भाजपा का दावा: अरुण सूद के आग्रह पर प्रशासक ने बढ़ाई तारीख, कमलेश बोलीं- लोगों की आंखों में धूल झोंकती है BJP
पूर्व कांग्रेस मेयर ने निगम कमिश्नर से भी की मुलाकात
CHANDIGARH, 26 MAY: नगर निगम की ओर से चंडीगढ़ की कालोनियों व गांवों में सीधे पेनल्टी के साथ प्रॉपर्टी टैक्स के नोटिस दिए जाने का मामला सबसे पहले उठाने वाली पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास ने आज प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने की अंतिम तिथि 2 महीने बढ़ाए जाने पर असंतोष व्यक्त करते हुए इसे राहत के नाम पर ऊंट के मुंह में जीरा करार दिया है। कमलेश बनारसीदास ने कहा कि प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित यदि वास्तव में कालोनी व गांव वालों को राहत देना चाहते तो उन्हें न केवल पेनल्टी रद्द करनी चाहिए थी, बल्कि गांव व कालोनियों में प्रॉपर्टी टैक्स को ही खत्म करने का आदेश देना चाहिए था।
इस बीच, चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कैलाश चंद जैन ने दावा किया है कि रिहायशी व कॉमर्शियल भवनों का प्रॉपर्टी टैक्स रिबेट के साथ जमा करने की अंतिम तिथि दो महीने (31 जुलाई) बढ़ाने का आदेश प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद के इस अनुरोध पर दिया कि जब तक इस टैक्स को वापस लेने का अंतिम फैसला नहीं होता, तब तक इसमें लोगों को राहत दी जाए। पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास ने इस पर भी तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सिर्फ लोगों की आंखों में धूल झोंकना जानती है। भाजपा को यदि वाकई लोगों की चिंता होती तो उसके अपने शासन में चल रहा नगर निगम चुपके से गांव-कालोनियों के गरीब लोगों पर यह टैक्स सीधे पेनल्टी के साथ नहीं थोपता। लोगों को इस संबंध में पहले नोटिस देकर सूचना तक नहीं दी गई और भाजपा शासित नगर निगम ने सीधे पेनल्टी के साथ लोगों पर अचानक आर्थिक बोझ लाद दिया।
कमलेश बनारसीदास ने कहा कि जब इन नोटिसों को देखकर लोग परेशान हुए और उनके (कमलेश बनारसीदास) पास आए तो उन्होंने 6 मई को सबसे पहले यह मामला उठाया और इन नोटिसों का लगातार विरोध किया। रामदरबार कालोनी से विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत हुई। दो दिन पहले वह इन नोटिसों को लेकर चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार से भी मिलीं। एडवाइजर ने उनकी मांगों को सुनकर तुरंत नगर निगम कमिश्नर को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास ने बताया कि आज उन्होंने नगर निगम कमिश्नर से भी मुलाकात की तथा गांवों और कॉलोनियों पर लगे प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर जनता की आवाज को उठाया। कमिश्नर को बताया गया कि लोगों को ₹2000 से लेकर 90000 तक का प्रॉपर्टी टैक्स के नोटिस आए हैं। जो डिमांड नोटिस 2004 और 2019 से भेजे गए हैं, वह भी जुर्माने सहित भेजे गए हैं। गरीब जनता इतने भारी भरकम टैक्स नहीं दे सकती। इसलिए इस पेनल्टी को तुरंत माफ करवाएं। साथ ही गांव व कालोनियों को प्रॉपर्टी टैक्स से मुक्त रखने की दिशा में कार्रवाई करें। कमलेश बनारसीदास ने बताया कि निगम कमिश्नर ने आश्वासन दिया है कि वह उनकी बात को प्रशासन के समक्ष रखेंगी और वहां से अगर जुर्माना माफ हो जाता है तो माफ कर दिया जाएगा और जिन लोगों ने जमा कर दिया है उनका भी माफ कर दिया जाएगा। इस मौके पर कमलेश बनारसीदास के साथ ताराचंद चौधरी, बनारसी दास व ओपी चौटाला भी मौजूद थे।