ब्रिटेन से अमृतसर पहुंचे 1550 यात्रियों में से फिलहाल सिर्फ 709 के विवरण मिले
CHANDIGARH: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने वीरवार को सभी सिविल सर्जनों को हिदायत दी कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए हाल ही में जारी की गई एस.ओ.पी. के अनुसार दो दिनों में इंग्लैंड से भारत पुहंचे यात्रियों की निगरानी और ट्रेसिंग को यकीनी बनाया जाये।
सिद्धू ने कहा कि ब्रिटेन से दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचे पंजाब के 1822 यात्रियों की सूची आज प्राप्त हो गई है और यह पहले ही सभी जि़लों के साथ सांझी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि कुल 1550 ब्रिटेन के यात्री श्री गुरु रामदास एयरपोर्ट अमृतसर में पहुंचे थे, परन्तु हवाई अड्डा अथॉरिटी से सिर्फ 709 यात्रियों के विवरण प्राप्त हुए हैं, जबकि 841 यात्रियों के विवरणों को हासिल करने के लिए अगली कार्यवाही का इन्तज़ार है।
उन्होंने जानकारी दी कि 21-23 दिसंबर, 2020 को यू.के से आए 262 यात्रियों को निरीक्षण के अधीन रखा गया था और उनमें से 8 कोरोना पॉजि़टिव बताए गए हैं और उनको फोर्टिस अस्पताल, अमृतसर में दाखि़ल करवाया गया है। इन 8 पॉजि़टिव मरीज़ों के नमूने यूके में पाए गए नये रूप सारस-कोव-2 वायरस के संदर्भ में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे को भेजे जाएंगे।
सिद्धू ने कहा कि फ्लाइट में सवार यात्रियों के 216 संपर्क जो यू.के से पहुँचे थे की भी पहचान की गई थी और उनका पता लगाया गया था और उनको एकांतवास में रखा गया है। बाकी रहते संपर्कों की खोज युद्ध स्तर पर की जा रही है, जिससे पंजाब में लोगों की सुरक्षा को यकीनी बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि सिविल सर्जनों को सभी यात्रियों की रिपोर्ट 27 दिसंबर, 2020 तक स्टेट हैडक्वाटर जमा करवाने के लिए भी निर्देश दिए गए थे। यूके से आने-जाने वाले यात्रियों की निगरानी करने और जांच करने सम्बन्धी सभी डिप्टी कमिश्नरों और सिविल सर्जनों को पहले ही हिदायतें जारी कर दी गई हैं।
विशेष तौर पर सारस-कोव-2 वायरस [वेरीऐंट अंडर इन्वैस्टीगेशन (वीयूआई) -20212/01] के नये रूप की रिपोर्ट यूके द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन को दी गई है। इस रूप का अनुमान योरोपियन सैंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल (ई.सी.डी.सी.) द्वारा और ज्य़ादा संचारित और नौजवान आबादी को प्रभावित करने वाला बताया गया है। यह रूप 17 परिवर्तन या परिवर्तन के एक सैट द्वारा परिभाषित किया गया है। स्पाइक प्रोटीन के इस हिस्से में तबदीलियों के नतीजे के तौर पर वायरस और ज्य़ादा संक्रामक है और लोगों में और ज्य़ादा आसानी से फैल सकता है।