ऑनलाइन काव्य गोष्ठीः इंसान जन्म से लेकर मरण तक कविता गुनगुनाता है…

CHANDIGARH: राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच की ओर से ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष  मुरारी लाल अरोड़ा, मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में बाल कृष्ण गुप्ता उपस्थित रहे । कार्यक्रम संचालन व सरस्वती वंदना उपाध्यक्षा  व कवयित्री श्रीमती नीरू मित्तल नीर ने की। राष्ट्रीय महासचिव, हरेंद्र सिन्हा ने सभी कवियों का स्वागत किया।

मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रेम विज ने कहा कि कविता का संबंध इंसान के जन्म से लेकर आखिरी समय तक रहता है। बचपन की लोरी से लेकर भजन, गीत आदि तक कविता का सफर चलता है। उसके बाद राशि श्रीवास्तव, दर्शना सुभाष पाहवा, संगीता कुन्दरा, सुनीता गर्ग, आभा मुकेश साहनी , बालकृष्ण गुप्ता जी ,रजनी पाठक ,डा अनीष गर्ग, चन्द्र कला जैन, सोमेश जी,  नेहा अरोड़ा, डेज़ी बेदी , माधुरी शर्मा मधुर,  सागर सिंह भूरिया, हरेंद्र सिन्हा, शशिकान्त श्रीवास्तव, प्रभजोत कौर , मुरारी लाल अरोड़ा, नीरू मित्तल नीर, सीमा गर्ग मंजरी, सुरेन्द्र मोहन धवन , अशोक नादिर ,सभी ने अपनी अपनी कविताएं, गीत, गजल सुनाए ।देशभक्ति, प्रेम, मोहब्बत,पिया,हमसफर, श्रृंगार, गरीबी,आईना ,मेरा शहर ,भक्तों की सेवा ,पैगाम, त्याग, अपनी भाषा हिन्दी, तथा अन्य विषयों पर सभी ने बहुत ही सुमधुर स्वर में अपनी अपनी प्रस्तुति देकर महफिल को गुलज़ार कर दिया ।

error: Content can\\\'t be selected!!