CHANDIGARH, 29 MARCH: चुनावी वायदों को पूरा करने के लिए कटोरा लेकर मांगने जाना शर्मनाक है। राजनीति हमेशा आत्म निर्भरता पर होनी चाहिए, न कि कटोरा लेकर मांगने पर। यह बात हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज नाबार्ड के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा चुनावी वायदों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार से पैकेज मांगने संबंधी पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कही।
रजिस्ट्रियों में बढ़ाया जांच का दायरा
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि नाबार्ड को सरकार की प्राथमिकताएं बताई गई हैं, जिसके हिसाब से काम करने के लिए नाबार्ड ने सहमति जताई है। एक वरिष्ठ अधिकारी के पत्र लिखे जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें किसी भी प्रकार का अधिकारिक पत्र नहीं मिला है। उनकी सरकार पहले ही 350 लोगों से 55000 रजिस्ट्रियों की बात को लेकर स्पष्टीकरण मांग चुकी है। उन्होंने बताया कि सरकार 2010 से लेकर 2016 तक की रजिस्ट्रियों को भी जांच के दायरे में लेकर आई है।
चंडीगढ़ में हरियाणा की भी हिस्सेदारी
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा चंडीगढ़ पर लिए गए फैसले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक इस मुद्दे पर बात नहीं हो पाई है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि चंडीगढ़ पर पंजाब और हरियाणा का जो 60 और 40 फीसदी का कोटा पहले भी लागू था, वह आज भी लागू है। चंडीगढ़ से किसी भी प्रदेश का कोई हिस्सा छीना नहीं जा रहा है लेकिन यह भी सच्चाई है कि चंडीगढ़ अपने आप में एक केंद्र शासित प्रदेश है।
जनमत का अपमान और प्रदेश की आत्मनिर्भरता के विरुद्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले तो एक मुख्यमंत्री ने जनता को फ्री बांटने का वायदा किया लेकिन जब चुनावी वायदा पूरा करने की बात आई तो वह कटोरा उठाकर प्रधानमंत्री के पास चले गए। यह एक अच्छी परिपाटी नहीं है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राजनीति स्वयं के दम पर होनी चाहिए, केंद्र से मांग कर राजनीति नहीं हो सकती है। यह जनमत का अपमान और प्रदेश की आत्मनिर्भरता के विरुद्ध है।