बटाला और गुरदासपुर में बनेंगी नई चीनी मिलें, सहकारी विभाग के कर्मचारियों और पत्रकारों के लिए हाऊसिंग स्कीम की घोषणा
बस्सी पठाना में 2 लाख लीटर प्रति दिन सामर्थ्य का वेरका मेगा डेयरी प्रोजैक्ट होगा शुरू
CHANDIGARH: नए साल के आगमन पर सहकारिता मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने अपने सहकारिता विभाग द्वारा पिछले चार सालों के दौरान की गई प्राप्तियों संबंधी बताते हुए अगले एक साल के लिए निर्धारित किये गए लक्ष्यों का नक्शा जारी किया।
आज यहाँ पंजाब भवन में बुलाई गई प्रैस कॉन्फ्ऱेंस के दौरान स. रंधावा ने कहा कि किसानी की रीढ़ की हड्डी सहकारी संस्थानों को मज़बूत करने से कोविड -19 महामारी के कठिन समय में राज्य वासियों को उच्च मानक की ज़रूरी वस्तुएँ मुहैया करवाने में अग्रणी भूमिका निभाई।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि अगले एक साल में सहकारी बैंकों को निजी क्षेत्र के बैंकों के बराबर खड़ा कर दिया जायेगा जिसके लिए बैंक को और मज़बूत किया जा रहा है। 1600 मुलाजिमों की नयी भर्ती का इश्तिहार अगले हफ्ते तक जारी हो जायेगा। बैंक को मज़बूत करने की दिशा में जि़ला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डी.सी.सी.बी.) का पंजाब राज्य सहकारी बैंक (पी.एस.सी.बी.) में विलय अंतिम चरण में है। इस सम्बन्धी रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है और अंतिम मंज़ूरी का इन्तज़ार है।
उन्होंने कहा कि बैंक की 802 ब्रांचें हैं जिनमें से कई दूर-दराज के क्षेत्र में हैं जो लोगों के साथ सीधा संबंध रख सकती हैं।उन्होंने आगे बताया कि हाऊसफैड को पुनर्जीवित किया जा रहा है। राज्य में सहकारी विभाग/सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों को हाऊसफैड के ज़रिये मोहाली में फ्लैट मुहैया करवाने के लिए हाऊसिंग स्कीम के अंतर्गत एक माँग सर्वेक्षण भी किया जायेगा। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि सहकारी विभाग के कर्मचारियों के अलावा पत्रकारों को भी हाऊसिंग स्कीम में शामिल किया जायेगा।
स. रंधावा ने आगे बताया कि इस साल बटाला और गुरदासपुर में दो नयी शुगर मिल स्थापित की जाएंगी जिस सम्बन्धी विस्तृत प्रोजैक्ट रिपोर्टें (डी.पी.आरज़) पहले ही तैयार कर ली गई हैं और अगले महीने तक टैंडर जारी हो जायेगा। गुरदासपुर सहकारी चीनी मिल में 5000 टी.सी.डी. की क्षमता के शुगर प्लांट समेत 120 के.एल.पी.डी डिस्टिलरी और बटाला में 3500 टी.सी.डी. शुगर प्लांट जो कि 5000 टी.सी.डी तक बढ़ाया जा सकने वाला लगाया जा रहा है।सहकारिता मंत्री ने आगे बताया कि मार्कफैड की तरफ से किसानों को कंपलैक्स खाद मुहैया करवानी शुरू की जायेगी जिसके लिए टैंडर पहले ही जारी किये जा चुके हैं।
विज्ञान और वातावरण केंद्र (सी.एस.ई.) की तरफ से शहद की शुद्धता के करवाए गए परीक्षण में मार्कफैड का सोहना ब्रांड शहद 100 प्रतिशत खरा उतरा है। भारत में मौजूद 13 ब्रांडों में से मार्कफैड सोहना उन तीन ब्रांडों में शामिल है जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मापदण्डों पर आधारित सभी महत्वपूर्ण टैस्ट पास किये हैं। कोविड -19 के कठिन समय के दौरान मानव स्वास्थ्य के साथ समझौता न करते हुए मार्कफैड द्वारा मानक उत्पादों का उत्पादन किया जा रहा है जिसके चलते मार्कफैड के शहद की माँग 10 गुणा बढ़ गई।
