लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 15 जुलाई को मनाया जाता है प्लास्टिक सर्जरी दिवस
Plastic Surgery Day CHANDIGARH, 14 JULY: प्लास्टिक सर्जरी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 15 जुलाई को हर साल प्लास्टिक सर्जरी दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर डॉ. ए.बी. प्रभु, कंसल्टेंट, कॉस्मेटिक, प्लास्टिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी और डॉ. अखिल गर्ग, प्लास्टिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी , फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली, ने प्लास्टिक सर्जरी से जुड़े कुछ आम मिथकों का खंडन किया और इस विशेषज्ञता में नवीनतम रुझानों के बारे में भी चर्चा की।
डॉ. ए.बी. प्रभु ने कहा कि पिछले एक दशक में प्लास्टिक सर्जरी की मांग लगातार बढ़ी है, क्योंकि अधिक से अधिक लोग पिक्चर-परफेक्ट लुक के बारे में जागरूक हैं। कुल मिलाकर राइनोप्लास्टी, बॉडी कॉन्टूरिंग के लिए लिपोसक्शन, मेल गाइनेकोमेस्टिया लिपोसक्शन, 3 डी कॉन्टूरिंग के लिए फुल बॉडी लिपोसक्शन, फीमेल ब्रेस्ट रिडक्शन और आरगुमेंटेशन हेयर ट्रांसप्लांट जैसी कॉस्मेटिक प्रक्रियाएं अक्सर किए जा रहे हैं और इसमें वृद्धि का रुझान दिख रहा है।
डॉ. अखिल गर्ग ने कहा कि प्लास्टिक सर्जरी की निश्चित तौर पर मांग बढ़ रही है। क्योंकि लोग विशेषकर अपनी शक्ल-सूरत को लेकर अधिक से अधिक जागरूक हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर हर कोई बेस्ट दिखना पसंद करता है। जो मामले हम देख रहे हैं, वे रिकंस्ट्रक्शन और कॉस्मेटिक दोनों हैं। मरीजों को सामान्य जीवन जीने में मदद करने के लिए कैंसर और आघात के बाद रिकंस्ट्रक्शन किया जा रहा है। स्तन बढ़ाव और बॉडी स्कल्पटिंग जैसी कॉस्मेटिक सर्जरी की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
डॉ. ए.बी. प्रभु ने कहा कि आजकल पुरुष भी महिला समकक्षों की तरह अपने रूप को निखारने के लिए आगे आ रहे हैं। प्रक्रियाओं में वृद्धि का मुख्य कारण संभवतः सोशल मीडिया जागरूकता और बेहतर मार्केटिंग है। डॉ. अखिल गर्ग ने कहा कि लैंगिक अंतर काफी है। विश्वभर में और भारत में कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं की तलाश करने वाले अधिकांश मरीज महिलाएं हैं। हालाँकि, सबसे बड़ा बदलाव जो हमने देखा है, वो है प्लास्टिक सर्जरी कराने वाले पुरुषों की संख्या में वृद्धि। पहले प्लास्टिक सर्जरी करवाने वाले केवल मशहूर हस्तियां और मॉडल ही होते थे, लेकिन अब हम बहुत से युवाओं को गाइनेकोमेस्टिया (पुरुष स्तन) सुधार, नाक की सर्जरी और अन्य विकृतियों का सुधार करवाते हुए देख रहे हैं।
डॉ ए.बी. प्रभु ने कहा कि हाइड्राफेशियल, लिक्विड या एक्वा फेसलिफ्ट, नाक के लिए थ्रेड एन्हांसमेंट, माइक्रो नीडलिंग रेडियोफ्रीक्वेंसी, पीआरपी थेरेपी जैसी न्यूनतम डाउनटाइम के साथ कई नाॅन-सर्जिकल शाॅर्ट लंचटाइम प्रक्रियाएं भी ओपीडी में अक्सर की जा रही हैं। डॉ. अखिल गर्ग ने कहा कि टेक्नोलाॅजी के विकास के साथ उन लोगों के लिए नाॅन-सर्जिकल विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है, जो सर्जरी से डरते हैं या इसके लिए तैयार नही हैं। इनमें चेहरे के लिए बोटॉक्स और फिलर्स से लेकर नाॅन-सर्जिकल स्किन कसने और फैट कम करने की तकनीकें शामिल हैं। ये अलग हैं, क्योंकि इनमें एनेस्थीसिया या अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है। इन्हें डॉक्टर के ऑफिस में किया जा सकता है और मरीज इसके बाद घर जा सकता है। हालांकि ये हल्के से मध्यम विकृति के लिए बेहतर हैं और इन्हें अनुभवी पेशेवर डाॅक्टर्स द्वारा किया जाना चाहिए।
डॉ. ए.बी. प्रभु ने कहा कि अनुभवी हाथों में प्लास्टिक सर्जरी का जोखिम न्यूनतम है और वृद्धि या पुनर्निर्माण करवाना व्यावहारिक रूप से सुरक्षित है। यदि कोई जोखिम है तो उसे प्रक्रियाओं को चरणबद्ध करके काफी हद तक कम किया जा सकता है। डॉ. अखिल गर्ग ने कहा कि प्रौद्योगिकी और स्थापित प्रोटोकॉल में प्रगति के कारण आजकल इनमें से अधिकांश प्रक्रियाएं बहुत सुरक्षित हैं। इन सर्जरी का जीवन की गुणवत्ता पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि ये रोगी आमतौर पर अपने रूप को लेकर बहुत कम आत्मविश्वासी या शर्मिंदा होते हैं और दूसरों से मिलने या बाहर जाने में अनिच्छुक होते हैं। ये सर्जरी उन्हें अपने जीवन को पुनः प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास और खुशी देती है। हालाँकि किसी भी सर्जरी की तरह प्लास्टिक सर्जरी भी जोखिम से पूरी तरह मुक्त नहीं है। जैसे गंभीर संक्रमण और एनेस्थीसिया से संबंधित जटिलताएं। यही कारण है कि सर्जरी से पहले जोखिमों, लाभों और अपेक्षाओं पर स्पष्ट रूप से चर्चा करने के अलावा हमेशा एक अच्छी तरह से सुसज्जित अस्पताल या केंद्र में एक अच्छी तरह से योग्य प्लास्टिक सर्जन से ऑपरेशन करवाना आवश्यक है।