राष्ट्रीय खेल के 147 विजेताओं को 5.43 करोड़ की राशि से किया सम्मानित
CHANDIGARH, 21 APRIL: खेल के क्षेत्र में राज्य की छिन चुकी पुरातन शान बहाल करने के लिए आम आदमी की सरकार की दृढ़ वचनबद्धता दोहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने वाले 147 खिलाड़ियों की समर्पित भावना और वचनबद्धता का सम्मान करते हुए इन खिलाड़ियों को 5.43 करोड़ की नकद राशि से सम्मानित किया।
आज यहाँ म्यूंसिपल भवन में करवाए समागम की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में पंजाब पहला राज्य बन गया जिसने राष्ट्रीय खेल के विजेताओं को सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेल के स्वर्ण पदक विजेताओं को 5-5 लाख रुपए, रजत पदक विजेताओं को 3-3 लाख रुपए और कांस्य पदक विजेताओं को 2-2 लाख रुपए से सम्मानित किया गया है। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में खेल को काफी प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने रूप-रेखा तैयार की है। उन्होंने खिलाड़ियों को संबोधन करते हुये कहा, “राज्य का नाम रौशन करने के लिए सभी खिलाड़ियों की शानदार उपलब्धियों को मान्यता देना हमारी सरकार का विनम्र सा प्रयास है।“
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा पहले ही ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। भगवंत मान ने कहा कि राज्य के खिलाड़ियों को खेल में उपलब्धियां हासिल करने के लिए उत्साहित करने और नौजवानों को नशों की दलदल में से निकालने के लिए राज्य के खिलाड़ियों को नकद इनामों से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य नौजवानों की असीमित ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाना है जो राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में समान हिस्सेदार बन सकते हैं।
‘ओलंपियन बलबीर सिंह सीनियर वज़ीफ़ा स्कीम’ के अंतर्गत खिलाड़ियों को 16,000 रुपए महीना वज़ीफ़ा देने का ऐलान करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नौजवान खिलाड़ियों का मनोबल ऊँचा उठाने के लिए राज्य सरकार ने यह बड़ा फ़ैसला लिया है। उन्होंने दुःख ज़ाहिर किया कि पहले माता-पिता नहीं थे चाहते कि उनके बच्चे खेल में हिस्सा लें परन्तु अब यह पहल निर्णायक बदलाव लायेगी और उभरते खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल में हिस्सा लेने के लिए उच्च स्तरीय बुनियादी ढांचा प्रदान करके राज्य में खेल के नये युग की शुरुआत होगी। भगवंत मान ने कहा कि खिलाड़ियों को पेशेवर कोच, ख़ुराक और अन्य सहूलतों के साथ विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा यकीनी बनाया जायेगा जिससे वह अपने राज्य और देश का नाम रौशन कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नयी खेल नीति जल्द ही लागू की जा रही है, जिसमें ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में अधिक से अधिक मैडल जीतने पर ज़ोर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस नीति का मसौदा सभी भाईवालों की विचार-चर्चा के साथ तैयार किया गया है जिससे खेल और खिलाड़ियों को बड़ा उत्साह मिल सके। भगवंत मान ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य पंजाब को खेल के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के तौर पर उभारना है।
