हरियाणा के व्यक्तियों को अपने उद्योग में रोजगार देने वालों को सात साल तक 48 हजार प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष सब्सिडी दी जाएगी
CHANDIGARH: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य में अधिक से अधिक उद्योगों को आकर्षित करने के लिए उनको ‘हरियाणा इंटरप्राइजिज एंड एंपलॉयमैंट पोलिसी-2020’ (एचईईपी) के तहत 20 वर्ष तक बिजली-शुल्क में छूट दी जाएगी, पहले यह छूट केवल 10 वर्ष के लिए ही लागू थी।
इसके अलावा, उन उद्योगों को 48 हजार प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष सब्सीडी दी जाएगी जो हरियाणा के व्यक्तियों को अपने उद्योग में रोजगार देंगे, यह सब्सीडी 7 वर्ष तक जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि ‘स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स’ की एवज में अधिकतम 10 वर्ष के लिए 100 फीसदी इन्वेस्टमैंट-सब्सीडी भी देकर निवेशकों को विशेष लाभ देने की दिशा में कदम उठाया गया है।
धान की पराली व अन्य फसलों के अवशेषों के प्रबंधन के लिए लगाए जाने वाले उद्योगों के लिए भी इस पोलिसी में विशेष छूट देने की योजना बनाई है ताकि राज्य बिजली के क्षेत्र में जहां आत्मनिर्भर बन सके वहीं प्रदूषण से देश एवं प्रदेश को छूटकारा मिल सकेगा। एचईईपी का प्रारूप फाइनल कर लिया गया है, जल्द ही इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
डिप्टी सीएम, जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य तथा श्रम एवं रोजगार विभाग का प्रभार भी है, ने आज यहां ‘हरियाणा इंटरप्राइजिज एंड एंपलॉयमैंट पोलिसी-2020’ से संबंधित अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख प्रधान सचिव डी.एस ढेसी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव ए.के सिंह व निदेशक साकेत कुमार, अतिरिक्त निदेशक वजीर सिंह,उपमुख्यमंत्री के ओएसडी कमलेश भादू के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा तैयार की गई ‘हरियाणा इंटरप्राइजिज एंड एंपलॉयमैंट पोलिसी-2020’ में जहां देश की 151 औद्योगिक एसोसिएशनों से सुझाव लिए गए हैं वहीं गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, पंजाब और राजस्थान समेत अन्य राज्यों की औद्योगिक नीतियों का भी अध्ययन किया गया है ताकि हरियाणा के लिए बनने वाली पोलिसी सर्वोत्कृष्ट बनाई जा सके। ड्राफ्ट-पोलिसी करीब एक महीने तक पब्लिक-डोमेन में अपलोड की गई ताकि स्टेकहोल्डर इसका अध्ययन कर अपने सुझाव दे सकें।