ऑनलाइन काव्य गोष्ठीः उमंग अभिव्यक्ति मंच ने महिलाओं में कम किया कोरोनाकाल का तनाव, कई नुस्खे बताए

CHANDIGARH: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने कोरोनाकाल के तनाव के बीच सभी में उत्साह भरने के लिए एक ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मोटिवेशनल स्पीकर सोनीमा सत्या और प्रख्यात साहित्यकार डॉ. प्रज्ञा शारदा को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया।

रचनाकारों ने अपने अनुभव भी सांझा किए

मंच की फाउंडर श्रीमती नीलम त्रिखा, शिखा, श्याम राणा ने बताया कि इस मौके पर योग और प्राणायाम को कोरोना का रामबाण इलाज बताते हुए इसे अपनाने की अपील की गई। अन्य वक्ताओं ने बहुत सारे देसी नुस्खे भी सांझा किए। सोनीमा सत्या ने छोटे-छोटे ऐसे तरीके बताए, जिससे अपने घर में खुशियां भर सकते हैं। छोटी सी कोशिश से आप अपने गुस्से पर काबू पा सकते हैं। ट्राइसिटी के अलावा भी बाहर से इस काव्य गोष्ठी में रचनाकारों ने हिस्सा लिया। यह काव्य गोष्ठी जूम ऐप के माध्यम से की गई। सभी रचनाकारों ने इसी विषय पर अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं, अपने अनुभव सांझा किए, एक-दूसरे को प्रोत्साहित किया और समाज को भी यही संदेश दिया है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। अपने आप को सुरक्षित रखें, बेवजह घर से न निकलें, मास्क पहनें, बार-बार हाथ धोएं तथा भीड़भाड़ वाली जगह पर न जाएं। अगर जाना भी पड़े तो 2 गज की दूरी अवश्य रखें। वैक्सीन जरूर लगवाएं और सभी को इसे लगवाने के लिए प्रोत्साहित करें।

उमंग अभिव्यक्ति मंच ने बनाई मोटिवेशनल टीम

श्रीमती नीलम त्रिखा ने बताया कि हमने एक मोटिवेशनल टीम तैयार की है, खास तौर पर महिलाओं, बच्चियों के लिए। किसी को भी अगर लगता है कि उसे कहीं से डिप्रेशन घेर रहा है तो वह बिना हिचक के हमसे बात कर सकती हैं, हमारी टीम उनकी हर समस्या का समाधान करेगी और यह पूर्णतः गुप्त रहेगा। आप हर तरह से अपनी बात हमसे सांझा कर सकते हैं।

गोष्ठी में इन रचनाकारों ने लिया भाग

इस काव्य गोष्ठी में श्रीमती शिखा श्याम राणा, सोनीमा सत्या, श्रीमती नीलम त्रिखा, डॉ. प्रज्ञा शारदा के अलावा संगीता शर्मा कुंद्रा, नीरजा शर्मा, श्रीमती सुनीता गर्ग, निशा वर्मा, अलका शर्मा, दिलप्रीत दीपाली, रेणुका मिड्डा चुघ, गरिमा गर्ग, आभा मुकेश साहनी, श्रीमती कृष्णा आर्य नारनौल, नीरू मित्तल, रेनू अब्बी, दृष्टि त्रिखा, मणि शर्मा, गरिमा गर्ग, श्रीमती शीला गहलावत, शिवा, राशि श्रीवास्तव, धीरजा शर्मा, ममता सूद, आरती प्रिय आदि रचनाकारों ने अपनी-अपनी रचनाएं सुनाकर सभी को उत्साहित किया।

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