कैथल में आयोजित भव्य समारोह में हरियाणा साहित्य अकादमी व उर्दू अकादमी के डायरेक्टर डॉ. चंद्र त्रिखा व केंद्रीय अकादमी के डायरेक्टर माधव कौशिक ने किया सम्मानित
CHANDIGARH: पंचकूला के सेक्टर-7 की निवासी बाल कवियत्री दृष्टि त्रिखा, जो कि डीसी मॉडल स्कूल सेक्टर-7 की आठवीं कक्षा की छात्रा है, को इस वर्ष का ‘आरके नारायण कृति पुरस्कार’ दिया गया है। यह पुरस्कार उसके द्वारा लिखित पुस्तक ‘मेरा प्यारा देश’ काव्य संग्रह के लिए दिया गया। यह पुरस्कार जानी-मानी संस्था साहित्य सभा कैथल, जिसकी स्थापना 1968 में हुई थी व हरियाणा साहित्य अकादमी के सौजन्य से हर वर्ष नवोदित साहित्यकारों को दिया जाता है।
इस पुरस्कार के लिए पूरे हरियाणा राज्य से प्रविष्टियां आती हैं। कैथल के केआरके एसडी कॉलेज में आयोजित एक भव्य समारोह में पंचकूला की दृष्टि त्रिखा को हरियाणा साहित्य अकादमी व उर्दू अकादमी के डायरेक्टर डॉ. चंद्र त्रिखा व केंद्रीय अकादमी के डायरेक्टर माधव कौशिक द्वारा सम्मानित किया। साहित्य सभा कैथल के अध्यक्ष सी मदनलाल गुप्ता, प्रद्युमन भल्ला, मधु गोयल के अलावा संस्थान के सभी सदस्यों ने इस उपलब्धि पर दृष्टि त्रिखा व उसके माता-पिता को बधाई दी। आरके नारायण जाने-माने साहित्यकार, पत्रकार व्यंग्यकार, चित्रकार व हास्य रस के कवि थे। मालगुडी डेज इन्हीं के द्वारा लिखा हुआ धारावाहिक था, जो दूरदर्शन पर बहुत देखा जाता था। उन्हीं के नाम पर पुरस्कार हर साल दिया जाता है। दृष्टि ने बताया कि वैसे तो उसकी रचनाएं कई सांझा संकलन में बहुत पहले से छपती आ रही हैं पर कोरोनाकाल में जब स्कूल नहीं जाना होता था तो वह बहुत सारा समय लेखन में ही बिताती थी और कई ऑनलाइन काव्य गोष्ठियों में भी हिस्सा लेती थी, जिससे उसका हौसला और बढ़ा तथा एक पुस्तक लिखने के लिए प्रेरणा मिली। इस पुस्तक के अलावा दृष्टि त्रिखा अनुभूति के स्वर, कलम के सिपाही, ए वतन, वतन के रखवाले, उमंग लघु कथाएं, हिंदुस्तान हमारा, उमंग कविताएं, जय जवान सांझा संकलन में अपनी 10-10 कविताएं दे चुकी हैं। कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में भी उसकी रचनाएं छपी हैं।
दृष्टि की माताजी श्रीमती नीलम त्रिखा भी एक जानी-मानी साहित्यकार हैं। बेटी को इस उम्र में सम्मान मिलने से उनके पिताजी रजनीश चंद्र त्रिखा व माताजी दोनों ही बहुत प्रसन्न दिखे। गत 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता के निवास स्थान पर दृष्टि की पुस्तक का विमोचन बड़ी धूमधाम से हुआ था, जिसमें कई जानी-मानी साहित्यिक हस्तियों ने हिस्सा लिया था। तब किसी को नहीं पता था कि इसी कृति के लिए दृष्टि को इतना बड़ा सम्मान भी मिलेगा। दृष्टि त्रिखा अपने इस सम्मान से बहुत खुश हैं और मां शारदे का धन्यवाद करती हैं कि मैं आगे भी इसी तरह से देश हित में लिखती रहूं। दृष्टि को और भी कई तरह के सम्मान मिले हैं। 2018 में दिल्ली में बाल दिवस के अवसर पर दृष्टि को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने का भी अवसर मिला। दृष्टि बताती है कि मैं पढ़ने के साथ-साथ ज्यादा लिखती हूं और शाम को टेनिस खेलने जाती हूं। मेरा कोच भी मुझे एक घंटा ज्यादा समय देता है, ताकि मैं आने वाली डिस्ट्रिक्ट लेवल प्रतियोगिता में प्रथम आ सकूं।