मार्कफैड की तरफ से मानक खाद्य पदार्थों के निर्माण और मार्केटिंग में अपना मान कायम रखते हुए बासमती चावल, गेहूँ, गेहूँ का आटा, साबुत और पीसे हुए मसाले, आमला मुरब्बा और कैंडी, आमला और एलोवीरा जूस, गुड़, शक्कर उपभोक्ताओं तक पहुँचाया जाता है। खाड़ी मुल्कों के बाद अब यूरोपियन मुल्कों की तरफ से आई माँग को पूरा करने के लिए निर्यात में और विस्तार होगा।
मिल्कफैड की तरफ से शुरू किये जा रहे नये प्रोजेक्टों बारे जानकारी देते हुए स. रंधावा ने बताया कि बस्सी पठाना में 2 लाख लीटर प्रति दिन सामथ्र्य का वेरका मेगा डेयरी प्रोजैक्ट के पहले चरण का काम चल रहा है और इसके 30 जून 2021 को मुकम्मल हो जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कोविड लॉकडाऊन के दौरान निभाई गई बेमिसाल सेवाओं और मानक उत्पादों स्वरूप मिल्कफैड के उत्पादों की परचून बिक्री में 32 प्रतिशत विस्तार हुआ है और अगले साल इसमें और वृद्धि का लक्ष्य है।
स. रंधावा ने पिछले समय के दौरान सहकारी संस्थानों की प्राप्तियाँ गिनाते हुए बताया कि कोविड -19 के संकट दौरान समूह सहकारी संस्थानों मार्कफैड, मिल्कफैड और शूगरफैड की तरफ से लॉकडाऊन के समय में आगे बढक़र लोगों की सेवा करते हुए ज़रूरी सेवाएं मुहैया करवाई गई।
सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों ने उनकी एक दिन की तनख़्वाह 2.96 करोड़ रुपए का योगदान पंजाब के मुख्यमंत्री के कोविड राहत फंड में दिया। कोविड -19 के मद्देनजऱ पंजाब राज्य में सहकारी संस्थानों के अगली कतार में लगे हर कर्मचारी को 25 लाख रुपए बीमा कवर के साथ सहायता प्रदान की गई और कोविड कारण जान गंवाने वाले पाँच कर्मचारियों को 25 -25 लाख रुपए का बीमा दिया गया।
उन्होंने आगे बताया कि सहकारी बैंक ने जे.एल.जी. मॉडल अधीन स्व-रोजग़ार महिलाओं, बेरोजग़ारों और कम आय वाले व्यक्तियों को बिना किसी जमा के कर्जो देने की फिर से शुरुआत की है। सहकारी बैंकों पी.एफ.एम.एस. (सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली) के द्वारा अलग-अलग केंद्रीय सरकार की कल्याण स्कीमों से सम्बन्धित सब्सिडियाँ और राशि सीधे लाभपात्रीयों के खातों में डालने योग्य हो गए हैं।
आम लोगों को लाभ मुहैया करवाने के लिए बैंक ने स्टॉक होल्डिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एस.एच.सी.आई.एल.) के साथ साझे तौर पर अपनी शाखाओं के द्वारा ई-स्टैंप पेपर जारी करना शुरू किया है। पिछले साल के दौरान 633.84 करोड़ रुपए के 788 स्टैंप पेपर जारी किये गए हैं। बैंक की तरफ से तीन कजऱ् स्कीमों डी.सी.सी.बीज़ की सहकारी तरलता सुविधा (सी.एल.एफ), एम.पी.सी.एस. /पी.ए.सी.एस. तरलता सहयोग स्कीम (एल.एस.एस.) और किसानों को दर्मियाने समय के लिए कर्जो (एम.टी.एल.एफ) शुरू की गई हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान किसान/व्यापारियों को इन स्कीमों के द्वारा अतिरिक्त कर्जो की सुविधा मिलेगी।
