैं और इनके खिलाफ कार्यवाही करते हुए लोगों के दरमियान अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ मुकद्मे भी दर्ज किये गए हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैडीकल और सैंपलिंग टीमों से धक्का-मुक्की हुई और दुरव्यवहार की घटनाएँ भी हुई हैं।
कोविड के विरुद्ध जंग में बाधा भी डाल रहे कुछ लोग
उन्होंने कहा कि कई मामलों में कोविड के पॉजिटिव मरीज को एकांतवास केंद्र में तबदील करने के समय भी रोका गया। उन्होंने कहा कि एक घटना में मैडीकल टीम कोविड के पॉजिटिव मरीज को पातड़ां, पटियाला के एकांतवास केंद्र में तबदील करते समय मैडीकल टीम से धक्का-मुक्की की गई और जब पुलिस बल द्वारा इस मामले को सुलझाने की कोशिश की गई तो गाँव वासियों द्वारा पुलिस पर हमला कर दिया गया जिस दौरान दो पुलिस वाले जख्मी हो गए और पुलिस की गाड़ी को भी नुक्सान पहुँचा। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से बेचैनी का असुरक्षित माहौल बना है और इससे कोविड के विरुद्ध जंग लड़ रहे स्वास्थ्य मुलाजिमों के आत्मविश्वास को ठेस पहुँची है।स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आप इस महामारी के विरुद्ध छेड़ी गई जंग में पंजाब सरकार का साथ दें। उन्होंने कहा कि जब तक इस बीमारी की कोई वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक हमारे पास केवल सरकार द्वारा जारी हिदायतों का पालन करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है। इसलिए यह जरूरी बन जाता है कि हम मास्क पहनें और सामाजिक दूरी को बरकार रखने वाली हिदायतों का पालन जिम्मेदारी से करें।