मोदी सरकार ने स्वामीनाथन समिति के सुझावों को कानून में बदला: सूद

चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने नए कृषि कानूनों को किसानों के सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार का ऐतिहासिक व सराहनीय कदम बताया

CHANDIGARH: तीन नए कृषि अध्यादेशों के मामले में आज राज्यसभा से भी अच्छी खबर आने के बाद चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी और कहा कि ये किसान सशक्तिकरण की तरफ एक ऐतिहासिक एवं सरहानीय फैसला है, जिससे किसानों के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता दोहराई गई और स्वामीनाथन की सिफारिशों को सुचारू रूप से लागू किया गया है। अरुण सूद ने स्पष्ट किया कि एमएसपी पर खरीद की प्रक्रिया जारी रहेगी। इस कानून से इंस्पेक्टर राज का अंत होगा और भ्रष्टाचार का अंत होना भी निश्चित है।

सेक्टर-33 स्थित चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा कार्यालय से एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अरुण सूद ने कहा कि विपक्षी दल हताशा में इन नए कृषि बिलों के बारे में भ्रम फैला रहे हैं लेकिन किसान कभी भी इस बहकावे में नहीं आएगा। किसानों को साफ पता है कि विपक्षी दल अपनी रोटियां सेकने के लिए राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने मीडिया से आह्वान किया कि वह इन बिलों के महत्व को न केवल कृषक समुदाय को, बल्कि जनता को भी स्पष्ट करें। बिलों की व्याख्या करते हुए अरुण सूद ने कहा कि स्वामीनाथन समिति के सुझावों को कानून में बदल दिया गया है, जो निश्चित रूप से किसानों को आर्थिक रूप से विकसित करने में मदद करेगा। विधेयक फसलों के लिए उचित मूल्य प्रदान करेगा, आय बढ़ाने के लिए और किसानों के जीवन स्तर को बढ़ाने के लिए ये बिल ऐतिहासिक सिद्ध होगा। अरुण सूद ने स्पष्ट किया मंडियों को समाप्त नहीं किया जाएगा, कृषि व्यपार को वैसे ही जारी रखा जाएगा जैसे कि पहले था।

कांग्रेस किसानों को कर रही गुमराह

कांग्रेस हमेशा की तरह गलत तथ्यों के द्वारा किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज एक बार फिर से स्पष्ट किया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पूर्व तरीके से ही तय किया जाएगा और E-Nam पोर्टल पहले जैसा ही काम करेगा। रबी फसलों का एमएसपी आगामी सप्ताह में घोषित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये बिल किसानों के हितों की रक्षा के लिए हैं। अरुण सूद ने आगे कहा कि नए प्रावधानों के अनुसार, फसल बेचने के 3 दिनों के भीतर भुगतान की एक प्रणाली स्थापित की जा रही है। किसी भी स्थिति में, किसान की भूमि का स्वामित्व सौ प्रतिशत तरीके से सुरक्षित किया जाएगा। कृषि उपज पर कर का बोझ कम होने जा रहा है, इस प्रकार यह किसानों के लिए लाभदायक होगा। 10,000 से अधिक कृषि उत्पादकों की स्थापना की जा रही है।

विरोध केवल राजनीतिक लाभ के लिए

अरुण सूद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रतिरोध केवल राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है, क्योंकि ये सभी बिंदु पहले से ही उनके घोषणापत्र में मौजूद थे, लेकिन वे उन बिंदुओं को लागू करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति एकत्र नहीं कर सकते थे। उन्होंने बताया कि इन बिलों से किसानों के साथ-साथ फार्म सेक्टर को भी पूर्ण लाभ होता है, इसमें कोई संदेह नहीं है।

किसानों का उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक-2020 की खास बातें

• किसानों को अपनी उपज बेचने की स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए और वे अपनी उपज को निर्बाध रूप से राज्य के अंदर या बाहर बेच सकते हैं। परिवहन लागत और करों को कम करके, अपनी उपज के किसानों को बढ़ी हुई कीमत प्रदान करेगा।
• ई-ट्रेडिंग प्रणाली के माध्यम से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए अधिक सुविधाजनक प्रणाली प्रदान करेगा।
• मंडियों के अलावा अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों जैसे कि फार्मगेट, कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस, प्रोसेसिंग यूनिटों में व्यापार की स्वतंत्रता प्रदान करेगा।

ये है मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा विधेयक- 2020 का किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता

• किसानों को व्यवसायियों, कंपनियों, प्रसंस्करण इकाइयों, निर्यातकों से सीधे जोड़ना। समझौते / अनुबंध के माध्यम से बुवाई से पहले ही उपज की कीमत तय करना। फसल बोने से पहले बीमा भी होगा।
• किसानों को बाजार की अनिश्चितताओं से बचाने के लिए, चूंकि कीमतें पहले से तय की जा चुकी होंगी , बाजार में कोई भी उतार-चढ़ाव किसानों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं देगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि विपणन लागत को कम करके, किसानों की आय में वृद्धि हुई है।

आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक-2020 की खास बात

• निवेश को कोल्ड स्टोरेज और खाद्य प्रसंस्करण इकाई पर बढ़ाया जाएगा, किसानों को एक बेहतर बुनियादी ढांचा मिलेगा।
• आवश्यक वस्तुओं की सूची से अनाज, दलहन, तिलहन, प्याज, आलू आदि को हटाया जाएगा।

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