पंजाब में सभी पंचायती जमीनों पर अवैध कब्जों की जांच के आदेश

एक महीने के अंदर 5000 एकड़ पंचायती जमीन से नाजायज कब्जे टाए जाएंगे: कुलदीप धालीवाल

CHANDIGARH, 25 APRIL: राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप धालीवाल ने सभी पंचायती ज़मीनों पर नाजायज कब्जों की जांच के आदेश दिए हैं। आज यहाँ विकास भवन में समूह अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नरों और ज़िला विकास और पंचायत अधिकारी के साथ उच्च स्तरीय मीटिंग के दौरान कुलदीप धालीवाल ने अधिकारियों को सख़्त आदेश देते हुये कहा सख्ती से सिविल और पुलिस प्रशासन की मदद से पंचायती ज़मीन से नाजायज कब्ज़े हटाए जाएँ। पंचायती ज़मीनों से नाजायज कब्ज़े हटाने की इस मुहिम के पहले पड़ाव के अंतर्गत एक महीने के अंदर 31 मई, 2022 तक पाँच हज़ार एकड़ पंचायती ज़मीन से नाजायज कब्ज़े हटाने का लक्ष्य निश्चित किया गया है।

ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ने इस साल कृषि योग्य पंचायती ज़मीनों की खुली बोली यकीनी बनाने के लिए वीडीओग्राफी करने के हुक्म जारी करते हुये कहा कि खुली बोली सम्बन्धी की जाती अनाउंसमैंटों की भी वीडियो रिकॉर्डिंग यकीनी बनाई जाये। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि किसी अधिकारी की बोली करवाने के मौके पर किसी व्यक्ति को लाभ पहुँचाने की मिलीभुगत सामने आयी तो उसके खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही की जायेगी। इसके साथ ही उन्होंने आदेश देते हुये कहा कि जिन ज़मीनों के चकौतें(सालाना लीज़ नीलामी) के रेट घटे हैं उनकी जांच करके तुरंत दोषियों के खि़लाफ़ कार्यवाही की जाये। इसके साथ ही मंत्री ने पंचायती ज़मीनों पर ट्यूबवैल लगवाने के लिए अधिकारियों को कार्यवाही अमल में लाने के हुक्म देते हुये कहा कि ट्यूबवैल लगवाने के लिए ज़िला और ब्लॉक अधिकारी ख़ुद बिजली बोर्ड के अधिकारियों के साथ संपर्क करें।

एक अन्य अहम फ़ैसला लेते हुये कुलदीप धालीवाल ने कहा कि डी.डी.पी.ओ की अदालतों में चलते मामलों का तीन महीने में निर्णय यकीनी बनाया जाये और कोई भी केस लम्बित न रखा जाये। यदि कोई अधिकारी जानबूझ कर ऐसा करता है तो उसके खि़लाफ़ विभागीय कार्यवाही की जायेगी।

राज्य को हरा-भरा बनाने के मंतव्य से हर गाँव में 500 पौधे लगाने का फैसाल भी इस मीटिंग में किया गया। इस मीटिंग में वित्त कमिशनर विकास के. शिवा प्रसाद, डायरैक्टर ग्रामीण विकास गुरप्रीत सिंह खैहरा, संयुक्त विकास कमिशनर टी.पी.एस फुलका के अलावा ग्रामीण विकास विभाग के मुख्यालय के सीनियर अधिकारी, सभी जिलों के अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर और ज़िला विकास एवं पंचायत अधिकारी भी मौजूद थे।

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