वैक्सीनेशन के लिए कोविन प्लेटफॉर्म में जोड़ा गया नया सिक्योरिटी फीचर, अब सिक्योरिटी कोड देने के बाद लगेगी वैक्सीन

NEW DELHI: कोरोना के खिलाफ चलाए जा रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तीसरे चरण की शुरुआत एक मई से हो चुकी है। वहीं अब टीकाकरण के तीसरे चरण का अपडेट किया गया है और कोविन डिजिटल प्लेटफार्म में एक नया सिक्योरिटी फीचर जोड़ा गया है। इससे वैक्सीन लगवाने की अपॉइंटमेंट मिलने के बाद किसी कारणवश न पहुंच पाने वाले लोगों को दूसरी तारीख लेने में आसानी होगी।

दरअसल इन दिनों कुछ नागरिकों ने कोविन पोर्टल के जरिये टीकाकरण के लिये बुकिंग / अपॉइंटमेंट तो लिया, लेकिन निर्धारित दिन वैक्सीन लगवाने नहीं जा पाये। ऐसा होने पर भी उन्हें एसएमएस मिल जाता है कि टीके की खुराक उन्हें दी जा चुकी है।

जांच करने पर पता चला कि वैक्सीन लगाने वालों की गलती के कारण ऐसी गलत सूचना चली जाती है, जबकि व्यक्ति को टीका नहीं लगा होता, यानि वैक्सीनेशन करने वाले गलती से ऐसा डाटा डाल देते हैं।

क्या हैं नए फिचर

इस अड़चन को दूर करने और नागरिकों को असुविधा से बचाने के लिये, कोविन सिस्टम ने कोविन एप्लीकेशन में “चार अंकों वाला सिक्योरिटी कोड” शुरू करने का फैसला किया है, जो आठ मई से शुरू हो जायेगा। अब पुष्टिकरण के बाद लाभार्थी को अगर वैक्सीन का पात्र पाया जाता है, तो वैक्सीन लगाने के पहले, लगाने वाला व्यक्ति लाभार्थी से चार अंकों वाला सिक्योरिटी कोड पूछेगा। उसके बाद उस अंक को कोविन सिस्टम में सही तौर पर दर्ज कर दिया जायेगा।

यह नया फीचर केवल उन लोगों के लिये लागू होगा, जिन्होंने वैक्सीनेशन के लिये ऑनलाइन बुकिंग करवाई होगी। सफलतापूर्वक बुकिंग कर लेने के बाद लाभार्थी को एसएमएस के जरिये चार अंकों वाला सिक्योरिटी कोड भेज दिया जायेगा।

इससे यह सुनिश्चित होगा कि जिन नागरिकों ने ऑनलाइन बुकिंग करवाई है, उनके वैक्सीनेशन स्थिति को सही-सही सिस्टम में दर्ज कर लिया जाये। उनके सेंटर का नाम, समय, तिथि, आदि सिस्टम में दर्ज हो जायेगा। यह सुविधा केवल उन्हीं सेंटरों पर मिलेगी, जहां के लिये बुकिंग करवाई गई है। इससे फर्जी लोगों को दूर रखने और कोविन की सुगमता के बेवजह इस्तेमाल को रोका जा सकेगा।

सेंटर पहुंचने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

>सभी नागरिक अपनी अपॉइंटमेंट स्लिप या अपना पंजीकृत मोबाइल, जिस पर एसएमएस आया है, उसे अपने साथ रखें, ताकि वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को सही तौर पर दर्ज करने के लिये चार अंकों वाले सिक्योरिटी कोड की सहायता ली जा सके।

>सिक्योरिटी कोड को वैक्सीन लगाने वाले या कोड की पुष्टिकरण करने वाले को वैक्सीन लगाने से पहले बता दिया जाये। यह डिजिटल प्रमाणपत्र बनाने के लिये जरूरी है, जो टीका लगने के बाद दिया जाता है।

>नागरिकों को वैक्सीन लगाने वाले व्यक्ति को सिक्योरिटी कोड देना होगा, ताकि सिक्योरिटी कोड के साथ वैक्सीनेशन की पूरी प्रक्रिया दर्ज की जा सके। इसके बाद ही डिजिटल प्रमाणपत्र मिलेगा।

>सारी प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद नागरिकों को एसएमएस भेजा जायेगा। पुष्टिकरण का यह एसएमएस इस बात का प्रमाण है कि टीकाकरण की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो गई और डिजिटल प्रमाणपत्र बन गया है। अगर किसी को एसएमएस नहीं मिलता, तो उसे सम्बंधित टीकाकरण केंद्र से संपर्क करना चाहिये। ~(PBNS)

error: Content can\\\'t be selected!!