CHANDIGARH: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बजट प्रस्तुत करते हुए आज समाज के बुजुर्गों की समस्याओं के दृष्टिगत और उनके प्रति अपार सम्मान व्यक्त करते हुए वृद्धावस्था सम्मान भत्ता इस वर्ष पहली अप्रैल से 2500 रुपये करने और एक नई योजना-‘मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान अभियान’ शुरू करने की घोषणा की।
उन्होंने राज्य सरकार को महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलने वाली सरकार बताते हुए कहा कि उनके विचार हमारी सरकार का प्रकाश स्तम्भ की तरह मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि आज के दिन 91 साल पहले महात्मा गांधी ने आजादी के लिए अपने अनुयायियों का नेतृत्व करते हुए साबरमती आश्रम से दांडी तक यात्रा निकाली थी। इसलिए आज वे इस अवसर पर एक नई योजना-‘मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान अभियान’ शुरू करने की घोषणा करते हैं। इस योजना के लिए परिवार पहचान पत्र से डाटा का सत्यापन किया जाएगा और राज्य में एक लाख निर्धनतम परिवारों की पहचान की जाएगी। इन परिवारों की न्यूनतम आर्थिक सीमा 1.80 लाख रुपये वार्षिक करने के उद्देश्य से उनके आर्थिक उत्थान को सुनिश्चित करने हेतु शिक्षा, कौशल विकास, वेतन रोजगार, स्व-रोजगार और रोजगार सृजन के उपायों का एक पैकेज अपनाया जाएगा और लागू किया जाएगा। जब इन एक लाख परिवारों का सफलतापूर्वक उत्थान हो जाएगा तो सरकार अगले एक लाख निर्धनतम परिवारों की पहचान करेगी और उनके आर्थिक उत्थान के लिए काम करेगी।
उन्होंने बताया कि ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान अभियान’ योजना के तहत हर पहचान किए गए परिवार के उत्थान के लिए योजनाओं अथवा योजनाओं के सेट की पहचान करने के लिए सरकार की सभी योजनाओं को समायोजित करने वाला व्यापक मिशन होगा। पहचान किए गए निर्धनतम परिवारों के उत्थान को सरकार का हर विभाग उसके द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में प्राथमिकता देगा। हम सब मिलकर इस अभियान को वर्ष 2025 तक चलाएंगे और मुझे उम्मीद है कि तब राज्य में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाला कोई परिवार नहीं बचेगा। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान अभियान के अन्तर्गत लगभग 2 लाख परिवारों के आर्थिक उत्थान का लक्ष्य है। सरकार की नीति इन परिवारों को सामाजिक आर्थिक सीढ़ी के अन्तिम पायदान पर अनिवार्य रूप से कवर करने की है। इसके बाद एक लाख परिवारों के अगले सेट को कवर किया जाएगा तथा इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए समाज के सभी कमजोर वर्गों को कवर किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि वृद्धोंं, विधवाओं, निराश्रित महिलाओं, दिव्यांग व्यक्तियों, किन्नरों, बौनों, अल्पसंख्यकों और केवल एक बेटी/बच्चा वाले परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए अनेक प्रभावी कदम उठाये हैं। वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा, निराश्रित महिला, दिव्यांग पेंशन, लाडली सामाजिक सुरक्षा भत्ता, किन्नर व बौना भत्ता के रूप में प्रतिमास 2250 रुपये वितरित किए जा रहे हैं। बेसहारा बच्चों को 1350 रुपये प्रति मास और स्कूल नहीं जाने वाले दिव्यांग बच्चों को 1650 रुपये प्रति मास की वित्तीय सहायता वितरित की जा रही है। विभिन्न योजनाओं के 28.17 लाख लाभार्थियों के खातों में पीएफएमएस के माध्यम से पेंशन वितरित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने समाज के बुजुर्गों की समस्याओं के दृष्टिगत और उनके प्रति अपार सम्मान व्यक्त करते वृद्धावस्था सम्मान भत्ता इस वर्ष पहली अप्रैल से 2500 रुपये करने की घोषणा की।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 की बजट घोषणा के अनुसार, ‘मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना’ के अंतर्गत लाभपात्रों को शादी से पहले या शादी के दिन ही इस योजना का लाभ देने के लिए योजना का सरलीकरण किया गया है। अनुसूचित जाति के मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए डॉ.अंबेडकर मेधावी छात्र योजना के तहत कक्षा 11वीं, स्नातक के प्रथम वर्ष और स्नाकोत्तर पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष में 8000 रुपये से लेकर 12,000 रुपये प्रति वर्ष तक की छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं। पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों को दसवीं कक्षा के उनके अंकों के आधार पर छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार 2 लाख 50 हजार रुपये तक की वार्षिक आय वाले अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों के उम्मीदवारों को विभिन्न प्रतियोगी और प्रवेश परीक्षाओं जैसे सिविल सेवा परीक्षा, बैंकिंग, रेलवे, एसएससी, एचटीईटी, सीजीएल और एनईईटी व जेईई इत्यादि के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों के माध्यम से मुफ्त कोचिंग प्रदान कर रही है।