PANCHKULA: हिंदी दिवस के अवसर पर आज उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला द्वारा अपने आठवें सांझा संकलन ‘हिंदुस्तान हमारा’ का विमोचन बड़ी धूम-धाम से किया गया। मंच की फाउंडर श्रीमती नीलम त्रिखा व शिखा श्याम राणा ने बताया कि इस पुस्तक में 42 राइटर्स है जिसमें सभी रचनाएं भारतीय संस्कृति व देश प्रेम पर लिखी है। यह कार्यक्रम गवर्नमेंट डेयरी डिपार्टमेंट हरियाणा के कांफ्रेंस हॉल सेक्टर 2 पंचकूला में हुआ।
इस मौके पर जननायक जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह, डेयरी डिपार्टमेंट के चेयरमैन रणधीर सिंह, ओपी सिहाग, वरिष्ठ साहित्यकार इंद्र वर्षा, गणेशदत्त, मनदीप शर्मा, केसी भारद्वाज, दीपक मोगी चंद, सुशील गर्ग, हरीश चंद्र गुप्ता, कृष्ण गर्ग, डिंपल गर्ग, अश्वनी शांडिल्य व अन्य साहित्यकार मौजूद रहे। सबसे पहले दीप प्रज्वलित कर कर मां शारदे को नमन किया गया। जजपा प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह व डेयरी डिपार्टमेंट के चेयरमैन रणधीर सिंह ने सभी साहित्यकारों को इस तरह के कार्य के लिए बधाई दी और कलमकारों को नमन करते हुए कहा कि देश की प्रगति में कलमकारों की सशक्त भूमिका रही है। हम सबको अपनी मातृभाषा हिंदी का प्रचार और प्रसार बढ़ चढ़कर करना चाहिए। कार्यक्रम में सभी ने हिंदी भाषा के प्रचार का गौरव गान किया और सभी को हिंदी बोलने के लिए प्रेरित किया।
इस मौके पर प्रसिद्ध सहित्यकार केदारनाथ केदार को याद करते हुए गणेश दत्त व इन्द्र वर्षा ने उमंग अभिव्यक्ति मंच की दोनों फाउंडर नीलम त्रिखा व शिखा श्याम राणा को केदारनाथ अदबी ट्रस्ट की और से श्री केदारनाथ केदार स्मृति चिन्ह देकर शुभकामनाएं दी।
पुस्तक ‘हिंदुस्तान हमारा’ में जिन रचनाकारों ने योगदान दिया है, उनमें नीलम त्रिखा, शिखा श्याम राणा, डॉ. प्रज्ञा शारदा, मणि शर्मा, सारिका धूपड़, सीता श्याम, उषा गर्ग, दृष्टि त्रिखा, दीपिका बहुगुणा, अलका शर्मा बोस, हरविंदर कौर शीनू वालिया, रेणु अब्बी, नीलम जोशी, हर्षित, ओपी सिहाग, सुषमा, कौशल चौहान, सतवंत कौर गोगी मल्होत्रा, राधा अग्रवाल, ममता सूद, कविता रोहिला, अलका शर्मा, सारिता मेहता, सविता गर्ग सावी आदि शामिल हैं।
इस अवसर पर कई रचनाकारों ने अपनी रचनाएं भी सुनाई। नीलम त्रिखा ने अपनी रचना में कहा,
भारत का अभिमान है हिंदी।
हम सब की पहचान हिंदी।।
शीनू वालिया ने अपनी कविता में कहा, बीता बीस (2020) कुछ ऐसा सबका, न सोचा न चाहा था,
ले डूबा दलदल में सबको, वक़्त न ऐसा आया था।।
सीता श्याम ने देश भक्ति की रचना हमारे वीर सुनाई। उन्होंने कहा,
कतरा कतरा खून का बहाने का मन करता है।
आज न जाने क्यों सरहद पर जाने का मन करता है।
मणि शर्मा मनु ने अपनी कविता में कहा,
मैं हूं हिन्दी,
भारत मां के माथे की बिंदी,
मैं भारत की शान हूं।
हो जाती हूं कभी दुखी बहुत,
हो जाती कभी हैरान हूं।
कार्यक्रम के अंत में अभिव्यक्ति मंच ने सभी का धन्यवाद किया और सभी से अपील की कि ज्यादा से ज्यादा हिंदी में बात करें अपनी मातृ भाषा का प्रचार व प्रसार करें।