JEE-NEET के मुद्दे पर मोदी सरकार का छात्र विरोधी चेहरा उजागर: एनएसयूआई

पंजाब यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष वरिंद्र ढिल्लों ने एनएसयूआई की भूख हड़ताल पर पहुंचकर दिया समर्थन

कोरोनाकाल में जेईई व एनईईटी की परीक्षा आयोजित कराने पर चंडीगढ़ एनएसयूआई ने नरेंद्र मोदी सरकार की जमकर आलोचना की

CHANDIGARH: पंजाब यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष वरिंद्र सिंह ढिल्लों ने कोरोनाकाल में JEE-NEET की परीक्षाएं कराने के खिलाफ यहां सेक्टर-35 में अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे एनएसयूआई के वरिष्ठ नेता मनोज लुबाना और उपाध्यक्ष राहुल कुमार के पास पहुंचकर उनकी हौसला अफजाई की।

छात्रों को खतरे में डाल रही मोदी सरकार

बरिंद्र ढिल्लों और लुबाना ने कहा कि जिस समय दुनिया भर की सरकारें अपने लोगों को घरों में रहने और किसी भी मुश्किल से बचने के लिए सावधानी बरतने के लिए सुझाव दे रही हैं, उस समय मोदी सरकार JEE-NEET परीक्षा आयोजित करके छात्रों को खतरे में डाल रही है। छात्रों को व उनके माता-पिता को आश्वासन देते हुए कहा कि युवा कांग्रेस और एनएसयूआई उनके साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि युवा किसी भी राष्ट्र के लिए उसका भविष्य होता है और उनकी सुरक्षा रखना किसी भी सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए लेकिन मोदी सरकार लाखों छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने पर तुली हुई है बाबजूद महामारी के कारण स्कूल और कॉलेज बंद हैं और लोग अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

सरकार को दी चेतावनी

उन्होंने कहा कि एक तरफ मोदी सरकार परीक्षा केंद्रों में व्यवस्था बनाने में विफल है सरकार ‘ताल और थाली’ बजाने में व्यस्त है जबकि कोरोना के कारण लोग रोज मर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस शासित राज्यों की सरकार को इस परीक्षा के खिलाफ अदालतों में याचिका दायर करने का निर्देश दिया है। युवा कांग्रेस और एनएसयूआई छात्रों और नौजवानों की आवाज़ उठाती रहेगी। अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती है तो हम बहरी और गूंगी सरकार को अपनी आवाज़ सुनाने के लिए सड़कों पर आने को मजबूर हो जाएंगे।

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