पंचकूला में अब पेपरलैस होगी पानी की बिलिंग, जानिए कैसे मिलेगा बिल

CHANDIGARH: ‘ई-गवर्नेंस’ की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज पंचकूला जिले के लिए एसएमएस के माध्यम से पेपरलेस बिलिंग का शुभारंभ किया।

इस प्रणाली का शुभारंभ पंचकूला में पानी के बिल सृजित करने के लिए किया गया है और एक महीने के भीतर इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री आज यहां जलापूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड की 54वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे और बैठक के उपरांत इस प्रणाली का शुभारंभ किया गया। बैठक के दौरान जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह ने व्यापक प्रस्तुति दी। हरियाणा राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार भी बैठक में मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांवों का सर्वेक्षण किया जाए और उन क्षेत्रों की पहचान की जाए जहां पानी की पाइपलाइन बिछाई जानी है और गलियों को विकसित किया जाना है। इस सर्वेक्षण से गांवों के नक्शे बनाने में मदद मिलेगी और अव्यवस्थित तरीके से गलियों के विकास और पानी की पाइपलाइन बिछाने को रोका जा सकेगा।

ग्रे-वाटर मैनेजमेंट विषय पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने 620 गांवों (जहाँ अपशिष्ट जल प्रबंधन किया गया है) में तालाबों की सफाई के लिए अपशिष्ट जल प्रबंधन का निरीक्षण करने के लिए टीम गठित करने के लिए नीति बनाने और निरीक्षण प्रमाण पत्र जारी करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शेष गांवों को, जहां अपशिष्ट जल प्रबंधन किया जाना है, उन्हें जनसंख्या के आधार पर अलग किया जाना चाहिए।

बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि इस ऐप के लॉन्च होने से पंचकूला के लगभग 33 हजार उपभोक्ता अपने बिलों का डिजिटल तरीके से भुगतान कर सकेंगे। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और शहरी स्थानीय निकाय विभाग की पानी की दरों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पानी की दरों को एक समान किया जाए।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने मैनहोल की सफाई के लिए रोबोटिक मशीनों की खरीद को भी मंजूरी दी। मैनहोल की मैनुअल सफाई पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिरसा और भिवानी जिलों की तरह अन्य जिलों में भी मैनहोल की सफाई के लिए रोबोटिक मशीन का उपयोग करना शुरू किया जाना चाहिए। इसके अलावा, अन्य जिलों में भी ‘सीवेज वाटर डेंजर मार्क अलर्ट सिस्टम’ जैसी पायलट परियोजना शुरू की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ढाणियों (100 व्यक्तियों से कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में) को जलापूर्ति प्रदान करने की वर्तमान नीति के तहत जिन घरों को कवर नहीं किया जा रहा है उनके लिए भी पानी की आपूर्ति हेतु विचार किया जाना चाहिए।

बैठक में बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के. दास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित झा, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक अशोक कुमार मीणा, मुख्यमंत्री की उप प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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