पंजाब के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कहा- रैमडिसीवीर की 7 हजार खुराकें निजी अस्पतालों को दीं और 15 हजार खुराकें सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध करवाई गईं
निजी अस्पतालों को सप्लाई किए गए वैंटीलेटरों का प्रयोग यकीनी बनाने के लिए भी कहा
CHANDIGARH: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग पंजाब के प्रमुख सचिव हुसन लाल ने कोविड-19 मैनेजमेंट सम्बन्धी राज्य के निजी अस्पतालों के साथ वर्चुअल मीटिंग की। उन्होंने कोविड-19 का इलाज कर रहे निजी अस्पतालों से अपील की कि बढ़ रहे मामलों से निपटने के लिए कम से कम 30 अप्रैल तक ग़ैर-ज़रूरी सर्जरियों को स्थगित किया जाए।
उन्होंने सभी निजी अस्पतालों को निर्देश दिए कि उनकी तरफ से इलाज के लिए सरकारी तय रेटों के अनुसार ही इलाज ख़र्च लिया जाए। इस समय राज्य में 213 निजी अस्पताल कोविड-19 मरीज़ों की देखभाल कर रहे हैं और सरकार ने निजी अस्पतालों को 230 वेंटिलेटर मुहैया करवाए हैं, जिनकी हिदायतों के अनुसार सही प्रयोग किया जाए। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कोविड के कारण बढ़ रही मौतों पर चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा कि विशेष तौर पर स्तर-2 से स्तर-3 में रैफर करते समय बहुत सी मौतें हो रही हैं और उन्होंने निजी अस्पतालों को सुझाव दिया कि मरीज़ों को समय पर रैफर किया जाए। राज्य को रैमडिसीवीर दवा की 20,000 से अधिक $खुराकें मिली हैं, जोकि निजी अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों में मुफ़्त उपलब्ध करवाई गई हैं।
उन्होंने अस्पतालों को आगे निर्देश दिए कि वह मरीज़ को सिफऱ् तब तक अपने पास रखें जब तक उनके पास उचित देख-रेख का उपयुक्त प्रबंध हो और यदि वह महसूस करते हैं कि मरीज़ की सेहत के बिगडऩे की संभावना है तो मरीज़ को समय पर स्तर-3 सुविधा में तुरंत रैफर किया जाना चाहिए। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि कोविड टीका कीमती है और टीके की किसी भी तरह की बर्बादी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने निजी अस्पतालों से अपील की कि वह आम लोगों की सुविधा के लिए कोविड टीकाकरण केंद्र स्थापित करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाई को प्रोटोकॉल के अनुसार इस्तेमाल किया जाए और यदि अतिरिक्त सप्लाई की ज़रूरत हो तो संबंधित जि़लो के सिविल सर्जन से संपर्क किया जाए। उन्होंने चिंता ज़ाहिर की कि निजी अस्पतालों के माहिर कोविड-19 मैनेजमेंट सम्बन्धी आयोजित सत्रों में शामिल नहीं हो रहे और उनकी तरफ से डॉ. के.के. तलवाड़ द्वारा आयोजित किए जा रहे इन सत्रों में शामिल होना सुनिश्चित बनाया जाए।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान डी.के. तिवाड़ी ने मीटिंग को संबोधित करते हुए योग्य लाभार्थियों के टीकाकरण के यत्नों को बढ़ाए जाने पर ज़ोर दिया। पंजाब मैडीकल काऊंसिल के प्रधान डॉ. ए.एस. सेखों ने स्वास्थ्य विभाग को यकीन दिलाया कि काऊंसिल द्वारा नियमों की पालना करने के लिए सभी अस्पतालों के साथ तालमेल किया जाएगा और वैबीनार सैशनों में शामिल होंगे।
इस काम के बेहतर तालमेल के लिए पंजाब मैडीकल काऊंसिल के सदस्यों को जि़ले अलॉट किए जाएँ, जिससे कोविड मैनेजमेंट और टीकाकरण के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ तालमेल किया जा सके। इस वर्चुअल मीटिंग में सचिव स्वास्थ्य कुमार राहुल, पंजाब हैल्थ सिस्टम्स कोर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरैक्टर श्रीमती तनू कश्यप, समूह जि़लों के डिप्टी कमिश्नर, समूह सिविल सर्जन, स्टेट नोडल अफ़सर कोविड-19 डॉ. राजेश भास्कर, स्टेट प्रोग्राम अफ़सर टीकाकरण डॉ. बलविन्दर कौर, जि़लों के प्रशासनिक अधिकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर शामिल थे।