सांसद दीपेन्द्र हुड्डा किसानों के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर धरने पर पहुंचे और शान्ति व अहिंसा की अपील की
भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत का कुशलक्षेम पूछा, किसानों की मांगों के प्रति अपना समर्थन दोहराया
केंद्र सरकार से लालकिले की घटना की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच कराने की मांग की
CHANDIGARH: सांसद दीपेन्द्र हुड्डा आज किसानों के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे और शान्ति व अहिंसा की अपील की। दीपेन्द्र हुड्डा ने भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत का कुशलक्षेम जाना। उन्होंने केंद्र से लाल किले की घटना की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच कराने की मांग की ताकि, सच्चाई देश की जनता के सामने आ सके। दीपेन्द्र हुड्डा ने किसानों के साथ सरकार के रवैये पर गहरा दुख और नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि किसान को रुलाने की बजाय सरकार को उसके आंसू पोंछने चाहिए थे। अकेले राकेश टिकैत की आंख में आंसू नहीं, आज सारे देश का किसान रो रहा है। किसान के आंसुओं की धार इस निर्दयी सरकार की नैतिक हार है। उन्होंने कहा कि सरकार निर्दोष किसानों का उत्पीड़न बंद करे और किसान-विरोधी तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर जल्द गतिरोध खत्म करे।
खुद भूखा रहकर देश का पेट भरने वाले अन्नदाता का पानी बंद कर पाप किया सरकार ने
दीपेंद्र हुड्डा ने सवाल किया कि ये कैसी सरकार है, जो किसानों के धरनास्थल पर पानी का कनेक्शन तक कटवा रही है ? जो अन्नदाता खुद भूखे रहकर पूरे देश का पेट भरता है, उसका पानी कनेक्शन बंद कर सरकार ने पाप किया है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि लोकतंत्र में हर वर्ग को शांतिपूर्ण तरीके से अपने हकों की लड़ाई लड़ने का अधिकार है। किसान पिछले 2 महीने से ज्यादा समय से शांति और अनुशासन के रास्ते संघर्ष कर रहे हैं। किसानों की शान्तिप्रियता इसी से साबित होती है कि देश की राजधानी में विभिन्न बॉर्डरों और प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर 175 से ज्यादा किसानों की जान कुर्बान होने के बावजूद कहीं कोई हिंसा की घटना नहीं हुई और पूरा आन्दोलन शान्ति व अनुशासन के साथ चलता रहा। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण है। जो कोई भी इसमें दोषी हो, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए मगर शांतिपूर्ण प्रदर्शन का हिस्सा रहे निर्दोष किसानों को टारगेट नहीं किया जाना चाहिए। न्याय का तकाजा है कि निर्दोष फंसे नहीं और दोषी बचे नहीं।
संसद में पूरी ताकत से लड़ेंगे किसान की लड़ाई
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि प्रजातंत्र में अशांति व हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। ये गांधी और बुद्ध का देश है। सत्य, अहिंसा के बताए उनके मार्ग पर ही चलकर हमारे पूर्वजों ने अंग्रेजों से आजादी की कठिन लड़ाई को लड़ा और जीत हासिल की। किसान भी इसी रास्ते पर सरकार से अपनी लड़ाई को लड़ रहे हैं और उन्हें निश्चित तौर पर सफलता हासिल होगी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि राजहठ और असंवेदनशीलता छोड़कर तीन कानूनों को वापस ले। साथ ही बताया कि आज संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया गया है और आगे भी वह संसद में पूरी तरह से किसान की लड़ाई को लड़ेंगे। इस दौरान उनके साथ राज्य सभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जय प्रकाश भी मौजूद रहे।