जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखर पहाड़ी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने का विरोध              

प्रधानमन्त्री को लिखा पत्र

CHANDIGARH, 30 DEC: अंहिसा चैरिटेबल सेवा समिति, चण्डीगढ़ ने जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखर पहाड़ी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने का विरोध किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में समिति के प्रधान अजय जैन, उपाध्यक्ष नरेश गुप्ता, महासचिव रजनीश जैन, संयुक्त सचिव श्यामलाल जैन, कैशियर यशपाल अग्रवाल व पैट्रर्न राजेंद्र प्रसाद जैन, आर पी जैन, हंस राज जैन, नवरतन जैन, राजकुमार जैन, अंकित जैन व सुनील जैन ने मांग की है कि झारखंड में श्री सम्मेद शिखर जी पौराणिक काल से ही जैन अनुयायियों के लिए सबसे बडा तीर्थ स्थल रहा है, जहां से धर्म के 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकर व कोड़ा कोड़ी मुनियों की मोक्ष स्थली होने के कारण जैन समाज के लिए पहाड़ का कण-कण पूजनीय है। दो फरवरी 2019 को इस पवित्र पहाड़ को भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा एक अध्यादेश  निकालकर इसे पर्यटन स्थल बनाने का निर्देश जारी किए जाने से आम आदमियों के सैर सपाटे से मांस व मछली-शराब जैसी चीजों के इस्तेमाल करने से पूरे क्षेत्र की पवित्रता भंग होने का खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि इसलिए जैन धर्म के इस सबसे सशक्त तीर्थ स्थल को निश्चित परिधि मधुबन सहित इस पहाड़ी पर मांसाहार व शराब की बिक्री पर कड़े  प्रतिबंध लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि इस बारे में जारी की गई अधिसूचना को तुरंत खारिज किया जाए। राजेंद्र प्रसाद जैन ने कहा कि अंहिसा सेवा समिति की श्री दिगंबर जैन मंदिर में एक बैठक हुई जिसमें फैसला किया गया कि 8 जनवरी, 2023 को सुबह 11 बजे से 12 बजे तक मंदिर के गेट के बाहर पवित्र स्थल को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के विरोध में ण्मोकार महामंत्र का पाठ किया जाएगा।  इसके बाद जूलूस के  रूप में जाकर नगर प्रशासन के एडमिनिस्ट्रेटर को राष्ट्रपति के नाम पर ज्ञापन पत्र भी सौंपा जाएगा।

error: Content can\\\'t be selected!!