पंजाब में बनेगा मिनी जापान: कैप्टन अमरिंदर ने जापानी कंपनियों को दिया न्योता

CHANDIGARH: इनवैस्ट पंजाब के द्वारा जापान से राज्य में निवेश लाने के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शुक्रवार को पंजाब में ‘छोटा जापान’ बनाने की सोच प्रकट की, जोकि राज्य में मौजूदा समय में व्यापारिक गतिविधियां चला रही 100 से अधिक जापानी कंपनियों के साथ सहयोग को और आगे लेकर जाएगी। इनवैस्ट पंजाब के जापान डैस्क द्वारा पंजाब में निवेश के मौके तलाशने के लिए टोक्यो के भारतीय दूतावास के सहयोग से करवाए भारत-जापान निवेश सम्मेलन के अवसर पर मुख्यमंत्री ने वर्चुअल तौर पर संबोधन करते हुए कहा कि पंजाब व्यापारिक गतिविधियां चलाने के पक्ष से सबसे सुरक्षित स्थान है, क्योंकि यहाँ बीते 30 वर्षों के दौरान ना तो कोई लॉकआऊट और न ही कोई हड़ताल देखने को मिली है।

उन्होंने आगे कहा, ‘‘भारत सरकार द्वारा इनवैस्ट पंजाब को चोटी की कारगुज़ारी करने वाली प्रांतीय निवेश प्रोमोशन अथॉरिटी घोषित किया गया है और यहाँ जापान डैस्क की स्थापना भी की गई है, जिससे राज्य में निवेश करने के इच्छुक जापानी निवेशकारों की मदद की जा सके और जापान एवं पंजाब की कंपनियों को एक साझा मंच मिल सके।’’

जापानी उद्योग को पंजाब में निवेश करने का न्योता देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों के  दरमियान कृषि, फूड प्रोसैसिंग, टैक्निकल टेक्स्टाईल, इंजीनियरिंग, फार्मा और मैडीकल उपकरण और कौशल विकास के क्षेत्र में हिस्सेदारी की काफ़ी संभावना है। उन्होंने यह बात भी दोहराई कि राज्य में जापानी औद्योगिक टाऊनशिप के विकास के लिए राजपुरा के नज़दीक 1000 एकड़ ज़मीन भी मुहैया करवाई जाएगी।

अपने उद्घाटन के भाषण में जापान में भारतीय राजदूत संजय वर्मा ने भारत और ख़ासकर पंजाब में संभावनाएं तलाशने के लिए जापानी कंपनियों का स्वागत किया। उन्होंने पंजाब को भारत के सबसे $खुशहाल राज्यों में से एक के तौर पर पेश किया, जो अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए प्राथमिक निवेश स्थान भी है। राज्य में उद्योग समर्थकीय माहौल पर रौशनी डालते हुए मुख्य सचिव विनी महाजन ने कहा कि पंजाब कारोबार करने को आसान बनाने में अन्यों के लिए प्रेरणास्रोत बनने के रास्ते पर है। राज्य में निवेशक समर्थकीय माहौल के साथ पंजाब सरकार को 80,000 करोड़ रुपए के निवेश हासिल हुए हैं, जो लागूकरण के अलग-अलग पड़ावों पर हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार ने तीन स्थानों पर 1000 एकड़ से अधिक ज़मीन देखी है, जिसकी जापानी उद्योगों द्वारा जाँच-पड़ताल की जा सकती है। इस मौके पर इनवेस्टमैंट प्रोमोशन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शेखर ने जापान और पंजाब के दरमियान द्विपक्षीय सम्बन्ध स्थापित करने के लिए पंजाब सरकार द्वारा की जा रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी और चीन को छोड़ रही जापानी कंपनियों के लिए पंजाब को एक आकर्षक जगह के तौर पर पेश किया।

इनवैस्ट पंजाब के सी.ई.ओ. रजत अग्रवाल ने राज्य में जापानी कंपनियों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के मौकों के बारे में पेशकारी दी। राज्य में क्षेत्रीय सामथ्र्य का जि़क्र करते हुए उन्होंने राज्य में निवेश के अनुकूल अलग-अलग पक्षों जैसे कि शांतमयी श्रम संबंधों, औद्योगिक और व्यापार विकास नीति 2017 के अधीन निवास की शर्त के बिना लाभप्रद रियायतों और इनवैस्ट पंजाब के वन स्टॉप ऑफिस के मॉडल संबंधी जानकारी दी।

भारत के टोक्यो दूतावास में मंत्री (ई एंड सी) मोना खंधार ने भारत-जापान औद्योगिक और तकनीकी सहयोग के विकास में एक महत्वपूर्ण जगह के तौर पर पंजाब की महत्ता पर रौशनी डाली।  सैशन में एमडी और सीईओ एस.एम.एल. इसूज़ू यूगो हाशीमोतो और एमडी यनमार इंडिया प्राईवेट लिमिटेड काज़ूनोरी अज़ीकी ने पंजाब में काम करने के अपने तज़ुर्बे साझे किए। उन्होंने उपयुक्त संख्या में कुशल मानव संसाधन और कारोबार करने में सुविधा के लिहाज़ से पंजाब सरकार द्वारा प्राप्त संपूर्ण सहयोग के बारे में भी बात की।

जापान की सरकारी संस्थाओं से नुमायंदे जैसे कि डिप्टी डायरैक्टर-जनरल, अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्रालय, जापान सरकार, ओसामू ओनोडीरा ने उम्मीद जताई कि जापान और पंजाब औद्योगिक सहयोग के लिए अपने संबंधों को मज़बूत करने के योग्य हैं।

इसी तरह जापान विदेशी व्यापार संगठन (जे.ई.टी.आर.ओ.) के कार्यकारी उप प्रधान, काज़ूया नाकाजो ने पंजाब के अनुकूल माहौल के बारे में बात की, जिसमें इसकी रणनीतिक जगह, काबिल लीडरशिप, बिजली की उपयुक्त उपलब्धता, आकर्षक रियायतों और मज़बूत योजनाबंदी और संपर्क शामिल हैं। इनवैस्ट पंजाब की ए.सी.ई.ओ. ईशा कालिया ने जापान और पंजाब के मज़बूत दोतरफ़े संबंधों के बारे में जानकारी देते हुए राज्य में निवेश करने के लिए जापानी उद्योगों का स्वागत किया। 

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