उमंग अभिव्यक्ति मंच की ‘शाम-ए-गजल’ में शायरों ने बांधा समां

PANCHKULA: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने ‘शाम-ए-गजल’ कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें जाने-माने शायर शम्स तबरेजी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। मंच की फाउंडर श्रीमती नीलम त्रिखा ने बताया कि उमंग अभिव्यक्ति मंच का यही प्रयास रहता है कि वरिष्ठ साहित्यकारों व शायरों के साथ मिलकर नवोदित लेखकों को साहित्यिक जानकारियां दें। इसी मुहिम के तहत शम्स तबरेजी ने गजल के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बड़े आसान तरीके सुझाए कि कितनी आसानी से गजल को लिखा व पढ़ा जा सकता है।

इस कार्यक्रम में गायत्री कौशल, मनोरमा श्रीवास्तव, नीलम त्रिखा, शीनू वालिया, मणि शर्मा, आरती प्रिय, हेमा शर्मा ने अपनी गजलें सुनाकर वाहवाही लूटी। शम्स ने अपनी बहुत सारी गजलें इस कार्यक्रम में सांझा कीं। उनकी बहुचर्चित गजल ‘मैं तुझ में हूं भी और हूं भी नहीं’ सुनाकर सबको मन्त्रमुग्ध कर दिया।

नीलम त्रिखा ने अपनी गजल ‘प्यार में उनके इस कदर दीवाने हो गए’ सुनाई। शीनू वालिया ने ‘टूटे न भी सही पर अक्सर ख्वाब अधूरा रह ही जाता है’ सुनाई। कुरुक्षेत्र की गायत्री कौशल ने अपनी मधुर आवाज़ में गजल ‘इश्क में यूं ही दिल को बेकरार मत करना’ सुनाकर वाहवाही बटोरी। संगीता ने ‘आज हालत हुई क्यों बदतर है’ सुनाकर सभी को मौजूदा हालात से रू-ब-रू कराया।

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