देर रात खत्म हुई निगम सदन की मीटिंग: पानी के रेट प्रशासन के हवाले, स्मार्ट वॉच और बूथों केे किराए पर कमेटी बनाने का फैसला

पानी के रेट निगम सदन में न घटाए जाने पर कांग्रेस पार्षदों ने किया मीटिंग से वॉकआउट

CHANDIGARH: पानी के रेट, सफाई कर्मियों की स्मार्ट वॉच और सेक्टर-23 के बूथों के बढ़े किराए को लेकर घिरी भाजपा विरोध से छुटकारा पाने के लिए नगर निगम सदन की बैठक में बीच रास्ते से बच निकली। निगम सदन ने पानी के रेट्स घटाने का मामला प्रशासन पर छोड़ दिया है तो सफाई कर्मियों की स्मार्ट वॉच और सेक्टर-23 के बूथों के बढ़े किराए को कम करने के मसले पर निगम की अलग-अलग कमेटियां बनाने का फैसला किया। अब इन कमेटियों की रिपोर्ट आने के बाद ही सफाई कर्मियों की स्मार्ट वॉच और सेक्टर-23 के बूथों के बढ़े किराए को कम करने के मसले पर निगम सदन अंतिम फैसला करेगा। इस बीच, पानी के रेट्स न घटाए जाने के मुद्दे पर कांग्रेस ने अपना कड़ा विरोध जताने के लिए निगम सदन की बैठक से वॉकआउट कर दिया।

कांग्रेस व भाजपा पार्षदों में हुई नोक-झोंक
कोरोनाकाल के चलते करीब सात महीने बाद नगर निगम सदन की फिजिकल मीटिंग कल बुलाई गई थी। यह मीटिंग दोपहर बाद निगम दफ्तर के मीटिंग हॉल में शुरू हुई और देर रात तक चली। मीटिंग शुरू होते ही पानी के बढ़े हुए रेट्स को लेकर कांग्रेस पार्षदों की भाजपा पार्षदों से नोकझोंक शुरू हो गई। कांग्रेस पार्षद पानी के पुराने रेट्स इसी मीटिंग में तय करने की मांग कर रहे थे। इस पर भाजपा पार्षदों ने कहा कि वह इसको लेकर मीटिंग में एजेंडा ला रहे हैं लेकिन जब इस एजेंडे पर बहस के बाद फैसला हुआ कि इस मसले को प्रशासन पर छोड़ दिया जाए तो कांग्रेस पार्षदों ने विरोध जताते हुए मीटिंग से वॉकआउट कर दिया।

पहले की तरह लगेगी सफाई कर्मियों की हाजिरी
मीटिंग में भाजपा सफाई कर्मियों की स्मार्ट वॉच का मुद्दा भी लेकर आई। इस पर बहस के बाद एक कमेटी बनाने का फैसला किया गया। अब इस कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद निगम सदन इस मसले पर निर्णय लेगा। तब तक सफाई कर्मियों की हाजिरी पहले की तरह मेनुअल लगाने का फैसला किया गया। सफाई कर्मियों की सैलरी भी अब मेनुअल हाजिरी के मुताबिक बनेगी।

फिलहाल सेक्टर-23 के बूथों से लिया जाएगा पुराना किराया
निगम सदन की मीटिंग में सेक्टर-23 मार्केट के बूथों के कई गुना बढ़े किराए का मुद्दा भाजपा ने जब रखा तो कांग्रेस पार्षदों ने सवाल उठाए कि निगम सदन की मीटिंग में फैसला किए बिना किराया क्यों बढ़ाया गया। इस पर पक्ष-विपक्ष के पार्षदों में जमकर बहस हुई। अंतत: इस मसले पर भी एक कमेटी बनाने का फैसला किया गया। अब इस कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही सेक्टर-23 मार्केट के बूथों के किराए को लेकर निगम सदन अंतिम फैसला करेगा। तब तक सेक्टर-23 मार्केट के बूथों से पुराना किराया ही वसूल किया जाएगा।

डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन के रेट का एजेंडा डैफर
ेनिगम सदन की मीटिंग में डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन के रेट तय करने के लिए भी एजेंडा लाया गया। इस पर बहस के दौरान पार्षदों ने कहा कि जब तक डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन के लिए गाडिय़ों-कर्मचारियों समेत सभी व्यवस्थाएं सुदृढ़ नहीं हो जातीं, तब तक इस पर कोई फैसला न किया जाए। लिहाजा, इस एजेंडे को डैफर कर दिया गया, जबकि सेक्टर-17 में अंडर ब्रिज बूथों की नीलामी समेत कई अन्य प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिए गए।

अरुण सूद ने व्यापारियों पर इंफोर्समेंट विंग की नरमी की हिमायत की
चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं पूर्व मेयर व पार्षद अरुण सूद ने स्ट्रीट वेंडर्स को रियायत का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में गरीब वेंडर्स और व्यापारी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। अब फैस्टीवल सीजन को देखते हुए इन्हें रियायत दी जानी चाहिए। इस पर निगम सदन ने स्ट्रीट वेंडर्स की फीस दिसम्बर तक आधी करने का फैसला किया। अरुण सूद ने फैस्टीवल सीजन मेंं व्यापारियों व दुकानदारों के प्रति इंफोर्समेंट विंग की ओर से नरमी बरते जाने की भी हिमायत की।

पिछली बार जब मीटिंग बुलाई तो क्या हुआ था, पढ़ेंः 26 साल में पहली बार निगम सदन को नहीं मिला कोरम, मीटिंग स्थगित की गई

error: Content can\\\'t be selected!!