खेल को अनदेखा करने के लिए पिछली सरकारों की आलोचना करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बेरुख़ी वाले रवैये के कारण खेल में कई दिग्गज खिलाड़ी पैदा करने वाला राज्य खेल के क्षेत्र में पिछड़ गया। हालाँकि, उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि स्कूलों में खेल सभ्याचार को प्रफुल्लित करने के लिए राज्य सरकार अब डी. पी. और पी. टी. आई. अध्यापकों की भर्ती जंगी स्तर पर कर रही है। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा खेल की तरफ विशेष ध्यान दिया जा रहा है और गाँवों में जल्द ही विश्व स्तरीय खेल स्टेडियम बनाऐ जाएंगे जिससे ग्रामीण लोगों की उभरती प्रतिभा को निखारा जा सके जिससे नौजवान नशों की बीमारी से दूर रह सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे खिलाड़ियों ने राज्य के लिए यश अर्जित किया है और अब राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी बनती है कि इन उपलब्धियों को मान्यता दी जाये। महान खिलाड़ियों और उनकी उपलब्धियों के साथ अपनी निजी सांझ ज़ाहिर करते हुये भगवंत मान ने ख़ास तौर पर उसेन बोल्ट, मार्टिना नवरातिलोवा, बोरिस बेकर, मारिया शारापोवा, अर्जुना राणातुंगा और अन्य खिलाड़ियों का ज़िक्र किया जिन्होंने खेल के क्षेत्र में अहम जीतें दर्ज की। उन्होंने खिलाड़ियों को कहा कि वह खेल में अपनी अलग जगह बनाने के लिए इन महान खिलाड़ियों के नक्शे-कदम पर चलें।
आत्म-विश्वास, मेहनत और समर्पण को सफलता की कुंजी बताते हुये मुख्यमंत्री ने उभरते खिलाड़ियों को हरेक स्थिति में अपने और अपनी काबिलीयत में विश्वास रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यह आत्म-विश्वास सभी रुकावटों को पार करने और देश के लिए पदक जीतने में मददगार होगा। भगवंत मान ने उम्मीद ज़ाहिर की कि वह दिन दूर नहीं, जब राज्य के नौजवान पंजाब और देश के लिए पदक जीत कर इतिहास सृजित करेंगे।
विद्यार्थियों के लिए सुनहरी भविष्य यकीनी बनाने के लिए ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ को क्रांतिकारी कदम बताते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में पंजाब को अग्रणी बनाने के लिए यह बहुत बड़ा कदम है। भगवंत मान ने आशा अभिव्यक्त की कि यह स्कूल विद्यार्थियों को मुकाबले वाली परीक्षाओं में कान्वेंट स्कूलों से पढ़े विद्यार्थियों का मुकाबला करने के योग्य बनाऐंगे, जिसके अंतर्गत विशेष तौर पर कॅरियर कौंसलिंग पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह स्कूल देश भर की मुकाबले वाली परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों को तैयार करने के लिए अहम भूमिका निभाएंगे।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि राज्य सरकार ने गाँव स्तर पर नये स्टेडियम बनाने के लिए खेल बजट में पहले ही बढ़ोतरी किया गया है जिससे गाँव स्तर जहाँ कुदरती हुनर मौजूद है, में हुनर को तराशा जाये, जबकि पहले इसको नजरअन्दाज किया गया। ‘खेडां वतन पंजाब दियां’ की बात करते हुये उन्होंने कहा कि इन खेलों ने राज्य में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देकर खिलाड़ियों की ऊर्जा को रचनात्मक दिशा में लगाया। भगवंत मान ने कहा कि ऐसी मेहनती कोशिशें खेल के क्षेत्र में खिलाड़ियों को प्लेटफार्म मुहैया करवा के नतीजे सामने लाएंगी। भगवंत मान ने अफ़सोस प्रकट किया कि पिछली सरकारों की बेकार और गलत नीतियों के कारण पंजाब पुलिस की हॉकी टीम, जे. सी. टी. फगवाड़ा और रेल कोच फैक्ट्री की फ़ुटबाल टीमों को दशकों तक नजरअन्दाज किए रखा परन्तु अब राज्य की इन अग्रणी टीमों को सुरजीत करने के लिए कोशिशें चल रही हैं।
इस दौरान खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बताया कि पंजाब की खेल नीति को एक पृथक दस्तावेज़ बनाने के लिए विभाग सख़्त मेहनत कर रहा है, जो खिलाड़ियों को अनुकूल माहौल मुहैया करेगी। उन्होंने कहा कि इतिहास में यह पहला मौका है, जब थल सेना, जल सेना और अन्य सेवाओं के राष्ट्रीय अवार्ड विजेताओं को राज्य सरकार की तरफ से सम्मानित किया गया है।