आत्मा के भोजन ‘सूफी संगीत’ को हर मन में बसाना है मेरा लक्ष्य: समरजीत रंधावा

ज़ी म्यूजिक से समरजीत रंधावा का ‘नैना दी कटारी’ गाना हुआ रिलीज

CHANDIGARH, 9 MAY: सूफी संगीत आत्माओं का भोजन है। यह हमारी आत्मा तक पहुंचता है और उसे तृप्त करता है। मेरा लक्ष्य है कि मैं इसे हर श्रोता के मन में बसा दूं। इसके साथ ही रीमिक्स के जमाने में मैं युवाओं को संगीत की परिभाषा से एक बार फिर रूबरू करवाऊं। यह कहना है प्रसिद्ध सूफी गायिका समरजीत रंधावा का। समरजीत सूफी गायकी, कव्वाली और भक्ति गीत गाती हैं। आज समरजीत का नया गाना ‘नैना दी कटारी’ ज़ी म्यूजिक द्वारा रिलीज हुआ है। नैना दी कटारी समरजीत का पहला पंजाबी बीट सॉन्ग है जिसे उन्होंने लिखा व कंपोज़ भी किया है।

समरजीत रंधावा अपनी सूफी गायकी के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं व अब तक 50 से ज़्यादा गाने कर चुकी हैं। उन्हें कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। वे विदेशों में भी सूफी व भक्ति गीतों का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। आज प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि संगीत मेरे लिए जीवन का एक अहम हिस्सा है। इसके बिना मेरा जीवन अधूरा है। समरजीत हाल ही में मुंबई छोड़कर हमेशा के लिए चंडीगढ़ आ गई हैं व यहां के लोगों की उन्नति के लिए काम करना चाहती हैं। समरजीत काफी समय से समाज सेवा से भी जुड़ी हुई हैं। उनकी एक समाजसेवा संस्था है जिसका नाम समरजहाँ फाउंडेशन है। इस फाउंडेशन के तहत ‘रोशनी’ नामक प्रोजेक्ट के अंतर्गत वे मोहाली के 50 गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर रही हैं। इसके साथ ही वे नमामि गंगे, स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत आदि योजनाओं के साथ जुड़ी हुई हैं।

चंडीगढ़ की मेयर सरबजीत कौर ने प्रेस क्लब पहुंचकर सूफी सिंगर समरजीत रंधावा की संगीत को लेकर सोच व बच्चों के लिए की जाने वाली समाजसेवा के लिए उन्हें सराहा। इस मौके पर जानेमाने साहित्यकार प्रेम विज भी उपस्थित रहे। समरजीत ने आज रिलीज हुए गाने ‘नैना दी कटारी’ के बारे में बात करते हुए बताया कि इस गाने को उन्होंने खुद लिखा व गाया है जिसका म्यूजिक ऋषित चौहान व वीडियो सम्राट सिंह ने की है। बहुत जल्दी समरजीत के गाने हिंदी फिल्मों में भी सुनने को मिलेंगे। समरजीत का प्रयास है कि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को अपनी गायकी प्रेरित करें व युवाओं का मार्गदर्शन करें।

error: Content can\\\'t be selected!!