भाई घनैया सहित सेवा स्कीम पिछले साल दोबारा शुरू की गई। इस योजना के अंतर्गत 2020-21 दौरान 1,43,398 मुख्य सदस्यों और 2,12,567 निर्भर मैंबर शामिल किये गए इनमें से 12,512 लाभपात्रीयों का 15.27 करोड़ रुपए के साथ नकद रहित इलाज किया गया। इस साल के दौरान इस योजना के अंतर्गत 13 महिला लाभपात्रीयों को लडक़ी को जन्म देने के लिए 2100 रुपए (शगुन) देने शुरू किये गए।
सहकारिता मंत्री ने आगे बताया कि मुम्बई में नाबार्ड के चेयरमैन के साथ मुलाकात करके किए गए यत्न स्वरूप नाबार्ड से स्पैशल लिक्वीटिडी फंड (एस.एल.एफ) के अंतर्गत प्राप्त 750 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता मिली। कोविड के मद्देनजऱ रबी की वसूली मुहिम 2020 दौरान बैंक ने 1 मार्च 2020 से 31 जुलाई 2020 तक उन सभी उधार लेने वालों का जुर्माना माफ कर दिया जिन्होंने अपनी पूरी डिफ़ॉल्ट राशि अदा की थी और अपने लोन खाते नियमित किये या बंद कर दिए 1199 किसानों /खाता धारकों को 6.16 लाख रुपए की राहत मिली और ऐसे खातों के साथ 31.02 करोड़ रुपए की वसूली प्रभावित हुई।
कोविड के कारण खरीफ की वसूली मुहिम 2020 के दौरान बैंक ने 21 अक्तूबर 2020 तक उन सभी उधार लेने वालों का जुर्माना माफ किया जिन्होंने अपनी पूरी डिफ़ॉल्ट राशि अदा की थी और अपने लोन खाते नियमित किये या 31 दिसंबर 2020 तक बंद कर दिए 2337 किसानों /खाता धारकों को 3.26 करोड़ रुपए की राहत मिली और ऐसे खातों के साथ 41.61 करोड़ रुपए की वसूली प्रभावित हुई।
स. रंधावा ने आगे बताया कि वेरका अमृतसर डेयरी में एक नये आधुनिक ऑटोमैटिक मिल्क प्रोसेसिंग और ताज़े दूध की पैकेजिंग वाली इमारत का उद्घाटन किया गया। इससे प्लांट की क्षमता में प्रति दिन 1.5 लाख लीटर प्रति दिन (एलएलपीडी) से 2.5 एलएलपीडी तक विस्तार हुआ जोकि 5.0 एलएलपीडी तक होने की संभावना है। मिल्कफैड की तरफ से हाल ही में बल्क पैकेजिंग में डेयरी व्हाईटनर, चार फ्लेवर्स में नेचुरल आईस क्रीम, तीन फ्लेवर्स में अमूर आईस क्रीम, चौको डीलाईट आईस क्रीम, कूकी डीलाईट आईस क्रीम, हल्दी दूध आदि लाँच किये गए।
उन्होंने आगे बताया कि शूगरफैड की तरफ से बंद पड़ी फरीदकोट सहकारी चीनी मिल की प्लांट मशीनरी को भोगपुर सहकारी चीनी मिल से बदलकर एक नया शुगर कंपलैक्स स्थापित किया गया और मिल की पेराई क्षमता 1000 टी.सी.डी. से बढ़ाकर 3000 टी.सी.डी करने समेत 15 मेगावॉट का को-जनरेशन प्लांट स्थापित किया गया। शूगरफैड की तरफ से इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के साथ मिलकर सहकारी चीनी मिल मोरिंडा में इंडियन ऑयल के आऊटलैट (पेट्रोल पंप) स्थापित किये गए।
इसी तरह पहली पातशाही गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर 30 नवंबर 2020 को शोध एवं विकास की गतिविधियों को उत्साहित करने और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा गन्ना शोध संस्था का कलानौर, गुरदासपुर में नींव पत्थर रखा।इस मौके पर वित्त कमिश्नर सहकारिता के. सिवा प्रसाद, रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं विकास गर्ग, मार्कफैड के एम.डी. वरुण रूज़म, शूगरफैड के एम.डी. पुनीत गोयल, मिल्कफैड के एम.डी. कमलदीप सिंह संघा और पंजाब राज्य कृषि विकास बैंक के एम.डी. चरनदेव सिंह मान भी उपस्थित थे।