टीचर्स डे पर नौकरी की सुरक्षा की मांग को लेकर सैकड़ों कांट्रैक्ट/गैसट टीचर्स व अन्य कांट्रैक्ट कर्मचारियों ने मस्जिद ग्राउंड में  की ” सत्य के प्रति की भूख हड़ताल व रोष प्रदर्शन “

चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा मार्च में जारी की गई पालिसी में साथी राज्यों की तरह रिटायरमेंट तक नौकरी की सुरक्षा की संशोधन की है मांग 

किसी केंद्रीय नीति के अभाव में चंडीगढ़ प्रशासन व म्युनिसिपल कार्पोरेशन में 25 वर्षों से कार्यरत कांट्रैक्ट कर्मचारियों की नौकरी की कोई सुरक्षा नहीं 

केंद्र के यूटी प्रशासन से कांट्रैक्ट कर्मचारियों के मामले में जवाब मांगे जाने से वर्षों से कार्यरत कांट्रैक्ट कर्मचारियों को न‌ए प्रशासक से नौकरी की सुरक्षा को लेकर उम्मीद बंधी

चंडीगढ़ प्रशासन व प्रशासक से 5000 कांट्रैक्ट कर्मचारियों की नौकरी ‌की सुरक्षा को लेकर मीटिंग की मांग की 

CHANDIGARH, 7 SEPTEMBER: चंडीगढ़ प्रशासन में सेंट्रल सर्विसेस रूल्स लागू होने के बाद से ही काट्रैक्ट कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटकी हुई है। हाल ही में मिनिस्ट्री आफ होम अफेयर्स के पास प्रशासन के विभिन्न विभागों में 20 से 30 वर्षों से कार्यरत कांट्रैक्ट कर्मचारियों को स्थायी किए जाने का मुद्दा भी पहुंच गया है।

आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ भारत के बैनर तले नौकरी की सुरक्षा के मुद्दे पर सैकड़ों कांट्रैक्ट गैसट टीचर्स व अन्य कांट्रैक्ट कर्मचारियों द्वारा मस्जिद ग्राउंड में भूख हड़ताल व रोष प्रदर्शन किया गया । चंडीगढ़ के विभिन्न शिक्षण व कर्मचारी संगठनों के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने इसमें सहयोग व संबोधित किया ।

चार मार्च को प्रशासन ने कांट्रैक्ट कर्मचारियों की पालिसी में कोई  नौकरी की सुरक्षा नहीं दी थी। कांट्रैक्ट कर्मचारी लंबे समय से स्थायी करने की मांग उठा रहे हैं। मामले में प्रशासन ने केंद्र सरकार को भेजे गए जवाब में बताया कि कॉट्रैक्ट कर्मचारियों के मामले में गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए, वेशक कर्मचारियों की सभी मांगों को पूरा नहीं किया जा सकता, लेकिन उन्हें कुछ राहत जरूरत मिलनी चाहिए।

केंद्र सरकार के इस फैसले से कॉट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए राहत की बात तो है, लेकिन भविष्य में यूटी प्रशासन ने रिक्त पदों पर स्थायी भर्ती के बाद कांट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। भविष्य में चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से स्थायी भर्ती के बाद कांट्रैक्ट कर्मचारियों की नौकरी पर मंडरा रहा खतरा बढ़ रहा है तथा कांट्रैक्ट कर्मचारी नौकरी की सुरक्षा न होने से चिंतित हैं। यूटी प्रशासन ने केंद्र सरकार के निर्देश के बाद अब कांट्रैक्ट पदों पर भर्ती पूरी तरह से बंद कर दी है।

 यूटी प्रशासन ने छह महीने में 4500 से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने का टारगेट है।

ऐसा नहीं करने पर प्रशासन के रिक्त पदों को केंद्र सरकार की ओर से रद्द कर दिया जाएगा और इन पदों पर स्थायी नियुक्ति की जा सकती है।

पिछले 20 से 25

वर्षों से किसी  केंद्रीय सुरक्षित नीति के अभाव में चंडीगढ़ के विभिन्न विभागों में काट्रैक्ट कर्मचारी प्रशासन में सेवाएं दे रहे है।

कांट्रेक्ट कर्मचारी जब अपने भविष्य को लेकर ही हर वक्त चिता में होगा,तो वह कैसे बेहतर काम कर सकेगा। कांट्रेक्ट कर्मचारियों का प्रशासन से आग्रह है कि कर्मचारियों को राहत देते हुए उनकी नौकरी को सुरक्षित करने को लेकर पंजाब और हरियाणा सरकार की तर्ज पर मार्च में बनाई पालिसी में रिटायरमेंट तक नौकरी की सुरक्षा का संशोधन कर एक सुरक्षित पालिसी बनाई जाए‌।

यूटी के विभागों में लगभग पांच हजार से अधिक कांट्रैक्ट कर्मी सेवाएं दे रहे हैं ।यूटी प्रशासन के स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा,स्वास्थ्य और तकनीकी शिक्षा में बड़े स्तर पर कांट्रैक्ट कर्मचारियों के सहारे ही काम चलाया जा रहा है।

कांट्रैक्ट कर्मचारियों को न‌ए प्रशासक से उम्मीद जगी है ।मामले में कांट्रैक्ट कर्मचारियों ने यूटी प्रशासक गुलाब चंद कटारिया को भी पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई व चंडीगढ़ प्रशासन से मीटिंग की मांग की है।

यूटी प्रशासन ने केंद्र सरकार के आदेशों के बाद कांट्रैक्ट कर्मचारियों की नियुक्ति पर पूरी तरह रोक लगा रखी है।

उधर, प्रशासन के विभागों में अगले दो वर्ष में बड़े स्तर पर स्टाफ की रिटायरमेंट होगी। 

कांट्रेक्ट कर्मचारियों का कहना है कि प्रशासन ने चुनाव से पहले 4 मार्च को कॉट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए पालिसी तो बनाई, लेकिन उसमें नौकरी  की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी। स्थायी भर्ती होते ही कांट्रैक्ट कर्मचारियों की छंटनी होना तय है।

ऐसे में प्रशासन को कांट्रैक्ट कर्मचारियों से जुड़े मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर जाब सिक्योरिटी की पालिसी केंद्र सरकार को भेजनी चाहिए। 

कांट्रैक्ट कर्मचारियों की मांग है कि उनकी नौकरी को भी मार्च में बनाई गई पालिसी में  रिटायरमेंट तक नौकरी की सुरक्षा का संशोधन कर हरियाणा और पंजाब सरकार जैसे  साथी राज्यों की तर्ज पर  नौकरी को सुरक्षित किया जाए। 

आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ भारत यूटी चंडीगढ़ के बैनर तले की गई इस सत्य के प्रति भूख हड़ताल व रोष प्रदर्शन को विभिन्न शिक्षण व कर्मचारी संगठनों के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने समर्थन व संबोधित किया।

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