गर्भवती महिलाओं को अब तीन की बजाय दो किश्तों में दी जाएगी राशि, दूसरी बेटी होने पर मिलेंगे 6 हजार रुपए

CHANDIGARH, 28 JUNE: केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्र भाई ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली राशि अब तीन की बजाय दो किश्तों में दी जाएगी। यही नहीं यदि महिला को दूसरी संतान बेटी होती है तो उसे 6 हजार रुपये दिए जाएंगे।

डॉ. मुंजपारा महेंद्र भाई पानीपत में आयोजित विगत 8 वर्षों की विभाग की उपलब्धियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस सब जोनल बैठक में उन्होंने कहा कि विगत 8 वर्षों में जिस तरह से महिलाओं, बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा, उनके सशक्तिकरण, पोषण इत्यादि विषयों से जुड़ी योजनाओं के माध्यम से लोगों को लाभ मिला है, उससे इनका जीवन सार्थक हुआ है।

उन्होंने हरियाणवी अंदाज में कहा कि छोरियां छोरों से कम नहीं। उन्होंने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना से लेकर पोषण अभियान, सक्षम आंगनबाड़ी, मिशन शक्ति स्कीम, मिशन वात्सल्य और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजनाओं ने महिला सशक्तिकरण को नया विस्तार दिया है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चलाई गई योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार हर क्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित कर रही है। हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा ने कहा कि भारत के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक इतिहास में बडे बदलाव के लिए पानीपत मशहूर रहा है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसेवक के तौर पर अपना दायित्व संभाला था। उसके बाद से देश में आधी आबादी के प्रति आमजन का नजरिया बदलने की शुरूआत हुई। यह ऐसे दौर की शुरूआत थी, जिसमें महिला सशक्तिकरण से लेकर बच्चों के सम्पूर्ण विकास की दिशा में कदम उठाए जाने थे।

कमलेश ढांडा ने कहा कि वर्ष 2017 से प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के माध्यम से गर्भवती महिला, दूध पिलाने वाली माता से लेकर नवजात बच्चे के स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदारी निभाते हुए पहले बच्चे को कवर करके तीन किश्त में 5000 रुपये की राशि देना शुरू किया था। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बतौर वित्तमंत्री वर्ष 2022-23 का जो बजट पेश किया, उसमें उन्होंने दूसरे बच्चे को भी इस योजना के माध्यम से कवर करने का ऐलान किया है।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान बहुत से बच्चों के अभिभावकों की मृत्यु हो गई थी। हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के माध्यम से ऐसे बच्चों को कवर किया और ऐसे बच्चों की आवासीय, शिक्षा व अन्य जरूरतों को पूरा करने की जिम्मेदारी सरकार द्वारा निभाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि बीते चार जून से देश में अलग-अलग स्थानों पर राज्यों के समूह बनाकर जोनल और सब जोनल बैठकों के माध्यम से न केवल पूर्व की उपलब्धियों पर चर्चा हो रही है, बल्कि भविष्य की तैयारियों पर भी मंथन हो रहा है। हरियाणा, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का विशेष  तौर पर शुक्रगुजार है। उनके हाथों महिला एवं बाल विकास क्षेत्र में बदलाव की मुहिम पानीपत से ही शुरू हुई थी। 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री ने बेटियों को कोख में मारने से बचाने के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान को शुरू किया था। आज हरियाणा ने इस अभियान में देश के सामने मिसाल पेश की है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार हरियाणा में जन्म के समय लिंग अनुपात 830 था, जो आज बढकर 920 हो गया है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग के साथ सामाजिक-धार्मिक संगठनों का इस बदलाव में विशेष योगदान रहा है।

उन्होंने सभी से अपील की कि केंद्र व प्रदेश सरकार महिलाओं और बच्चों के उत्थान के लिए जो कदम उठा रही हैं, उसमें हम अपने-अपने स्तर पर हरसंभव योगदान दें, तभी महिलाओं और बच्चों के लिए अनुकूल माहौल तैयार हो सकेगा।

राज्यसभा सांसद श्री कृष्णलाल पंवार ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग महिलाओं को सशक्त करने और बच्चों की परवरिश करने में जिस तरह से आगे आ रहा है उससे देश की तरक्की में इस विभाग का योगदान किसी से भी छिपा नही है। वंचित लोगों के लिए पंडित दीन दयाल उपाध्याय द्वारा दिखाए गए रास्ते और उनके द्वारा दिए गए अंत्योदय दर्शन से ये योजनाएं कारगर साबित हो रही हैं। श्री कृष्णलाल पंवार ने कहा कि इसराना विधानसभा में उरलाना कलां और उरलाना खुर्द दो ऐसे गांव हैं जहां लिंगानुपात एक हजार और 972 है। यह सब लोगों में जागरूकता का ही परिणाम है।

error: Content can\\\'t be selected!!