दीवाली के पंच पर्व 2 नवंबर से 6 नवंबर तक, जानिए हर दिन का शुभ मुहूर्त

रामायण को लेकर कई कहानियां हैं। जब भी दशहरा आता है तो उसके 20 दिन बाद दीवाली आती है। जब गूगल मैप पर लंका और अयोध्या के बीच की दूरी देखी जाती है तो यह 3150 किलोमीटर बताता है और इसमें वॉकिंग डिस्टेंस भी 20 दिन आता है। भगवान राम को लंका से अयोध्या आने में 20 दिन ही लगे थे। दीपावली का त्यौहार श्रीराम, सीता और लक्ष्मण के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है।

पंचोत्सव
जैसे नवरात्रि पर नौ दिन दुर्गा माता के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है, ठीक उसी भांति दीवाली के अवसर पर पंचोत्सव मनाने की परंपरा है। किस दिन क्या पर्व होगा और उस दिन क्या छोटे-छोटे कार्य व उपाय करने चाहिए, इसका दैनिक विवरण संक्षिप्त रूप में हम यहां दे रहे हैं।

दीपावली का त्योहार पांच दिनों तक मनाने का विधान है। इसकी शुरूआत धनतेरस से हो जाती है। इसके बाद नरक चौदस अन्नकूट और भैया दूज का पर्व मनाया जाता है। दीपावली से जुड़े पांच पर्व अपने साथ सुख-समृद्धि, आरोग्यता, प्रेम और स्नेह को समेटे हुए हैं। पावन पर्व धनतेरस से प्रारंभ होकर नरक चतुर्दशी, दीपावली महापर्व, गोवर्धन पूजा से होते हुए भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले भाई दूज पर जाकर समाप्त होता है। आस्था और विश्वास के इन पांच दिनों में अलग-अलग देवी-देवताओं के लिए अलग-अलग समय पर अलग-अलग प्रकार से पूजा करके सुख-समृद्धि और संपन्नता का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। विभिन्न पर्वों के दिवस व शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं-

धनतेरस: 2 नवंबर 2021
दीपावली
के पांच महापर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है। धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पावन पर्व 2 नवंबर 2021 को है। धनतेरस के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और आरोग्य का आशीर्वाद प्रदान करने वाले धनवंतरि की विशेष पूजा का विधान है। इस दिन को किसी भी प्रकार का सामान आदि खरीदने के लिए अत्यंत ही शुभ माना जाता है। इस दिन प्रदोषकाल में यमराज के लिए चौमुखा दीपक मुख्य द्वार पर जलाया जाता है। इस साल कार्तिक अमावस्या की तिथि 4 नवंबर को सुबह 6 बजकर 3 मिनट से शुरू होकर 5 नवंबर को रात 2 बजकर 44 मिनट तक रहेगी।

शुभ मुहूर्त
धनतेरस मुहूर्त:
शाम 6 बजकर 18 मिनट से लेकर रात के 8 बजकर 11 मिनट तक।
धनतेरस पर शुभ खरीदारी की अवधि: 1 घंटे 52 मिनट।
प्रदोष काल: 17.35 बजे से 20.11 बजे तक।
वृषभ काल: 18.18 बजे से 20.14 बजे तक।

नरक चतुर्दशी: 3 नवंबर 2021
दीपावली
महापर्व का यह दूसरा दिन होता है, जिसे छोटी दीवाली भी कहा जाता है। यह पर्व इस साल 3 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा। नरक से जुड़े दोष से मुक्ति पाने के लिए शाम के समय द्वार पर दिया जलाया जाता है। मान्यता यह भी है कि हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हुआ था, इसलिए उनके भक्त इस दिन विधि-विधान से उनकी जयंती मनाते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध करके 16,100 कन्याओं को उसके चंगुल से मुक्त कराया था। इस पर्व को रूप चौदस भी कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर उबटन लगाकर स्नान करने से रूप एवं सौंदर्य में वृद्धि होती है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा भी होती है। घर के कोनों में दीपक जलाकर अकाल मृत्यु से मुक्ति की कामना की जाती है।
तेल मालिश का समय: सुबह 6:06:05 से 06:34:57 तक।
अवधि: 0 घंटे 28 मिनट।

दीपावली 4 नवंबर 2021
दीपों
से जुड़ा महापर्व दीपावली का पावन पर्व इस साल 4 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा। इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी, ऋद्धि-सिद्धि के देवता गणपति, धन के देवता कुबेर के साथ महाकाली की पूजा का विधान है। सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए इन सभी देवी-देवताओं की रात्रि में साधना-आराधना की जाती है और उनके स्वागत में विशेष रूप से दीप जलाए जाते हैं।

दीवाली और लक्ष्मी पूजा तिथि: गुरुवार 4 नवंबर 2021
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 18:10:28 से 20:06:18 तक।
अवधि: 1 घंटे 55 मिनट।
प्रदोष काल: 17:34:09 से 20:10:27 तक।
वृषभ काल: 18:10:28 से 20:06:18 तक।

दीवाली महानिशीथ काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त:
23:38:52 से 24:30:58 तक।
महानिशीथ काल: 23:38:52 से 24:30:58 तक।
सिंह काल: 24:42:01 से 26:59:43 तक।

दीवाली शुभ चौघडिय़ा मुहूर्त
प्रात:काल मुहूर्त (शुभ):
06:34:58 से 07:57:21 तक।
प्रात:काल मुहूर्त (चल, लाभ, अमृत): 10:42:09 से 14:49:21 तक।
सायंकाल मुहूर्त (शुभ, अमृत, चल): 16:11:45 से 20:49:32 तक।
रात्रि मुहूर्त (लाभ): 24:04:55 से 25:42:37 तक।

गोवर्धन पूजा 5 नवंबर 2021
दीपावली
के अगले दिन गोवर्धन पूजा का पावन पर्व मनाया जाता है। इस साल यह गोवर्धन पूजा पर्व 5 नवंबर 2021 को है। इसे अन्नकूट उत्सव भी कहते हैं। इस दिन घर की गाय और अन्य जानवरों के साथ गोवर्धन की पूजा का बहुत महत्व है। इस दिन घरों एवं मंदिरों आदि में गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजे जाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार गोवर्धन का त्योहार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर मनाया जाता है। इसी दिन भगवान कृष्ण को 56 भोग बनाकर लगाया जाता है।

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त: 06:35 मिनट से 08:47 मिनट तक
अवधि: 2 घंटे 11 मिनट।
गोवर्धन पूजा का सायंकाल मुहूर्त: 15:21 मिनट से 17:33 मिनट तक।
अवधि: 2 घंटे 11 मिनट।

भाई दूज 6 नवंबर 2021
गोवर्धन
पूजा के अगले दिन भैयादूज का पर्व मनाया जाता है। इस साल भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाने वाला यह पावन पर्व 6 नवंबर 2021 को है। इस दिन यदि संभव हो तो यमुना में जाकर स्नान करना चाहिए। यदि संभव न हो तो नहाने के पानी में यमुना जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं और भाई उसके बदले में उन्हें उपहार देता है।
भाई दूज पांच दिवसीय दीपावली पर्व का आखिरी दिन का त्योहार होता है। भाई दूज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की मनोकामनाएं करती हैं। इस त्योहार को भाई दूज या भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया कई नामों से जाना जाता है।

भाई दूज का शुभ मुहूर्त
भाई दूज तिलक का समय:
दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से लेकर 03 बजकर 21 मिनट तक।

  • मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़, फोन: 98156-19620
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