पीयू की वीसी प्रो. रेनू विग ने कवि डॉ. अनीश गर्ग के काव्य संग्रह ‘कलम से गुफ्तगू’ का विमोचन किया

सभी रसों पर आधारित कविताओं का समावेश है इस पुस्तक मेंः डॉ. अनीश

CHANDIGARH, 16 SEPTEMBER: चंडीगढ़ साहित्य अकादमी द्वारा चयनित राष्ट्रीय कवि डॉ. अनीश गर्ग के सर्वश्रेष्ठ काव्य संग्रह ‘कलम से गुफ़्तगू’ का विमोचन आज पंजाब विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर प्रोफैसर रेनू विग ने किया। इस अवसर पर वाइस चांसलर के पिता जे.डी. चीमा, प्रसिद्ध समाजसेवी केके शारदा, वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज, शायर अशोक भंडारी ‘नादिर’, कवि डा. विनोद शर्मा और कवियत्री डेजी बेदी एवं पंजाबी कवि दीपक चिनारथल विशेष तौर पर उपस्थित रहे।

पेशे से योग एवं प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. अनीश गर्ग ने बताया कि यह उनका तीसरा एकल काव्य संग्रह है, जिसमें सभी रसों पर आधारित कविताओं का समावेश है। लगभग सभी रचनाएं तुकांत के साथ खुली कविताएं हैं। डा. अनीश ने कहा कि कविता लिखना आसान नहीं है, इसके लिए बहुत संवेदनशीलता एवं धैर्य की आवश्यकता है। इस संग्रह में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल क्रांति के दुष्प्रभाव पर भी सारगर्भित पंक्तियां हैं,
इन मोबाइल/ लैपटॉप/टीवी के मुंह में दांत नहीं, पेट में आंत नहीं, फिर कैसे यह मोहल्ले की रौनकें खा गया।
जब से आया इंटरनेट घर के बाशिंदे, खिड़कियां, रोशनदान सब खा गया।।

इस संग्रह में बेटियों से हो रहे दुराचार पर प्रखर तंज कसती हुई कविता है,
क्यों बेटियां महफूज नहीं अपने ही वतन में,
क्यों गिद्धों की नज़र है चिड़ियों के बदन पे।

मां भारती के प्रति समर्पण करती नज़्म भी इसमें शामिल है,
मैं बेशुमार अपना वतन चाहता हूं, तिरंगे में अपना कफन चाहता हूं।

एक समय के बाद जब माता-पिता चले जाते हैं तो उनकी बहुत याद रह-रह कर आती है। इस पर कवि हृदय से निकली पंक्तियां भी काव्य संग्रह में शामिल हैं
बहुत याद आती है वो घर की बूढ़ी निशानी।
घर मेरा बनाने को किराए के घर में दफन कर दी जिसने ज़वानी।।

डॉ. अनीश गर्ग ने बताया कि तुकबंदी और कविता लिखने का शौक उन्हें बचपन से ही था। फिर एसडी कॉलेज चंडीगढ़ में हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफैसर कुसुम शर्मा और हिंदी की लेक्चरर बेनू शर्मा के प्रोत्साहन से उन्होंने कॉलेज की वार्षिक पत्रिका में लिखना शुरू किया। इसके बाद कविता लिखने का सिलसिला चल पड़ा। छोटी-छोटी गोष्ठियों से शुरू हुआ सफर धीरे-धीरे बड़े मंचों की तरफ ले गया। डॉ. हरिओम पवार, सैयद नज्म इकबाल, अहसान कुरैशी, अर्जुन सिसोदिया, अंंकिता तिवारी जैसे अंतर्राष्ट्रीय कवियों के साथ मंच सांझा करने का अनुभव भी काम आ रहा है। डॉ. अनीश ने कहा कि उनकी हार्दिक इच्छा थी कि उनके शहर के सबसे बड़े शिक्षण संस्थान में सर्वोच्च पदस्थ प्रबुद्ध हस्ती के हाथों उनकी पुस्तक का विमोचन हो। प्रो. रेनू विग ने आज पुस्तक ‘कलम से गुफ़्तगू’ का विमोचन करके इस इच्छा को पूरा कर दिया।

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