कहा- मोदी सरकार की नीतियों से प्रभावित हो रहे कमजोर और पिछड़े वर्गों के छात्र, एचएस लक्की ने पंजाब विवि के कुलपति को दी चेतावनी
CHANDIGARH, 1 OCTOBER: आज कांग्रेस भवन सेक्टर-35 में एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) की चंडीगढ़ इकाई के कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। इस बैठक का आयोजन पंजाब विश्वविद्यालय छात्र परिषद के आगामी चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों का जायजा लेने के लिए किया गया था।
देश में शिक्षा का निजीकरण करने की मोदी सरकार की नीति की आलोचना करते हुए भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार देश में जानबूझकर ऐसी स्थितियां पैदा कर रही है, जहां समाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़े वर्गों को उच्च शिक्षा के कार्यक्रमों में प्रवेश लेना मुश्किल हो रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार यह वर्ग विभाजन समाज के कमजोर वर्गों को नुकसान पहुंचाने के लिए कर रही है, जो उसके विभाजनकारी एजेण्डे को पोषित करती है। उन्होंने देश में शिक्षा बजट को लगातार कम करने के लिए भी सरकार की निंदा करते हुए कहा कि इस साल भी कुल शिक्षा बजट 99000 करोड़ से घटाकर 93000 करोड़ कर दिया गया है। स्कूली शिक्षा के बजट में भी भारी कटौती की गई, जो देश के लिए शुभ संकेत नहीं है।
उन्होंने कहा कि NSUI शिक्षा के निजीकरण और ट्यूशन फीस में बेलगाम बढ़ोतरी का लगातार विरोध करता रहेगा और विद्यार्थियों के हितों की रक्षा के लिए हमेशा सड़कों पर उतर कर भी शान्ति पूर्ण लड़ाई लड़ता रहेगा। इस अवसर पर चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लक्की ने पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजकुमार की विश्वविद्यालय में पक्षपातपूर्ण भूमिका के लिए कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि कुलपति खुलेआम विभाजनकारी एजेंडे को बढ़ावा दे रहे हैं तथा खुले आम छात्र परिषद चुनाव में भाजपा की छात्र शाखा को गलत तरीके से मदद कर रहे हैं। लक्की ने चेतावनी दी कि कुलपति को सभी छात्रों का अभिभावक होने के नाते छात्रों के एक वर्ग के साथ भेदभाव करना बंद कर देना चाहिए, अन्यथा चंडीगढ़ कांग्रेस और NSUI उनके भेदभावपूर्ण आचरण के खिलाफ आंदोलन शुरू करने के लिए मजबूर हो जाएगी। इस अवसर पर बोलने वाले अन्य लोगों में हुसैन सुल्तानिया, ईशर सिद्धू, सचिन गालव, मनोज लुबाना, प्रदीप गुर्जर, राहुल सिंह, मोनू गुर्जर, जॉनी, सिकंदर बूरा, निखिल नर्मेता, अतिंदर सिंह रॉबी, जशन कम्बोज और परगट सिंह बराड़ शामिल थे।