अब चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली (ट्राईसिटी) को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी नई पहचान

चंडीगढ़ के ओल्ड एयरपोर्ट टर्मिनल को न्यू एयरपोर्ट टर्मिनल से जोडऩे की कवायद के अंतर्गत पॉड कार सिस्टम को किया जाएगा शुरू: संजीव कौशल

CHANDIGARH, 13 SEPTEMBER: हरियाणा सरकार की पहल पर अब चण्डीगढ, पंचकूला और मोहाली (ट्राईसिटी) को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलने जा रही है, जिसके तहत हरियाणा की ओर से किए गए प्रयासों के तहत अब चण्डीगढ के ओल्ड एयरपोर्ट टर्मिनल को न्यू एयरपोर्ट टर्मिनल से जोड़ने की कवायद के अंतर्गत पॉड कार सिस्टम को शुरू किया जाएगा, ताकि यात्रियों को समय की बचत होने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं भी मिलेगी। इसके अलावा, इस परियोजना को सिरे चढ़ाने के लिए हरियाणा की कंपनी हरियाणा मेट्रो रेल ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एचएमआरटीसी) अगले तीन महीनों में पुराने एयरपोर्ट टर्मिनल से नए एयरपोर्ट टर्मिनल तक पॉड कनेक्टिविटी की डीपीआर तैयार करने के लिए कहा गया है । केंद्र शासित प्रदेश, चंडीगढ़ प्रशासन इस प्रस्ताव पर सहमत हो गया है और हरियाणा इसके कार्यान्वयन के लिए आगे बढ़ेगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि गत दिनों हुई एक बैठक के तहत बताया गया था कि यू.टी. प्रशासन पहले से ही चंडीगढ़ से न्यू एयरपोर्ट टर्मिनल तक सड़क संपर्क प्रदान करने की प्रक्रिया में है। 

पॉड कार को चालू करने के लिए बाउंड्री वॉल सहित केवल 6 एकड़ भूमि की आवश्कता

एचएमआरटीसी अगले तीन महीनों में पुराने एयरपोर्ट टर्मिनल से नए एयरपोर्ट टर्मिनल तक पॉड कनेक्टिविटी की डीपीआर तैयार करने के लिए कहा गया है, जिसे यू.टी.  प्रशासन, भारतीय वायु सेना और चण्डीगढ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (सीएचआईएएल) को सौंपा जाएगा। कौशल  ने बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से उनके द्वारा सुझाव दिया गया है कि भूमि अधिग्रहण और अनधिकृत संरचनाओं (स्ट्रक्चर) को हटाने के कारण विचाराधीन सड़क संपर्क के विकल्प बहुत महंगे और समय लेने वाले हैं। उन्होंने यह भी बताया कि एचएमआरटीसी ने पुराने एयरपोर्ट टर्मिनल को नए एयरपोर्ट टर्मिनल से जोड़ने के लिए पॉड कार सिस्टम का प्रस्ताव दिया है जो कि लागत प्रभावी, सुविधाजनक है और जिसमें चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सीमा के साथ केवल 6 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने बताया कि इस बैठक में इस विषय पर एक प्रस्तुति दी गई । एचएमआरटीसी द्वारा पुराने एयरपोर्ट टर्मिनल और चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नए एयरपोर्ट टर्मिनल के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए एक प्रारंभिक अध्ययन किया गया है, जिसमें शामिल कुल भूमि लगभग 6 एकड़ ही है, जोकि एयर फोर्स के पास ही रहेगी।

यात्रियों के साथ-साथ माल के परिवहन के लिए शुरू में 77 पॉड्स को सेवा में रखने की परिकल्पना

कौशल ने बताया कि इस योजना के तहत यात्रियों के साथ-साथ माल के परिवहन के लिए शुरू में 77 पॉड्स को सेवा में रखने की योजना है।  उन्होंने बताया कि इस परिवहन व्यवस्था के तहत पॉड्स को बीच में जबरदस्ती नहीं रोका जा सकता है और इस प्रकार यह किसी भी सुरक्षा चिंता का समाधान भी करता है। उन्होंने बताया कि इस पॉड कार परिवहन व्यवस्था में समय यात्रा केवल 8 से 10 मिनट की होगी। मुख्य सचिव ने बताया  कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यू.टी.  प्रशासन न्यू चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए सड़क संपर्क प्रदान करने के अपने प्रस्ताव को जारी रख सकता है।  

77 पॉड कार को संचालित करने के लिए लगभग 231 करोड़ रुपये का खर्च

उल्लेखनीय है कि चण्डीगढ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (सीएचआईएएल) एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी हैं जोकि पंजाब और हरियाणा सरकार के सहयोग से गठित की गई है। यह कंपनी यूटी चंडीगढ़ और पंजाब के मोहाली व हरियाणा के पंचकूला शहरों में सेवाएं देगी। चंडीगढ़ स्थित एयरपोर्ट 6 घरेलू उड़ानों व 18 घरेलू गंतव्यों से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, इस एयरपोर्ट पर अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी को भी जोडा जा चुका है। ऐसा बताया जा रहा है कि 77 पॉड कार को संचालित करने के लिए लगभग 231 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। पॉड कार में 6 लोगों के बैठने का स्थान होगा साथ ही सामान भी रखा जा सकेगा जबकि आवश्यकतानुसार इसमें बदलाव भी किया जा सकता हैं।

पॉड कार के चालू होने से समय व दूरी की होगी बचत

गौरतलब है कि चण्डीगढ से पुराना एयरपोर्ट टर्मिनल 8-12 किलोमीटर दूर है, जबकि नया एयरपोर्ट टर्मिनल 15-18 किलोमीटर की दूरी पर है। इसी प्रकार, पंचकूला से पुराना एयरपोर्ट टर्मिनल 8-10 किलोमीटर की दूरी है जबकि नया एयरपोर्ट टर्मिनल 20-25 किलोमीटर की दूरी पर है। अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल से वर्तमान कनेक्टिविटी ऐसी है कि हिमाचल प्रदेश और पंचकूला की ओर से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आने वाले यात्रियों को नए अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल तक पहुंचने के लिए काफी लंबी दूरी तय करनी होगी। इन यात्रियों को एक ऐसे चोक प्वाइंट को पार करना होता है जहां कई बार 30-45 मिनट बर्बाद करने पड़ते हैं। यात्रियों को पुराने टर्मिनल तक पहुंचने में आसान और कम समय लगता है। इस प्रकार, पीआरटी द्वारा पुराने टर्मिनल को अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल से जोड़ने का प्रस्ताव है। घरेलू टर्मिनल से अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल तक पहुंचने में यात्रियों को पीआरटी द्वारा 8-10 मिनट का समय लगेगा। पीआरटी सिस्टम के बेहतर और कुशल उपयोग के लिए मल्टी लेवल कार पार्किंग और कार्गाे टर्मिनल को भी कनेक्टिविटी दी जा सकती है। कार्गाे ले जाने के लिए कुछ कार्गाे पीओडी को तैनात किया जा सकता है। पीआरटी एक सुरक्षित पारगमन होगा क्योंकि यह दो टर्मिनलों के बीच बिना रुके गति करेगा। इसे बीच-बीच में रोकने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है इसलिए यह किसी भी सुरक्षा चिंताओं को दूर करता है।

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