UVM की बैठक के बाद जैन ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री व चंडीगढ़ के प्रशासक को लिखा पत्र
CHANDIGARH, 14 MAY: उद्योग व्यापार मंडल (UVM) चंडीगढ़ ने जीएसटी से पहले के निलंबित पड़े सेल्स टैक्स मामलों में विभाग द्वारा सी फार्म या अन्य कई फार्म जमा न करवाने पर ब्याज में पेनल्टी सहित निकाली गई डिमांड को पंजाब की तर्ज पर ओटीएस स्कीम लाकर जुर्माने में छूट देते हुए एकमुश्त समाप्त कर दुकानदारों को राहत देने की मांग की है।
UVM की यहां आयोजित एक बैठक के बाद UVM के अध्यक्ष कैलाश चंद्र जैन ने चंडीगढ़ के प्रभारी मंत्री केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय व प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित को पत्र लिखकर बताया है कि चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा व्यापारियों की जीएसटी लागू होने से पहले के वर्षों की स्टेट सेल्सटैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स तथा वैट की असेसमेंट की जा रही है तथा सी फॉर्म या अन्य कोई डॉक्यूमेंट न होने की वजह से भारी-भरकम जुर्माने का साथ व्यापारियों को डिमांड दी जा रही है। कई केसों में तो बैंक खाते तक सीज कर दिए गए हैं। जैन ने कहा कि दुकानदारों के लिए पुराने सी फार्म इकट्ठे करना मुश्किल है, क्योंकि इनमें से काफी दुकानें तो बंद भी हो चुकी हैं अथवा सी फार्म नहीं दे रहीं, इसलिए सी फार्म या अन्य फार्म मिलना बहुत मुश्किल है। इन सबको देखते हुए और इस समस्या का हल निकालने के लिए पंजाब सरकार व अन्य कई सरकारों द्वारा ओटीएस स्कीम लाकर इस समस्या को खत्म करने की पहल की गई है।
कैलाश जैन ने यह भी बताया कि पंजाब सरकार ने जीएसटी लागू होने से पहले के सेल्स टैक्स, वैट व सेंट्रल सेल्स टैक्स / सीएसटी के पुराने केसों के निपटारे के लिए ओटीएस स्कीम को मंजूरी दी है, जिसके तहत डीलर द्वारा सी फार्म न दिए जाने पर विभाग द्वारा मांगी गई डिमांड में 90% तक की छूट देने तथा ब्याज व पेनल्टी माफ करने का फैसला लिया गया है। यानी कुल डिमांड का केवल 10% देकर केस खत्म किए जा सकते हैं। जैन ने मांग की है कि चूंकि चंडीगढ़ में पंजाब सेल्स टैक्स एक्ट लागू है और पंजाब की तर्ज पर ही फैसले लिए जाते हैं। इसलिए पंजाब सरकार द्वारा लाई गई ओटीएस स्कीम को चंडीगढ़ प्रशासन भी अडॉप्ट करे और यह स्कीम यहां भी लागू कर व्यापारियों को राहत दी जाए।
कैलाश चंद जैन का कहना है कि इससे व्यापारियों को तो राहत मिलेगी ही, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इज ऑफ डूइंग बिजनेस का सपना भी साकार होगा। बैठक में कैलाश चंद जैन के अलावा नरेश कुमार, नरेश जैन, विजय पाल सांगवान, सुशील जैन, अशोक कपिला, मोहिंदर बंसल, वीरेंद्र गुलेरिया, सतप्रकाश अग्रवाल, संदीप चौधरी सहित कई व्यापारी मौजूद रहे।