CHANDIGARH: गांधी स्मारक निधि पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश की ओर से आज राष्ट्रमाता कस्तूरबा गांधी की 77वीं पुण्यतिथि मातृदिवस के रूप में गांधी स्मारक भवन सैक्टर 16-ए चंडीगढ के सभागार में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम का प्रारम्भ श्रीमती कंचन त्यागी के भजन एवं सर्वधर्म प्रार्थना से हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर श्रीमती रंजू प्रसाद मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल हरियाणा ने कहा कि महात्मा गांधी के ऐतिहासिक कार्यों में कस्तूरबा गांधी जी का जो योगदान रहा है उसका स्मरण भारत सदैव करता रहेगा। वे भारत की जनता की माता थीं तथा माता की तरह ही सबकी चिंता करती थीं। कस्तूरबा जी गांधी जी की प्रेरणास्रोत थीं। देवराज त्यागी निदेशक गांधी स्मारक भवन ने कहा कि कस्तूरबा गांधी जी ने स्वतंत्रता आन्दोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। उन्होंने सत्याग्रह आंदोलन में हिस्सा लिया तथा कई बार जेल गई। गांधी जी के जेल जाने के बाद उन्होंने महिलाओं को जागृत किया। आश्रम की व्यवस्था में सहयोग करने के पीछे उनके मातृत्व भाव की ही प्रेरणा थी। विनोबा जी ने कहा था कि वशिष्ठ और अरूंधती, राम और सीता की तरह ही हमारे देश मे गांधी जी एवं कस्तूरबा जी के नाम सदा अमर रहेंगे।
त्यागी ने कहा कि बा का खादी प्रेम इतना अधिक था कि एक बार उनकी अंगुली में चोट लग गई तो खादी का कपड़ा पट्टी बांधने के लिये ढूंढ रही थीं। एक बहन ने उनको महीन पट्टी लाकर दी तो उन्होंने कहा कि मुझे खादी की पट्टी ही बांधनी है। वह खुरदरी भी रहेगी तो मुझे नहीं चुभेगी। इस मौके पर अशोक नादिर भंडारी, सरिता मेहता, प्रेम विज, विजय कपूर, सुभाष भास्कर, हरेन्द्र सिन्हा, संतोष गर्ग, बीडी शर्मा ने कविताओं से कस्तूरबा गांधी को श्रद्धांजलि दी। धन्यवाद प्रस्ताव डाॅ. एमपी डोगरा ने किया। कार्यक्रम में डाॅ. सरिता मेहता, विनोद शर्मा, पापिया चक्रवर्ती, ऊषा शर्मा, गुरप्रीत, आनन्द राव, भूपेन्द्र शर्मा, सुमन बेरी, अशोक बेरी, नरेश शर्मा, संजय शर्मा खादी आश्रम चंडीगढ़ ने भी भाग लिया।