CHANDIGARH: भारत सरकार द्वारा अधिसूचित 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार संशोधित वेतनमान (1 जनवरी, 2016 से देय) के कार्यान्वयन और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से शिक्षकों के वेतनमान को अलग करने की मांग के समर्थन में डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ में जारी श्रृंखला भूख हड़ताल आज दूसरे दिन में प्रवेश कर गई। आज के अनशन में डॉ. जगदीश मेहता (सीनेटर पीयू), डॉ. सकून एन. सिंह, डॉ. प्रमोद भार्गव, डॉ. कृति कुठियाला कालिया, डॉ. विवेक भुइयां और भूषण कुमार बैठे।
गौरतलब है कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना में 1 दिसंबर 2021 से आमरण अनशन पर बैठे डॉ. एच.एस. किंगरा (अध्यक्ष, पीएफयूटीसीओ) के साथ एकजुटता के प्रदर्शन के लिए यह श्रृंखला उपवास शुरू किया गया है। राज्य सरकार एवं चंडीगढ़ प्रशासन को एकाधिक प्रतिनिधित्व के उपरान्त भी इन मांगों को पांच वर्ष से भी अधिक समय से अनसुना कर दिया गया है। परिणामस्वरूप शिक्षक अंतिम बार 2006 में यानी 15 साल पहले संशोधित वेतनमान से संतुष्ट रहने को मजबूर हैं। अगस्त 2021 के बाद से लगातार विरोधों की एक श्रृंखला के बाद शिक्षकों ने 1 दिसंबर, 2021 को पूर्ण विराम आंदोलन शुरू कर दिया। यहां तक कि 17 नवंबर, 2021 को चंडीगढ़ में एक कैंडल लाइट मार्च निकाला गया और 30 नवंबर 2021 को 150 से अधिक शिक्षकों ने गिरफ्तारी दी।
पीड़ित शिक्षकों के चल रहे आंदोलन को सरकार के प्रधानाध्यापक और शिक्षक संघ द्वारा भी समर्थन दिया जा रहा है। पंजाब के कॉलेजों के साथ-साथ राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से संबंधित छात्र भी उनका समर्थन कर रहे हैं।