नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) की शुरूआत के साथ डिजिटलमय हुई विधानसभा
लोकसभा की तर्ज पर विधानसभा सत्र की शुरूआत
CHANDIGARH, 10 AUGUST: हरियाणा विधानसभा का तीन दिन चला डिजिटल मानसून सत्र कई मायनों में अहम रहा। एक ओर, जहां सदन में इस बार विधायकों को पहले दिन टैबलेट के माध्यम से सदन की कार्यवाही का प्रशिक्षण दिया गया, दूसरी ओर विधानसभा सत्र के समय को लोकसभा की तर्ज पर प्रात: 11.00 बजे आरम्भ करके एक नई परम्परा की शुरूआत की गई। इतना ही नहीं विधानसभा परिसर में विधायकों के लिए 100 रुपये में भोजन की व्यवस्था भी की गई है, जिसमें कोई भी विधायक भोजन कर सकता है। इसकी शुरूआत 9 अगस्त, 2022 को स्वयं विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता और सदन के नेता मुख्यमंत्री मनोहर लाल व नेता प्रतिपक्ष भूपेन्द्र सिंह हुड्डï द्वारा एक साथ बैठकर खाना खाकर की गई।
नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) की शुरूआत करने वाला हरियाणा बना तीसरा राज्य
हरियाणा विधानसभा के सभी सदस्यों ने नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) की शुरूआत करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता का तहेदिल से आभार व्यक्त किया, जिन्होंने लोकसभा की तर्ज पर विधानसभा की कार्यवाही चरणबद्ध तरीके से शुरू में विशेष रुचि ली है। वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गत दो वर्षों से सदन में बजट पेश करने में डिजिटलाईजेशन का उपयोग किया, जो आईटी के प्रति उनकी दक्षता को दर्शाता है। इस बार मानसून सत्र में मुख्यमंत्री के प्रयासों से हरियाणा विधानसभा के सभी विधायकों को नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) से जोडक़र एक नये युग का सूत्रपात हुआ है।
विधानसभा सत्र में खिलाडिय़ों के कॉमनवेल्थ खेलों में प्रदर्शन का मुद्दा भी छाया रहा
विधानसभा सत्र के दौरान हरियाणा के खिलाडिय़ों के कॉमनवेल्थ खेलों में प्रदर्शन की सराहना सदन में की गई। हरियाणा के खेल एवं युवा मामले राज्यमंत्री संदीप सिंह, जो खिलाडिय़ों की हौसला अफजाई के लिए बर्मिंघम गए हुए थे, ने डिजिटल रूप से सत्र के दूसरे दिन विधानसभा की कार्यवाही से जुडक़र जानकारी देते हुए बताया कि इन खेलों में भारत ने कुल 61 पदक जीते हैं, जिसमें से 22 स्वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्य पदक शामिल हैं। हरियाणा के खिलाडिय़ों ने कुल 17 पदक जीते हैं, जिनमें 9 स्वर्ण, 2 रजत और 6 कांस्य पदक शामिल हैं। इस पर सदन के सभी सदस्यों नेे मेज थपथपाकर खिलाडिय़ों के इस प्रदर्शन की तहेदिल से सराहना भी की।
सत्र के दौरान सत्तापक्ष व विपक्ष के सदस्यों मेें दिखाई दी एकजुटता
विधानसभा सत्र के दौरान जब झज्जर से विधायक श्रीमती गीता भुक्कल सदन के पटल पर पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ में हरियाणा का हिस्से को बहाल करवाने को लेकर अनौपचारिक संकल्प पढ़ा तो उस पर सत्तापक्ष व विपक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए इस मुद्दे पर सर्वसम्मत्ति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसे केन्द्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तो इस मुद्दे पर एक कदम और आगे बढ़ते हुए कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी वित्तीय संकट से जूझ रहा है क्योंकि पंजाब ने कई वर्षों से अपने हिस्से का फंड नहीं दिया है, जबकि हरियाणा पंजाब यूनिवर्सिटी में अपने हिस्से का पूरा खर्च देने को तैयार है। बशर्ते की यूनिवर्सिटी में हरियाणा के विद्यार्थियों के लिए हिस्सेदारी बहाल हो।
अवैध खनन व बढ़ते नशे का मुद्दा भी सत्र के दौरान छाया रहा
सत्र के दौरान जहां एक ओर अवैध खनन का मुद्दा छाया रहा, तो वहीं दूसरी ओर नशे के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। इन मुद्दों पर कई ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाए गए, जिन पर गंभीर चर्चा की गई। विपक्ष के सदस्य मान रहे थे कि वे सत्तापक्ष को इन मुद्दों पर घेर लेंगे लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ-साथ गृह मंत्री अनिल विज व परिवहन और खनन एवं भू-विज्ञान मंत्री मूलचंद शर्मा ने बड़े ही धैर्य के साथ विपक्ष द्वारा इन विषयों पर उठाए गए हर प्रश्न का उत्तर देकर सदन को आश्चर्यचकित कर दिया। इन मुद्दों पर जब मुख्यमंत्री बड़ी बेबाकी से अपना जवाब दे रहे थे तो लगता नहीं था कि वे किसी तथ्य को छुपा रहे हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि वो यह नहीं कहते कि अवैध खनन बिल्कुल खत्म हो गया है परंतु हमने अपने कार्यकाल में इस पर सख्ती अवश्य की है। उन्होंने अपनी इस बात को तथ्यों के साथ सदन में रखते हुए अवैध खनन के वर्ष 2005 से वर्ष 2014 तक तथा वर्तमान सरकार के कार्यकाल के आंकड़े प्रस्तुत किये। उन्होंने सदन को इस बात से भी अवगत करवाया कि यह उनकी सरकार का अवैध खनन के मामले में सख्ती का ही नतीजा है कि इस दौरान राजस्व में बढ़ौतरी हुई है।