पंजाब में राज्य स्तरीय संचालन समिति ने कोविड-19 वैक्सीन के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डेटा एकत्र करने और अपलोड करने का काम शुरू किया
CHANDIGARH: राज्य स्तरीय संचालन समिति तेज़ी से कोविड-19 वैक्सीन के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आंकड़े एकत्रित करने और अपलोड करने सम्बन्धी गतिविधियों की निगरानी कर रही है। यह जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने दी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा राज्यों और यू.टी. को हैल्थकेयर वर्करों का डेटाबेस तैयार करने और इसको मंत्रालय में जमा करवाने के लिए कहा गया है। केंद्रीय संस्थान अलग तौर पर लाईन लिस्टिंग जमा करवाएंगे और राज्य के सभी जि़लों में आंकड़े एकत्र करने की प्रक्रिया ज़ोरों पर है।
कोविड-19 वैक्सीन जल्द आने की उम्मीद जताते हुए भारत सरकार द्वारा देश भर में इस सम्बन्धी शुरूआती तैयारी की जा रही है, जिससे वैक्सीन उपलब्ध होने पर इसको जल्द जारी किया जा सके।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के 450 से अधिक भागीदारों को डेटा जमा करने, ज़रूरी फॉर्मेट सेविंग, संग्रह और डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर डेटा अपलोड करने सम्बन्धी प्रशिक्षण दिया गया है। आई.एम.ए, एन.ई.ई.एम.ए., आई.डी.ए. जैसी डॉक्टरों की पेशेवर संस्थाओं को भी निर्धारित फॉर्मेट में आंकड़े साझे करने के लिए कहा गया है।
सभी जि़लों को डेटा जमा करने सम्बन्धी दिशा-निर्देश और ज़रूरी टैंपलेट भी जारी किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि कोविड-19 वैक्सीन मुहिम की विस्तृत कार्यान्वयन योजना के अनुसार फ्रंट लाईन वर्करों की पहचान, डिजिटल प्लेटफॉर्म की पुन: दर्जाबन्दी, नॉन-वैक्सीन सप्लाई की लौजिस्टिक्स, कोल्ड चेन बढ़ाने का काम किया जा रहा है।
स. सिद्धू ने कहा कि कोविड वॉरियरज़ को लैस करने के लिए, पहले पड़ाव में हैल्थकेयर वर्करों को कोविड-19 वैक्सीन प्राथमिकता के आधार पर दी जा सकती है। नीतिगत स्तर के फ़ैसले अन्य बीमारियों से पीडि़त 60 साल से अधिक उम्र वाले लाभपात्री समूहों की पहचान करने के लिए लिए जाएंगे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ एक मीटिंग हुई, जहाँ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, पंजाब ने सरकारी और प्राईवेट स्वास्थ्य संस्थाओं सम्बन्धी अपेक्षित जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य संभाल कर्मचारी (एच.सी.डब्ल्यू) को दोनों सरकारी और निजी क्षेत्रों एवं स्वास्थ्य संभाल क्षेत्रों में लगे अन्य कर्मचारियों को स्वास्थ्य संभाल सेवा दाता के तौर पर परिभाषित किया जाता है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हैल्थ फेकल्टी इंचार्जों द्वारा डेटा निर्धारित फॉर्मेट में भरा जाएगा और जि़ला सिविल सर्जन कार्यालय में जमा होगा।
इसके बाद, यह कोविड-19 वैक्सीन लाभपात्री प्रबंधन प्रणाली (सी.वी.बी.एम.एस.) पर अपलोड किया जाएगा, जिसमें कोविड-19 वैक्सीन प्राप्त करने वाले सभी लाभपात्रियों की व्यक्तिगत तौर पर ट्रेकिंग की जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले पड़ाव के अंतर्गत टीकाकरण के लिए सिफऱ् स्वास्थ्य संभाल कर्मचारी के विवरण ही लिए जा रहे हैं, उनके परिवार के विवरण जमा नहीं किए जाते। ईवीआईएन नैटवर्क, जो कि वैक्सीन के स्टॉक की ताज़ा स्थिति, स्टोरेज के समय का तापमान, जीओ-टैग स्वास्थ्य केन्द्रों और फैक्लटी-स्तर डैशबोर्ड को बरकरार रखता है, को कोविड वैक्सीन की डिलीवरी के लिए दोबारा तैयार किया जा रहा है।
अपनी, सम्बन्धित सुविधाओं में जि़ले के सरकारी और निजी दोनों सुविधाओं के फैक्लटी इंचार्ज एचसीडब्ल्यूज़ का डेटा एकत्र करने के लिए जि़म्मेदार होंगे। सभी मैडीकल कॉलेज, सुपर स्पैशियलिटी अस्पताल, अस्पताल (हर स्तर पर), कम्युनिटी स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती केंद्र, कैंसर संस्था और अस्पताल, टी.बीज़ अस्पताल और क्लीनिक, डिस्पैंसरियों आदि के साथ-साथ कॉर्पोरेट अस्पताल, प्राईवेट मैडीकल कॉलेज, नर्सिंग होमज़, क्लीनिक/डे ओपीडीज़, पौलीक्लीनिक्स, एनजीओ सुविधा आदि टीकाकरण के लिए शामिल किए जाएंगे।