कहा- पंजाब में भाजपा की मजबूत होती स्थिति से हिली हुई है कांग्रेस
CHANDIGARH: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में चूक के मामले में फिरोजपुर के डीएसपी सीआईडी द्वारा एक न्यूज़ चैनल पर खुलासा किए जाने से स्पष्ट हो गया है कि सीआईडी के रिपोर्ट के बावजूद सुरक्षा इंतजामों में गंभीरता नहीं दिखाए जाना किसी साजिश की ओर इंगित करता है। इसी विषय को लेकर भाजपा द्वारा आज देश भर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लोगों को अवगत कराया गया और इसी कड़ी में आज चंडीगढ़ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने भाजपा प्रदेश कार्यालय कमलम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। प्रेस वार्ता में उनके साथ भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कैलाश चंद जैन, प्रदेश सचिव तेजेन्द्र सिंह सरां भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर अध्यक्ष अरुण सूद ने पंजाब की कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर आरोप लगाया कि एक सोची-समझी रणनीति के तहत प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक कराई गई, जिसकी परत धीरे-धीरे खुल रही हैं। सूद ने कहा कि एक राष्ट्रीय चैनल ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में दौरे के समय तैनात पंजाब पुलिस के डीएसपी से हुई बात का हवाला देते हुए कहा है कि जिस तरह पंजाब पुलिस के डीएसपी ने चैनल पर बयान दिया कि घटना के पल-पल की जानकारी वह राज्य सरकार के आला अधिकारियों को देते रहे लेकिन इसको लेकर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे यह प्रतीत होता है कि प्रधानमंत्री के काफिले को जानबूझकर रोकने की साजिश चन्नी सरकार ने की थी।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रियंका वाड्रा का बयान आया है कि प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान सुरक्षा में हुई चूक की जानकारी पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा प्रियंका वाड्रा को दी गयी है, यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री के दौरे को अव्यवस्थित करने की कांग्रेस पार्टी की साजिश थी। सूद ने सवाल उठाते हुए कहा कि किसी संवैधानिक पद पर आसीन नही होने वाले एक साधारण व्यक्ति को प्रधानमंत्री के सुरक्षा घेरे के प्रोटोकॉल की जानकारी राज्य के सीएम ने कैसे दी। उन्होंने कहा कि इससे यह साफ होता है कि प्रधानमंत्री की रैली को जानबूझकर कांग्रेस पार्टी नहीं होने देना चाहती थी, क्योंकि जिस तरह से पंजाब में बीजेपी मजबूत हो रही है उसको लेकर कांग्रेस अंदर तक हिली हुई है और इसी कारण उन्होंने एक सोची-समझी रणनीति के तहत इस साजिश को अंजाम दिया।
एक सवाल के जवाब में सूद ने कहा कि पंजाब सरकार के अधिकारी भले ही यह कहें कि प्रधानमंत्री के दौरे के वक्त सुरक्षा में चूक न होकर यह काफिला रुकने का मामला है, लेकिन प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान हमेशा ही एक बी प्लान बना रहता है, जिसके तहत प्रधानमंत्री को सड़क मार्ग से कहीं भी आने-जाने के लिए रूट तय किया हुआ रहता है लेकिन रूट तय होने के बावजूद प्रधानमंत्री का काफिला जिस तरह से एक पुल पर 15 से 20 मिनट तक खड़ा रहा और चन्द लोग सड़क जाम किए हुए थे, यह सवाल उठाता है कि जिस राज्य सरकार के पास हजारों की संख्या में भीड़ हटाने के साधन मौजूद हैं, वहां क्यों जानबूझकर प्रधानमंत्री के काफिले को इतनी देर तक वहां खड़ा रखा और अंततः रूट क्लियर नहीं होने के कारण प्रधानमंत्री को अपना दौरा रद्द करना पड़ा।
सूद ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस विषय को लेकर एक सेवानिवृत्त जज के अधीन एक कमेटी बनाकर जांच करने के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि देश के सुप्रीम न्यायालय को भी लगता है कि प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में चूक हुई थी और इसी कारण एक सेवानिवृत्त जज के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई है, जो इस सुरक्षा व्यवस्था में हुई चूक या साजिश को लेकर जांच करेगी और इसके कारणों को लेकर जांच करने के बाद सुप्रीम कोर्ट को इस घटना में किसके द्वारा यह चूक या साजिश हुई है, इसकी रिपोर्ट देगी।
सूद ने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में चूक की गई है वह देश का अपमान है और देश का कोई भी नागरिक इसको बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से अब इस साजिश की परतें खुल रही हैं बहुत जल्द ही इसका खुलासा देश की जनता के सामने होगा और कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए इस गलत काम को जनता के बीच लाने का वह हर संभव प्रयास करेंगे, जिससे यह पता लग सके कि कैसे प्रधानमंत्री जैसे प्रतिष्ठित पद के साथ भी कांग्रेस पार्टी इस तरह की साजिशें रच सकती हैं।
सूद ने मांग की कि इस साजिश में जो लोग भी शामिल हैं, जो लोग जानबूझकर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के हिस्सा बने हैं अथवा किसी राजनीतिक दबाव में यह साजिश रची गई है उन सबको बेनकाब किया जाना चाहिए व इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।