मोगा से तीन दिवसीय खेती बचाओ यात्रा की शुरुआत की
CHANDIGARH: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ तीन दिवसीय खेती बचाओ यात्रा की शुरूआत करते हुए काले खेती कानूनों के विरुद्ध लड़ाई लडऩे और अम्बानी व अडानी जैसे बड़े कॉर्पोरेटों के चंगुल से किसानी को बचाने का प्रण किया।
राहुल गांधी ने मोदी सरकार को कठपुतली बताते हुए कहा कि इस सरकार की डोरी अडानी और अम्बानी के हाथों में है। कांग्रेसी नेता ने किसानों को ‘गारंटी देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा केंद्र में सत्ता में आते ही इन तीनों काले कानूनों को रद्द करके रद्दी की टोकरी में फैंक दिया जाएगा।
मोगा और लुधियाना जिलों से होकर गुजरने वाली ट्रैक्टर रैली के लिए रवाना होने से पहले मोगा में बधनी कलां में सार्वजनिक रैली को संबोधन करते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बरसते हुए कहा कि वह अपने अरबपति मित्रों के 2-3 बड़े कॉर्पोरेट घरानों के हितों की खातिर पिछले 6 सालों से लोगों से झूठ बोल रहे हैं और देश को गुमराह कर रहे हैं।
उन्होंने नोटबंदी, जी.एस.टी. और कोविड के दरमियान बड़े उद्योगपतियों के कर्जे और टैक्स माफ करने का भी जिक्र किया जबकि दूसरी तरफ गरीबों और किसानों को एक पैसे की भी सहायता नहीं दी।
राहुल गांधी ने किसानों को सावधान करते हुए कहा कि यह आपकी जमीन और आपके पैसे का सवाल है। उन्होंने जमीन अधिग्रहण करने के बिल का भी जिक्र किया जिसको यू.पी.ए. सरकार ने किसानों के हक में सुधारा था परंतु मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद अकालियों की सहायता से इस किसान हितैषी कानून को रद्द कर दिया। कांग्रेसी संसद मैंबर ने कहा कि अडानी और अम्बानी बदले में कुछ भी दिए बिना किसानों का पैसा और जमीन हथियाना चाहते हैं और इसके बदले में प्रधानमंत्री अपने हक में 24 घंटे मीडिया कवरेज लेने के लिए उनकी मदद कर रहे हैं।
किसानों को अपना और कांग्रेस पार्टी का पूरा समर्थन देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वह किसानों की रोजी-रोटी और गुजारे के लिए उनकी लड़ाई में साथ खड़े हैं जिसको मोदी सरकार की तरफ से इन घातक कानूनों के द्वारा तबाह करने की कोशिश की जा रही है। किसानों के हक में आवाज बुलंद करते हुए कांग्रेसी नेता ने कहा कि हम एकजुट होकर इन कानूनों को बदल देंगे।
इन कानूनों को कोविड के समय में और वह भी संसद में बिना किसी बहस के किसानों पर थोपने की जरूरत पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसान इन कानूनों के साथ खुश होते, जैसे कि भारत सरकार दावा कर रही है, तो फिर पंजाब और मुल्क के बाकी हिस्सों में किसान इसके विरुद्ध आंदोलन क्यों कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि ये नए कानून, जिनका उद्देश्य आखिर में न्यूनतम समर्थन मूल्य और एफ.सी.आई. की खरीद प्रणाली को खत्म करना है, किसानी की कमर तोड़ कर रख देंगे जैसे कि भारत पर काबिज होने के लिए ब्रिटिश हाकिमों ने किया था। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानी की कमर तोडऩे की कोशिश कर रही है ताकि समूचा किसानी ढांचा अपने उद्योगपति मित्रों के हवाले किया जा सके।
उन्होंने प्रण लेते हुए कहा कि ऐसा किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने संकल्प लेते हुए कहा कि किसानों की लड़ाई में कांग्रेस डटकर साथ खड़ी है और हम एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसानों ने कठिन समय में मुल्क को अनाज की सुरक्षा के पक्ष से आत्मनिर्भर होने के समर्थ बनाया और इसलिए परखी हुई प्रणाली को अपनाया गया जो न्यूनतम समर्थन मूल्य, फसल की खरीद और मंडियों के रूप में तीन स्तम्भों पर खड़ी है।
