मोदी सरकार ने पंजाब विरोधी, लोक विरोधी, किसान विरोधी और दिशाहीन केंद्रीय बजट पेश किया: मुख्यमंत्री भगवंत मान

कहा- केंद्र सरकार ने राज्य को पूरी तरह अनदेखा करके देश के प्रति पंजाबियों के अनगिनत बलिदानों का घोर निरादर किया

CHANDIGARH, 2 FEB: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए 2023-24 के आम बजट को पंजाब विरोधी, लोक विरोधी, किसान विरोधी और दिशाहीन बताते हुए केंद्र सरकार की सख़्त आलोचना की।

मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, ‘‘यह कितनी शर्मनाक बात है कि केंद्र सरकार ने अपनी संकुचित मानसिकता के चलते राज्य को पूरी तरह अनदेखा कर दिया जिससे बहादुर और मेहनती पंजाबियों की तरफ से आज़ादी से पहले और बाद में दिये अनगिनत बलिदानों की तौहीन की गई।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको यह जान कर दुख हुआ है कि पंजाब की सभी वाजिब माँगों को पूरी तरह भुला दिया गया और केंद्रीय बजट में राज्य को कहीं भी शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाले समागम में राज्य की झाँकी को परेड से बाहर रखने के बाद यह भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब के योगदान को जानबुझ कर अनदेखा करने के लिए की गई दूसरी कोशिश है। भगवंत मान ने कहा कि उनको यह समझ नहीं आ रही कि भाजपा पंजाब के साथ ऐसा सौतेली माँ वाला सलूक क्यों कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरहदी राज्य होने के कारण उन्होंने बी.ऐस.ऐफ और पंजाब पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए केंद्र से 1000 करोड़ रुपए की माँग की थी। उन्होंने कहा कि यह फंड सरहद पार ख़ास कर हाईटेक ड्रोनों के द्वारा नशों और हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए ज़रूरी हैं। भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस माँग को ठंडे बस्ते में डाल कर इसलिए बजट अलॉट नहीं किया जिससे सरहदी राज्य की सुरक्षा को पूरी तरह खतरे में डाला जा रहा है।

इसी तरह मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्री-बजट मीटिंगों के दौरान लोगों की सुविधा के लिए अमृतसर और बठिंडा से दिल्ली तक वंदे मातरम रेल गाड़ियाँ शुरू करने की ज़रूरत के बारे भी बात की थी। उन्होंने कहा कि सिखों के पाँच तख़्तों को रेल मार्ग के द्वारा जोड़ने के विचार के साथ-साथ इस माँग को भी पूरी तरह नजरअन्दाज कर दिया गया। भगवंत मान ने कहा कि इस धार्मिक सर्कट से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यात्रियों की सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी अफ़सोस जताया कि बजट ने मोदी सरकार के किसान विरोधी चेहरे को नकाब कर दिया। उन्होंने कहा कि यह मौजूदा मोदी सरकार का आखिरी बजट है परन्तु दावों के बावजूद किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कुछ नहीं किया गया। भगवंत मान ने कहा कि सरकार किसानों को फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने से भी भाग रही है जोकि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह धान की पराली की समस्या के हल के लिए केंद्र की तरफ से किसानों को प्रति एकड़ 1500 रुपए की वित्तीय सहायता के साथ-साथ राज्य की तरफ से बराबर ग्रांट देने की पैरवी कर रहे हैं हालाँकि केंद्र सरकार की तरफ से इस सम्बन्धी कुछ नहीं किया गया। भगवंत मान ने कहा कि चाहे केंद्रीय वित्त मंत्री ने नये नर्सिंग कालेज खोले जाने का अस्पष्ट सा ऐलान किया है परन्तु इसलिए भी कोई समय सीमा तय नहीं की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे अनुसूचित जनजातियों को बजट में अलग-अलग सहूलतों की पेशकश की गई परन्तु अनुसूचित जातियों और पिछड़ी श्रेणियों के भाईचारें को पूरी तरह नजरअन्दाज किया गया। उन्होंने कहा कि स्क्रिप्ट आधारित बजट पूरी तरह दिशाहीन और अप्रगतिशील है। भगवंत मान ने कहा कि बजट में आम आदमी के लिए दूरअन्देशी की कमी झलकती है जोकि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है।

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को मुख्य मुद्दों पर राज्य को नजरअन्दाज करके आग के साथ खेलने से रोकने के लिए सचेत किया। उन्होंने कहा कि पंजाब से बिना भारत की कल्पना भी नहीं की जा सकती और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब और पंजाबियों के योगदान को अनदेखा करने की कोशिश को हरगिज़ बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब, देश की खड़गभुजा और अन्नदाता है और मुल्क के प्रति इसके योगदान को कभी भी घटाया नहीं जा सकता।

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