31 जनवरी से शुरू हो रहा है संसद का बजट सत्र, जानें बजट सत्र से जुड़े रोचक तथ्य

CHANDIGARH, 13 JAN: संसद का बजट सत्र इस महीने की 31 तारीख से शुरू हो रहा है। बजट सत्र 31 जनवरी से 6 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान इन 66 दिनों तक चलने वाले इस बजट सत्र में 27 बैठकें होंगी। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि 14 फरवरी से 12 मार्च तक सामान्‍य अवकाश रहेगा। इस दौरान विभाग संबंधी संसदीय स्‍थायी समितियां अनुदानों की मांग की जांच और अपने मंत्रालयों तथा विभागों से संबंधित रिपोर्ट तैयार करेंगी।

राष्ट्रपति के अभिभाषण से होती है शुरुआत

बजट सत्र की शुरूआत राष्‍ट्रपति के अभिभाषण के साथ होती है। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पिछले साल 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। इस बार लोकसभा और राज्‍यसभा की संयुक्त बैठक को राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहली बार संबोधित करेंगी। सदन को संबोधित करने की ये परंपरा भारतीय नहीं है, बल्कि अंग्रेजों की है। आजादी के बाद 1950 से सत्र शुरू होने से पहले राष्ट्रपति का अभिभाषण होता है। संविधान के आर्टिकल 86 (1) में इसका प्रावधान है। इसके तहत आम चुनावों के बाद के पहले और साल के पहले सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से होती है और उसके बाद दोनों सदनों का काम शुरू होता है। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद इस पर चर्चा होगी और बाद में पीएम मोदी इसका जवाब देंगे।

31 जनवरी को आएगा ‘आर्थिक सर्वेक्षण’

संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने जानकारी दी कि संसद का बजट सत्र इस महीने की 31 तारीख से शुरू होगा। बता दें, इकोनॉमिक सर्वे आम तौर पर बजट से ठीक एक दिन पहले संसद में पेश किया जाता है।

1 फरवरी को पेश होगा आम बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2023 को वित्त वर्ष 2023-24 का आम बजट संसद में पेश करेंगी। वित्त मंत्री इस बार पांचवी बार बजट पेश करेंगी। बतौर वित्त मंत्री उनके नाम सबसे लंबा बजट भाषण देने का भी रिकॉर्ड है। वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए उन्होंने 2 घंटे 42 मिनट का लंबा भाषण दिया था। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2019 में खुद के बनाए अपने 2 घंटे एवं 17 मिनट के रिकॉर्ड को तोड़ा था।

जानें आम बजट का खास इतिहास

  • भारत में पहली बार 7 अप्रैल, 1860 को बजट पेश किया गया था वहीं आजादी मिलने के बाद स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को पेश किया गया था।
  • मोरारजी देसाई के नाम पर देश में सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने आठ सालाना बजट और दो इंटरिम बजट पेश किए। उन्होंने अपने जन्‍मदिन के दिन पहला बजट 1964 में और दूसरा बजट 1968 में पेश किया था। मोरारजी देसाई अपने जन्‍मदिन के बजट पेश करने वाले एकमात्र वित्‍त मंत्री भी हैं।
  • वर्ष 1999 तक बजट फरवरी के अंतिम कार्यदिवस को शाम 5 बजे पेश किया जाता था, लेकिन पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने वर्ष 1999 में इसे बदलकर सुबह 11 बजे का कर दिया ।
  • पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017 में बजट 1 फरवरी को पेश करने की परंपरा को शुरू की। उसके बाद से आम बजट 1 फरवरी को ही सुबह 11 बजे पेश किया जाता है।
  • वर्ष 2017 तक रेलवे बजट एवं आम बजट दोनों अलग-अलग पेश किए जाते थे। वर्ष 2017 में रेल बजट को आम बजट में समाहित कर दिया गया। अब सिर्फ एक ही बजट पेश किया जाता है।
  • वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहली बार लोकसभा में परंपरागत किताब में छपे बजट के बजाय डिजिटल इंडिया की बानगी दिखाते हुए टैबलेट पर बजट पढ़ा।
  • वर्ष 1955 तक बजट सिर्फ अंग्रेजी में ही पेश किया जाता था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे अंग्रेजी और हिंदी दोनों में ही पेश करना शुरू कर दिया था।
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