उन्होंने कहा कि व्यवस्था में सुधार और बदलाव की जरूरत होती है और कांग्रेस पार्टी किसी भी सूरत में इसको तबाह होने की इजाजत नहीं देगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इस कदम से किसान अडानी और अम्बानी के रहमो-करम पर रह जाएंगे जिससे किसान भाईचारे को खत्म करने का आधार बंधेगा।
राहुल गांधी, जिन्होंने बीते कल हाथरस घटना के पीडि़त परिवार को मिलने जाने के लिए अपना पंजाब आने का प्रोग्राम एक दिन आगे बढ़ाया था, ने कहा कि भारत का स्तर घटाकर ऐसे मुल्क जैसा कर दिया गया है जहां पीडि़त अपराधियों की तरह कार्रवाई का सामना करते हैं और अपराधी खुलेआम दनदनाते हुए घूमते हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से भी काले कानूनों के खिलाफ लड़ाई तब तक जारी रखने का प्रण लिया गया, जब तक इन कानूनों को संशोधित कर न्यूनतम समर्थन मूल्य और भारत खाद्य निगम का अस्तित्व बनाए रखने बारे कानूनी तौर पर लिखित गारंटी नहीं दी जाती।
केंद्र सरकार की इसकी किसान विरोधी-पंजाब विरोधी मुहिम के लिए कड़ी आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की तरफ से दिए जा रहे जुबानी भरोसों पर कभी भी यकीन नहीं किया जा सकता।
केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री के नाते हरसिमरत का इस फैसले में पक्ष होने और केंद्र सरकार के सहयोगी के तौर पर किसान के हितों को बेचने के लिए अकालियों पर बरसते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों को चेताया कि केंद्र सरकार कुछ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य दे सकती है परंतु अंतिम तौर पर इसकी तरफ से व्यवस्था को मुकम्मल रूप में खत्म कर दिया जाएगा।
यह कहते हुए कि अपनी रोजी रोटी और भविष्य को बचाने के लिए एकजुट होकर लड़ रहे किसानों की सांझी आवाज को दबाने के यत्न किए जा रहे हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि इन किसानी कानूनों के खिलाफ संघर्ष पूरे मुल्क में चल रहा है और कांग्रेस हर कदम पर किसानों के साथ है। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों ने मुल्क को खाद्य पदार्थों के पक्ष से सुरक्षित बनाया है और पिछले 6 दशकों से वह मुल्क का पेट भर रहा है और किसानों के हितों को हर कीमत पर सुरक्षित रखा जाएगा।
आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव और पंजाब मामलों के इंचार्ज हरीश रावत, आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव के.सी. वेनूगोपाल, पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़, पंजाब के कैबिनेट मंत्री रंधावा, मोहम्मद सदीक और विधायक नवजोत सिद्धू के अलावा कांग्रेस के अन्य नेताओं, हरियाणा से दीपेंद्र हुड्डा की तरफ से भी राहुल गांधी और कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ मंच साझा किया गया।
राहुल गांधी, कैप्टन अमरिंदर सिंह और अन्य नेताओं द्वारा ‘किसान मजदूर एकता झंडा जारी किया गया। इसके उपरांत कांग्रेस नेताओं द्वारा बरास्ता लोपो (मोगा) और चक्कर, लेखा, माणूके (जगराओं) ट्रैक्टर रैली निकाली गई जो जट्टपुरा (रायकोट) जाकर समाप्त हुई।
यात्रा में शिरकत करने वाले प्रमुख नेताओं में पंजाब विधानसभा के डिप्टी स्पीकर अजायब ङ्क्षसह भट्टी, कैबिनेट मंत्री मनप्रीत बादल, गुरप्रीत कांगड़, चरनजीत चन्नी और राणा गुरमीत सोढी, विधायक दर्शन बराड़, राणा गुरजीत, डा. हरजोत कमल, कुलबीर जीरा, यूथ कांग्रेस के प्रधान ढिल्लों और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव कैप्टन संदीप संधू शामिल थे।