CHANDIGARH: लोकसभा सांसद शशि थरूर ने मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल-2020 के अंतिम दिन प्रसिद्ध कलाकार मेजर बिक्रमजीत कंवरपाल के साथ बातचीत में बताया कि रेलवे के साथ-साथ औपनिवेशिक शासन में किया गया ढांचागत विकास केवल अंग्रेजों के हित में किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘अंग्रेजों द्वारा शुरू से ही यह तर्क दिया जाता रहा है कि उन्होंने भारत में कई संस्थानों और प्रथाओं का निर्माण किया जिनसे भारत को फायदा हुआ है, लेकिन समस्या यह है कि उनमें से किसी का भी भारत के हितों से कोई लेना-देना नहीं था। हर एक चीज जिसकी वे बात करते हैं, वह केवल अंग्रेजों के लिए बनाई गई थी ताकि वे अपनी भूमिका को लंबा खींच सकें या अपने लाभ को बढ़ा सकें।
थरूर ने कहा कि रेलवे इसका सबसे अच्छा उदाहरण है क्योंकि इसे केवल बंदरगाहों तक समान पहुंचाने के लिए बनाया गया था जहाँ से समान को इंग्लैंड भेजा जा सकता था और इसका एक अन्य उद्देश्य भारत के हर हिस्से में सेना को पहुँचाना था ताकि विद्रोह या कानून और व्यवस्था की स्थिति को काबू में किया जा सकें।
अपनी नई पुस्तक के बारे में बात करते हुए, थरूर ने कहा कि जब वह पुस्तक प्रकाशित करेंगे, तो यह किसी भी तरह से हमारी सरकार की तरफ से की गई नाकामियों की जिम्मेदारी से बचने का कोई बहाना नहीं होगा, और ना ही किसी तरह से अपने आप को सही ठहराने की कोई कोशिश होगी क्योंकि जो बीत गया सो बीत गया बल्कि वह सोचते हैं कि हरेक समाज को अतीत जाने का हक है।
देशभक्ति की भावना पर थरूर ने कहा कि यह सब अपने देश से प्यार करने के बारे में है क्योंकि आपका देश से नाता हैं और देश का आपसे। उन्होंने कहा, ‘जहां देशभक्त अपने देश के लिए मरने के लिए तैयार रहता है, वहीं एक राष्ट्रवादी अपने राज्य के लिए मारने के लिये तैयार रहता है और यही फर्क है और मुझे लगता है कि हमें इसे समझना जरूरी है। ’
थरूर की पुस्तक ‘बैटल ऑफ बिलाँगिंग’ पर चर्चा करते हुए, अशोक के. मेहता ने कहा, ‘‘जब थरूर ने प्रश्न पूछा कि उत्तम भारतीय कौन है? तो मुझे लगता है कि उत्तम भारतीय भारत का सैनिक है क्योंकि वह उन सभी मूल्यों को अपनाता है जिनका शशि थरूर ने अपनी पुस्तक में जि़क्र किया है। इन मूल्यों में सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण तौर पर धर्मनिरपेक्ष होना, अराजनैतिक होना, पेशेवर होना और लोगों की देखभाल करने में सक्षम होना आदि शामिल हैं।’’