मोहाली के सेक्टर-89 में घरों के सामने अस्थाई बाड़बंदी हटाने की गमाडा की कार्रवाई से लोग खफा

कहा-पहले लावारिस पशुओं की समस्या से छुटकारा दिलाए गमाडा, फिर खुद ही बाड़बंदी हटा लेंगे लोग

MOHALI, 25 AUGUST: मोहाली के सेक्टर-89 में स्थित यूनाइटेड सोसाइटी ऑफ रेजिडेंट्स के ब्लॉक ए और बी निवासियों ने अपने घरों के सामने लगाए गए पौधों व छोटे बगीचों की सुरक्षा के लिए की गई अस्थाई बाड़बंदी को गमाडा द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के तौड़ दिए जाने की निंदा करते हुए गमाडा से मांग की है कि पहले उन्हें लावारिस पशुओं के खतरे से मुक्ति दिलाने के लिए सरकारी खर्चे पर प्रबंध किए जाएं, उसके बाद उन्हें खुद ही बाड़बंदी हटाने के लिए कम से कम दो महीने का वक्त दिया जाए।

इस सोसाइटी के अध्यक्ष डीवी रत्न एवं महासचिव जगदीश पाल सिंह कालरा ने बताया कि गमाडा के कुछ कर्मचारी यूनाइटेड सोसाइटी ऑफ रेजिडेंट्स के ब्लॉक ए और बी निवासियों पर घरों के सामने पौधों व छोटे बगीचों की बाड़बंदी को हटाने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं। गत 1 अगस्त को भी मकान नंबर-1 और 12 के सामने से ऐसी बाड़बंदी हटाई थी और कुछ अन्य लोगों को दो दिन में बाड़बंदी हटाने की चेतावनी दी। सोसाइटी के पदाधिकारियों का कहना है कि लोगों ने खुद अपना पैसा खर्च करके यह अस्थाई बाड़बंदी इसलिए की है, क्योंकि गमाडा इस सेक्टर में पड़ोसी ग्रामीणों द्वारा अनियंत्रित तरीके से पशुओं की चराई को रोकने और यहां के निवासियों के जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाले असंख्य लावारिस पशुओं को सेक्टर में खुलेआम घूमने से रोकने के अपने कर्तव्य में बुरी तरह विफल रहा है। लिहाजा, अपने घरों के सामने पौधों व घास की सुरक्षा करने के लिए खुद की लागत पर अस्थाई बाड़बंदी करने के अलावा यहां के निवासियों के पास कोई विकल्प नहीं है।

सोसाइटी के अध्यक्ष डीवी रत्न एवं महासचिव जगदीश पाल सिंह कालरा ने कहा कि लावारिस मवेशी यहां बहुत बड़ी समस्या बन गए हैं, क्योंकि इन मवेशियों के झुंड के झुंड सड़कों पर तथा घरों के सामने गोबर गिराते हैं और कुछ मवेशियों ने यहां के निवासियों पर हमला तक कर दिया। जब उन्होंने इन मवेशियों को भगाने का प्रयास किया तो गमाडा ने निवासियों के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया, जबकि गमाडा के अधिकारी जमीनी हकीकत से पूरी तरह वाकिफ हैं। सोसाइटी पदाधिकारियों का कहना है कि इस समस्या को देखते हुए ही जब गमाडा ने स्वयं सेक्टर में उनके द्वारा लगाए गए पौधों के लिए ट्री गार्ड प्रदान किए हैं तो वे निवासियों को अपने परिसर के सामने की रक्षा करने से कैसे रोक सकते हैं ? उन्होंने कहा कि घरों के सामने अस्थाई बाड़बंदी को तोड़ने के लिए गमाडा ने पहले निवासियों को कोई अग्रिम सूचना तक जारी नहीं की। गमाडा ने चराई और लावारिस मवेशियों को रोकने के लिए भी कोई वैकल्पिक उपाय प्रदान नहीं किया है और न ही निवासियों की संतुष्टि के लिए कोई कदम उठाए हैं। सोसाइटी पदाधिकारियों का कहना है कि गमाडा के अधिकारी यह जवाब भी देने में विफल रहे हैं कि उन्होंने बार-बार सेक्टर-89 को ही क्यों निशाना बनाया है, जबकि पूरे मोहाली शहर में और पूरे पंजाब राज्य के सभी शहरी क्षेत्रों में घरों के सामने इस तरह की बाड़बंदी देखी जाती है।

सोसाइटी के अध्यक्ष डीवी रत्न एवं महासचिव जगदीश पाल सिंह कालरा का कहना है कि इस सबके बावजूद सोसायटी के सदस्य गमाडा के नियमों का पालन करने और स्वेच्छा से अस्थाई बाड़बंदी को हटाने के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए कम से कम दो महीने का समय दिया जाना चाहिए। इस बीच, गमाडा अपने नियंत्रण वाले शहरी क्षेत्रों में चरागाहों और लावारिस पशुओं से बचाव के लिए अपने खर्च पर विकल्प भी प्रदान करे, ताकि लोगों को अपने घरों के सामने ऐसी किसी भी बाड़बंदी की आवश्यकता ही न पड़े।

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