जांच की जि़म्मेदारी एसएसपी विजीलैंस अमृतसर को सौंपी
CHANDIGARH: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने पुख़्ता सबूतों के आधार पर राज्य में खाने पीने वाली वस्तुओं के मानक को चैक करने के लिए एकत्रित किए जाते नमूनों की परख और उनका रिकार्ड रखने में कोताही बरतने के विरुद्ध विजीलैंस इंक्वायरी दर्ज की गई है जिससे इस सम्बन्धी हो रहे फजऱ्ीवाड़े का पर्दाफाश किया जा सके।
आज यहाँ यह जानकारी देते हुए पंजाब विजीलैंस ब्यूरो के प्रमुख और डीजीपी बीके उप्पल ने बताया कि स्वास्थ्य और ख़ुराक विभाग की तरफ से राज्य में खाने-पीने वाली वस्तुओं की मिलावट के विरुद्ध चैकिंग के उपरांत स्टेट फूड एंड कैमीकल लैबोरेटरी खरड़ में जांच करवाई जाती है परन्तु एक प्राथमिक पड़ताल से यह सामने आया है कि खाद्य वस्तुओं के लिए जाते सभी नमूने आगे लैबोरेटरी में परख के लिए नहीं भेजे जाते क्योंकि विभाग के कर्मचारियों की तरफ से सम्बन्धित दुकानदारों या होटल मालिकों के साथ मिलीभगत करके मामला दबा दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से लोगों की स्वास्थ्य सहूलतों को ध्यान में रखते हुए खाने-पीने की वस्तुओं के मानक को सही रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग और ख़ुराक सप्लाई विभाग पंजाब को समय-समय हिदायतें जारी की जाती हैं। जिस कारण इन विभागों की तरफ से समय-समय परन्तु अलग-अलग डेयरियों, मिठाई की दुकानों, होटलों और अन्य दुकानों की चैकिंग करके खाने पीने वाले सामान के नमूने लिए जाते हैं और सहायक कमिश्नर, फूड सेफ्टी कार्यालय भेजकर इन सैपलों को एनालाईज़ करने के लिए खरड़ की लैबोरेटरी भेजा जाता है।
उन्होंने बताया कि विजीलैंस ब्यूरो की प्राथमिक जांच के दौरान पता लगा है कि स्वास्थ्य विभाग जो खाने-पीने वाले समान के सैंपल लेता है, उन सभी सैपलों में से जिन दुकानों /रैस्टोरैंटों के मालिकों के साथ मामला सैट हो जाता है उनके सैंपलों को ऐनालाईज करने के लिए लैबोरेटरी में नहीं भेजा जाता।
उप्पल ने बताया कि इस मामले का पता लगाने के लिए विजीलैंस ब्यूरो की मैडीकल टीम की तरफ से साल 2018 -19 का सहायक कमिश्नर फूड सेफ्टी अमृतसर, गुरदासपुर, पठानकोट और तरनतारन की तरफ से प्राप्त किये सैंपलों का रिकार्ड और स्टेट फूड एंड केमिकल लैबोरेटरी खरड़ का रिकार्ड हासिल करके मिलान करते समय काफ़ी अंतर पाया गया। साल 2018 में अमृतसर की तरफ से कुल 1115 सैंपल भेजे गए और खरड़ लैबोरेटरी में 1113 सैंपल प्राप्त हुए दिखाऐ गए। इनमें से खरड़ लैबोरेटरी की रिपोर्ट के अनुसार 851 सैंपल फेल हुए जबकि अमृतसर की रिपोर्ट के अनुसार यह संख्या 497 है। इसी तरह 2019 में अमृतसर की तरफ से 599 सैंपल भेजे गए जबकि खरड़ लैबोरेटरी की तरफ से 597 दिखाऐ गए हैं।
इनमें से खरड़ लैबोरटरी की तरफ से 217 सैंपल फेल दिखाए गए जबकि अमृतसर की रिपोर्ट में यह संख्या 172 दिखाई गई है।विजीलैंस ब्यूरो के प्रमुख ने बताया कि इसके अलावा रिकार्ड की जांच के दौरान यह भी पाया गया कि फूड सैंपलों सम्बन्धी रिकार्ड को सही तरीके से मेन्टेन नहीं किया गया। फूड सैंपलों को सील करने के लिए जो स्लिपें दी जाती हैं उनको प्राप्त करने वाला फूड सप्लाई अफ़सर कोई और है और मिठाई और रैस्टोरैटों के सैंपल प्राप्त करने वाला फूड सप्लाई अफ़सर कोई और है। इसके अलावा कुछ फूड सैंपलों को सील करने वाली स्लिपें फूड सप्लाई विभाग के चालकों, वर्ग-4 कर्मचारियों या क्लर्कों को भी जारी की गई हैं जबकि नियमों के अनुसार इनको जारी नहीं किया जा सकता।